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जिला प्रशासन के प्रयासों से मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत।

Pahado Ki Goonj

 

 

जिला प्रशासन के प्रयासों से मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत।

शटल सेवा संचालन के लिए किंग्रेग टैक्सी ऐसोसिएशन का हुआ चयन।

देहरादून ।

जिला प्रशासन के प्रयासों से मसूरी को अब जाम से सहूलियत मिलने जा रही है। मसूरी में शटल सेवा संचालन हेतु प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। मसूरी में हाथीपावं एवं क्रिग्रेंग से शटल सेवा सचंालन हेतु नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा टैण्डर प्रक्रिया के उपरांत किंग्रेग टैक्सी एसोसिएशन का चयन किया गया है।
मसूरी में आए दिन जाम की समस्या को लेकर जिलाधिकारी सविन बसंल ने शटल सेवा प्रारम्भ करने के निर्देश दिए गए थे, जिलाधिकारी ने हॉथीपंाव बैंण्ड से क्रिंगेग पार्किंग मसूरी तथा मॉल रोड का पैदल भ्रमण करते हुए यातायात व्यवस्था में सुधार लाने तथा शटल सेवा संचालन के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके क्रम में उप जिलाधिकारी मसूरी एवं नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा तेजी से प्रक्रिया सम्पादित की गई जिसके फलस्वरूप इस कार्य के लिए किंग्रेग टैक्सी ऐसोसिएशन का चयन कर लिया गया है।

शटल सेवा में कैटैगिरि ए में एसयूवी, इनोवा, स्कार्पियो, आर्टिका, एक्सयूवी आदि वाहन, कैटेगिरि बी में सेडन, स्विफ्ट डिजायर, मारूति सियाज, होंडा एमेज, होडा सिटी, होंडा वर्ना, हुंडई ओरा आदि वाहन शामिल रहेंगे।
शटल सेवा वाहनों का रूट किंग्रेग पार्किंग से लाईब्रेेरी चौक मसूरी, किंग्रेंग पार्किंग से पिक्चर पैलेस मसूरी, हाथीपांव से लाईब्रेरी चौक मसूरी, हाथीपांव बैंड से पिक्चर पैलेस मॉल रोड मसूरी रहेगा।

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने विकासखण्ड डोईवाला के अन्तर्गत स्थापित उत्तरा एम्पोरियम एवं आई०टी०डी०ए० ग्रोथ सेन्टर ऋषिकेश का भ्रमण किया ।

मुख्य विकास अधिकारी ने जनपद देहरादून के अन्तर्गत एन०आर०एल०एम० एवं अन्य रेखीय विभागों द्वारा संचालित उत्तरा एम्पोरियम एवं ग्रोथ सेन्टर का निरीक्षण किया गया जिसमें की उत्तरा एम्पोरियम रानीपोखरी, आई०टी०डी०ए० ग्रोथ सेन्टर ऋषिकेश का भ्रमण एवं निरीक्षण किया गया।

उत्तरा एम्पोरियम मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान सी०एल०एफ० की महिलाओं से वार्ता की गयी जिसमें कि उत्तरा एम्पोरियम में रखे गये उत्पादों के विपणन, उत्पादों की लेबलिंग व ब्राडिंग व विपणन में आ रही समस्याओं पर चर्चा की गयी तथा उनके विविध समाधान / सुझाव मांगे गये तथा उत्तरा एम्पोरियम में रखे उत्पादों की भी प्रशंसा की व परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा। आई०टी०डी०ए० ग्रोथ सेन्टर ऋषिकेश के निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा ग्रोथ सेन्टर में स्थापित प्रैक्टिकल लैब का निरीक्षण किया तथा खण्ड विकास अधिकारी डाईवाला को निर्देशित करते हुये कहा कि विकासखण्ड डोईवाला के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा गठित स्वयं सहायता समूहों के महिलाओं के पात्र युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु अधिक से अधिक नामांकन करना सुनिश्चित करें। मुख्य विकास अधिकारी ने परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को निर्देशित किया गया है कि देहरादून में एक अन्य प्रशिक्षण केन्द्र / ग्रोथ सेन्टर का स्थान चिन्हित किया जाये। निरीक्षण के दौरान विक्रम सिंह, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, अपर्णा बहुगुणा, जिला मिशन प्रबंधक, डे०-एन०आर०एल०एम० एवं सोनम गुप्ता, खण्ड विकास अधिकारी, डोईवाला उपस्थित रहे.

जिला प्रशासन के प्रयासों से मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत।

शटल सेवा संचालन के लिए किंग्रेग टैक्सी ऐसोसिएशन का हुआ चयन।

देहरादून ।

जिला प्रशासन के प्रयासों से मसूरी को अब जाम से सहूलियत मिलने जा रही है। मसूरी में शटल सेवा संचालन हेतु प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। मसूरी में हाथीपावं एवं क्रिग्रेंग से शटल सेवा सचंालन हेतु नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा टैण्डर प्रक्रिया के उपरांत किंग्रेग टैक्सी एसोसिएशन का चयन किया गया है।
मसूरी में आए दिन जाम की समस्या को लेकर जिलाधिकारी सविन बसंल ने शटल सेवा प्रारम्भ करने के निर्देश दिए गए थे, जिलाधिकारी ने हॉथीपंाव बैंण्ड से क्रिंगेग पार्किंग मसूरी तथा मॉल रोड का पैदल भ्रमण करते हुए यातायात व्यवस्था में सुधार लाने तथा शटल सेवा संचालन के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके क्रम में उप जिलाधिकारी मसूरी एवं नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा तेजी से प्रक्रिया सम्पादित की गई जिसके फलस्वरूप इस कार्य के लिए किंग्रेग टैक्सी ऐसोसिएशन का चयन कर लिया गया है।

शटल सेवा में कैटैगिरि ए में एसयूवी, इनोवा, स्कार्पियो, आर्टिका, एक्सयूवी आदि वाहन, कैटेगिरि बी में सेडन, स्विफ्ट डिजायर, मारूति सियाज, होंडा एमेज, होडा सिटी, होंडा वर्ना, हुंडई ओरा आदि वाहन शामिल रहेंगे।
शटल सेवा वाहनों का रूट किंग्रेग पार्किंग से लाईब्रेेरी चौक मसूरी, किंग्रेंग पार्किंग से पिक्चर पैलेस मसूरी, हाथीपांव से लाईब्रेरी चौक मसूरी, हाथीपांव बैंड से पिक्चर पैलेस मॉल रोड मसूरी रहेगा।
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रोबोटिक मिशन का है, चंद्रयान-4 के नाम से यह मिशन लांच होगा जिसमें रोवर और लैंडर जाकर चांद से नमूने वापस लाएंगे. इसका दूसरा चरण मानव चंद्र मिशन होगा, जिसमें चांद पर भारत अपने एस्ट्रॉनॉट उतारेगा और अंतिम चरण में चंद्रमा की परिक्रमा करने वाला एक स्थायी स्टेशन बनाना है, ताकि एस्ट्रोनॉट 24 घंटे च्रद्रमा पर नजर रख सकें और स्पेस स्टेशन पर रहकर चंद्रमा पर रिसर्च कर सकें.

मानव मंगल मिशन का बेस हो सकता है ये स्पेस स्टेशन

मून स्पेस स्टेशन पर वैज्ञानिक चंद्रमा के बारे में अध्ययन कर सकेंगे. वह चांद पर जीवन की संभावनाओं को तलाश सकेंगे. इसके अलावा यह स्टेशन भविष्य में होने वाले मानव मंगल मिशनों के लिए भी एक बेस साबित होगा. दरअसल अब तक जितने भी मंगल मिशन की तैयारी की जा रही है, उनमें चंद्रमा को एक बेस के तौर पर प्रयोग करने की तैयारी है, ऐसे में भारत अगर मून स्पेस स्टेशन बना लेता है तो यह दुनिया के अन्य देशों और स्पेस एजेंसियों के लिए भी मददगार साबित होगा.

कैसा होता है स्पेस स्टेशन

स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में एक ऐसा स्थान होता है जहां एस्ट्रोनॉट रुकते हैं और रिसर्च करते हैं. यह धरती की ऑर्बिट में है जो लगातार हमारे ग्रह के चक्कर लगाता रहता है. अभी तक दो स्पेस स्टेशन हैं, इनमें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को 15 देशों ने मिलकर बनाया है, जिसमें अमेरिकन स्पेस एजेंसी NASA के अलावा कनाडा, रूस, यूरोप समेत अन्य देशों की स्पेस एजेंसियां शामिल हैं, जबकि दूसरा स्पेस स्टेशन तियागोंग है जो चीन ने बनाया है. इन दोनों ही स्पेस स्टेशन पर लगातार एस्ट्रोनॉट रहते हैं और स्पेस के बारे में विभिन्न रिसर्च करते हैं. एक बार जाने पर एस्ट्रोनॉट को कम से कम 6 माह तक वहां रहना होता है, इसके बाद दूसरा एस्ट्रोनॉट वहां जाकर जब उसे रिप्लेस करता है, तभी वह धरती पर लौट सकता है.

पीएम मोदी दे चुके हैं संकेत

चंद्रयान-3 को चंद्रमा के साउथ पोल पर उतारकर भारत दुनिया का पहला देश बन गया था. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने इसरो की तारीफ करते हुए कहा था कि स्पेस एजेंसी को नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए. इसमें मानव युक्त चंद्रमा मिशन और चांद पर भारतीय एस्ट्रॉनॉट को पहुंचाने की बात शामिल थी. इसके अलावा भारत सरकार की ओर से स्पेस डॉकिंग तकनीक के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है, इस तकनीक को स्पेस स्टेशन में प्रयोग किया जाता है.

NASA दे रहा भारतीय एस्ट्रोनॉट को ट्रेनिंग

इसरो ने अपने गगनयान मिशन के लिए चार एस्ट्रॉनॉट एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को चुन लिया है. इन सभी को NASA प्रशिक्षण दे रहा है. इसके लिए भारत और अमेरिक के बीच पहले ही करार हो चुका है. चंद्रयान-3 के समय ही व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए बयान में इसकी पुष्टि की गई थी. बताया तो यहां तक जा रहा है कि इस साल के अंत तक भारत के दो एस्ट्रोनॉट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भी भेजा जा सकता है.

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