दिग्गज नेता, वर्तमान केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान अब नहीं रहे
रामविलास पासवान बिहार के खगरिया जिले के शाहरबन्नी गाँव से थे। वह एक अनुसूचित जाति परिवार में पैदा हुये थे। उन्होंने 1 9 60 के दशक में राजकुमारी देवी से शादी की। 2014 में उन्होंने खुलासा किया कि लोकसभा नामांकन पत्रों को चुनौती देने के बाद उन्होंने 1 9 81 में उन्हें तलाक दे दिया था। उनकी पहली पत्नी राजकुमारी से उषा और आशा दो बेटियां हैं। उन्होंने फिर 1 9 83 में अमृतसर से एक एयरहोस्टेस और पंजाबी हिन्दू रीना शर्मा से विवाह किया। उनके पास एक बेटा और बेटी है। उनके बेटे चिराग पासवान एक अभिनेता से बने राजनेता हैं। आज गुरुवार, 8 अक्टूबर 2020 को 74 वर्ष की आयु में दिल्ली में उनका निधन हो गया।
रामविलास पासवान ने एमए औऱ एलएलबी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने यूपीएससी क्लियर भी कर लिया और उनका चयन डीएसपी पद के लिए हो गया था।
जब उनका चयन यूपीएससी में हुआ तभी वह समाजवादी नेता राम सजीवन के संपर्क में आए और राजनीति का रुख कर लिया। 1969 में वह अलौली विधानसभा से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे। इसके बाद पासवान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
1977 में वह जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े औऱ सबसे अधिक वोटों के अंतर से जीतने का विश्व रिकॉर्ड बना लिया। 1989 में रामविलास ने इसी सीट से अपना ही रिकॉर्ड तोड़ नया कीर्तिमान बनाया। बाद में उनका ये रिकॉर्ड भी नरसिम्हा राव समेत दूसरे नेताओं ने तोड़ा।
पासवान पिछले 29 सालों में करीब हर प्रधानमंत्री के साथ काम कर चुके हैं। नरसिम्हा राव की कैबिनेट में वह नहीं थे।
राम विलास पासवान ने साल 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया। राम विलास पासवान पार्टी के अध्यक्ष बने और लंबे अरसे तक रहे।
साल 2019 में लोकसभा चुनावों से पहले राम विलास पासवान ने अपने बेटे चिराग पासवान को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पासवान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।