*उत्तराखण्डी लोकगीतों में झूमा लंदन, सीएम धामी के स्वागत में भव्य रंगारंग कार्यक्रम आयोजित*
*प्रवासी उत्तराखण्ड के लोगों से अह्वान, साल में एक बार अपने प्रदेश अवश्य आयें*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सोमवार को लंदन पहुँचने पर वहां मौजूद प्रवासी भारतीय एवं लंदन में रह रहे उत्तराखंड के निवासियों द्वारा भव्य रंगारंग स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया। लंदन में रह रहे उत्तराखण्ड के प्रवासियों द्वारा गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी लोकगीतों पर मनमोहन प्रस्तुति दी गई। स्वागत कार्यक्रम में मौजूद समस्त प्रवासी भारतीय उत्तराखण्ड के पारंपरिक परिधानों में नज़र आए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में रह रहे समस्त प्रवासी उत्तराखण्ड के लोगों का आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “यह मेरा सौभाग्य है कि उत्तराखण्ड के मुख्य सेवक के रूप में मुझे इन्वेस्टर समिट की बैठक में शामिल होने के लिए लंदन आने का अवसर प्राप्त हुआ।” उन्होंने कहा लंदन में उत्तराखण्ड के लोगों की इतनी बड़ी भारी संख्या में उपस्थित देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि यूके में भी उत्तराखण्ड का छोटा यूके बसता है।
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में मौजूद प्रवासी उत्तराखण्डियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि होने के साथ ही योग, आध्यात्मिक की भी भूमि है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है । उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी जड़े उत्तराखण्ड से जुड़ी हुई है।
मुख्यमंत्री ने समस्त प्रवासी उत्तराखण्डियों से आह्वान करते हुए कहा कि वह साल में एक बार अपने प्रदेश उत्तराखण्ड ज़रूर आएँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत का मान,सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज विदेशों में भी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है हाल में ही चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण और चंद्रमा पर सेफ लैंडिंग इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा समेत समेत बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के निवासी एवं प्रवासी भारतीय मौजूद रहे।
[26/09, 3:02 pm] Deepa Goud Io Govnr H s: *अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गढ़वाल मण्डल के जनपदों में चिकित्सा, पेयजल, शिक्षा, सड़कों व अन्य मूलभूत जन सुविधाओं को बेहतर बनाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए*
*राज्य में सड़कों के पैचवर्क (गडढा मुक्त) के लिए इस वर्ष 450 करोड़ रूपये जारी*
*सड़कों के पैचवर्क के लिए 1 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक दो महीने का गहन अभियान चलाने की डेडलाइन*
*सड़क सुरक्षा के लिए 300 करोड़ रूपये का प्रावधान, जिलाधिकारियों से क्रैश बैरियर लगाने आदि के प्रस्ताव मांगे*
*जिलों में डेंगू कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही जन जागरूकता व स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान देने के निर्देश*
*जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत, यदि पर्वतीय क्षेत्रों में किसी भी स्थान पर टैम्परेरी ट्रॉली का मामला संज्ञान में आता है तो वहां पर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजा जाए*
*जिलों में पार्किंग स्थल चिहिन्त कर इस सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाकर जल्द से जल्द आवास विभाग को भेजने के निर्देश*
*एम्स ऋषिकेश में पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की सहायता व सुविधा के लिए हेल्प डेस्क तथा जरूरतमंदों के आयुष्मान कार्ड बनाने में सहायता के लिए विशेष हेल्प डेस्क की अपेक्षा*
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में सड़कों के पैचवर्क (गडढा मुक्त) के लिए इस वर्ष 450 करोड़ रूपये जारी कर दिए गए हैं। गढ़वाल मण्डल के जिलाधिकारियों को भी एसीएस ने सड़कों को गडढा मुक्त करने के लिए 1 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक दो महीने का गहन अभियान चलाने की डेडलाइन दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में क्रैश बैरियर लगाए जाने को लेकर शासन स्तर पर कार्यवाही पूरी हो चुकी है। सड़क सुरक्षा के लिए इस वर्ष 300 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। एसीएस ने जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को एम्स ऋषिकेश में पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की सहायता व सुविधा के लिए हेल्प डेस्क तथा जरूरतमंदों के आयुष्मान कार्ड बनाने में सहायता के लिए एम्स में भी विशेष हेल्प डेस्क बनाने हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गढ़वाल मण्डल के जनपदों में चिकित्सा, पेयजल, शिक्षा, सड़कों व अन्य मूलभूत जन सुविधाओं को बेहतर बनाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
डेंगू के प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जिलों में डेंगू कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही जन जागरूकता व स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी जिलाधिकारियों एवं सीएमओ को अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को पीएमजीएसवाई योजना की नियमित समीक्षा के साथ ही इसमें जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी की हिदायत दी है। एसीएस ने गढ़वाल मण्डल के जिलों विशेषकर चारधाम यात्रा मार्ग पर वेस्ट मैनेजमेण्ट में बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाने के साथ ही इस पर त्वरित कार्यवाही के कड़े निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है यदि पर्वतीय क्षेत्रों में किसी भी स्थान पर टैम्परेरी ट्रॉली के उपयोग का मामला संज्ञान में आता है तो वहां पर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजा जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को पर्यटक स्थलों विशेषकर चारधाम यात्रा रूट पर पार्किंग स्थल चिहिन्त कर इस सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाकर जल्द से जल्द आवास विभाग को भेजने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर सचिव डा0 अमनदीप कौर, विनीत कुमार, जितेन्द्र कुमार सोनकर तथा वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल मण्डल के सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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लंदन में आयोजित बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में पोमा ग्रुप के साथ 2 हजार करोड़ रुपए का एमओयू किया गया*
*उत्तराखण्ड में रोपवे निर्माण में तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा पोमा ग्रुप*
*इनवेस्टर्स समिट में बड़ी कामयाबी*
*उत्तराखण्ड में इको फ्रैंडली टूरिज्म को मिलेगी रफ्तार – मुख्यमंत्री धामी*
लंदन। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने लंदन के कई प्रमुख उद्योग घरानों से भेंट करते हुए उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति में लंदन में पोमा ग्रुप के साथ 2 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टर एमओयू साइन किया गया, राज्य सरकार की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एमओयू साइन किया। मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी दिसंबर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु उत्तराखण्ड आने के लिए आमंत्रित भी किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश की भौगौलिक परस्थितियों को देखते हुए उत्तराखण्ड में इको फ्रैंडली टूरिज्म के क्षेत्र में निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। पोमा ग्रुप दुनियाभर में रोपवे निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी है। पोमा ग्रुप का उत्तराखण्ड में काम करने का बहुत पुराना अनुभव है चमेाली जिले के औली रोपवे में पोमा ग्रुप तकनीकी सहयोग प्रदान कर चुका है इसके अलावा वर्तमान पोमा रोपवे देहरादून-मसूरी रोपवे, एवं यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट्स में भी तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पोमा गुप द्वारा हरिद्वार समेत कई अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों में रोपवे के लिए तकनीकी सहयोग, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए निवेश की इच्छाा जाहिर की गई। ।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार का फोकस पर्यटन के साथ-साथ इकोलॉजी और इकॉनमी पर भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेश के लिए ऐसे रास्तों की तलाश कर रही है जिसमें विकास और पर्यावरण का संतुलन बना रहे। ऐसे में रोपवे जैसे विकल्प उत्तराखण्ड में जहां एक ओर पर्यटकों को सुगमता प्रदान करेंगे वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसर बढ़ने के साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोंण से भी यह बेहतर सिद्ध होगा।
*सर्विस सेक्टर का बड़ा केंद्र है लंदन*
मुख्यमंत्री धामी ने लंदन में निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लंदन सर्विस सेक्टर का भी बड़ा केंद्र है इसलिए यहां टूरिज्म, आईटी, हेल्थकेयर के क्षेत्र के बड़े निवेशक कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण यहां की यहां की कृषि जलवायु भी अन्य राज्यों से भिन्न है। आज के दौर में यूरोप से लेकर सभी देशों के ऑर्गेनेक उत्पादों की विशेष मांग हैं। उन्होंने कहा कि समिट के जरिए उत्तराखण्ड के उत्पादों को विदेशों में और प्रभावी रुप से पंहुचाया जा सकेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि दुनियाभर से निवेशक उत्तराखण्ड का रुख करें, ताकि यहां की औद्योगिक गतिविधियों को और रफ्तार मिल सके।
*उत्तराखण्ड में फार्मा एवं मेडिकल टैक्नोलॉजी की अपार सम्भावनाएं*
ब्रिटेन इनोवेशन एव टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक ग्लोबल सेंटर के रूप में स्थापित है। स्किल्ड मैनपावर लंटन ब्रटेन की उपलब्धता इस क्षेत्र को गति प्रदान करती है। उत्तराखण्ड भी इनोवेशन एव टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत में अपनी एक पहचान बनाने में सफल रहा है। हेल्थ केयर एवं लाईफ साईन्सेस के क्षेत्र में ब्रिटेन अग्रणी हैं। ब्रिटेन द्वारा बायोटेक, फार्मास्यूटिकल्स एवं मेडिकल टैक्नोलॉजी में निवेश को वरीयता दी जाती है। उत्तराखण्ड भी भारत के फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित है। राज्य में 3 फार्मा क्लस्टर हैं, जिनमें 300 से अधिक उद्योग कार्य कर रहे हैं। रियल स्टेट बाजार आवासीय विकास से लेकर वाणिज्यिक अवस्थापना तक विविध अवसर प्रदान करता है। लंदन एवं मैनचेस्टर जैसे शहर इसके बेहतर उदाहरण हैं। उत्तराखण्ड में भी इसकी अपार सम्भावनायें हैं। हम राज्य में दो नये शहर बसाने की संकल्पना पर कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ब्रिटेन समेत अन्य देशों के ग्लोबल इन्वेस्टर्स उत्तराखण्ड में भी निवेश करें ताकि प्रदेश में औद्यौगिक विकास की गति बढ़ सके। प्रदेश में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत डेलीगेशन के अन्य सदस्य एवं इन्वेस्टर्स मौजूद रहे।
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एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने निराश्रित, बालश्रम से मुक्त बच्चों के तहसील स्तर पर अभियान चलाकर आधार कार्ड के साथ ही राशन कार्ड व आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए*
*खनन मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए मोबाइल स्कूलों की व्यवस्था*
*विद्यालयी शिक्षा विभाग की मदद से कक्षा 8 के बाद स्कूल ड्रॉप आउट करने वाली बालिकाओं के आंकड़े जुटाने के निर्देश*
एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने निराश्रित, बालश्रम से मुक्त बच्चों के तहसील स्तर पर अभियान चलाकर आधार कार्ड के साथ ही राशन कार्ड व आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने श्रमिकों विशेषकर खनन क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए मोबाइल स्कूलों की व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस ने जिलाधिकारियों को राज्य में बाल विवाह रोकने के लिए विद्यालयी शिक्षा विभाग की मदद से कक्षा 8 के बाद स्कूल ड्रॉप आउट करने वाली बालिकाओं के आंकड़े जुटाने के निर्देश भी दिए।
सचिवालय में बालश्रम से सम्बन्धित समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य में बालश्रम रोकने व अनाथ बच्चों के कल्याण, अच्छी शिक्षा व परवरिश के लिए जिला स्तर पर विभिन्न समितियों के स्थान पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता के एक अम्ब्रेला कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं।
एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निराश्रित व बालश्रम से रिस्क्यू किये गये बच्चों की पुनर्वास के दौरान उनकी प्रगति की निरन्तर मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने सभी जनपदों में ऑपरेशन मुक्ति के तहत रिस्क्यू किये गए बच्चों के डाटा को निर्धारित पैर्टन पर सीआईएसएस पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए। एसीएस ने विशेषकर देहरादून क्षेत्र में बाल भिक्षावृति रोकने व बच्चों द्वारा ड्रग्स के प्रयोग को रोकने के लिए जॉइण्ट टास्क फोर्स गठन के निर्देश दिए । उन्होंने जनपदों में बाल विवाह रोकने के साथ ही बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं फण्ड के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा व अच्छी परवरिश को प्रोत्साहित करने की बात कही।
बैठक में पुलिस विभाग ने जानकारी दी कि उत्तराखण्ड में गत तीन वर्षों बालश्रम के 133 केस दर्ज हुए हैं। राज्य में विगत तीन वर्षो में बाल विवाह के 22 केस दर्ज हुए हैं। राज्य में जेजे एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है।
बैठक में अपर सचिव गृह श्रीमती निवेदिता कुकरेती, डीआईजी श्रीमती पी रेणुका देवी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी विश्व पर्यटन दिवस की शुभकामनायें*
*प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से रहा है पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र*
*उत्तराखण्ड को0 वैश्विक पर्यटन स्थल बनाना हमारा उद्देश्य-मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। हमारे चार धाम सदियों से देश व दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र रहे हैं। राज्य की आर्थिकी को मजबूती देने में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। रोड़ कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आर्थिकी के लिए लाभकारी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन दिवस का उद्देश्य लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागरूक करना भी रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के भी प्रयास किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को भी मजबूत किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। पहाड़ में रेल का सपना पूरा होने जा रहा है। राज्य के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन, उद्योग एवं व्यापार की यहां अपार संभावनाएं हैं। राज्य में होम स्टे को और बढ़ावा दिया जा रहा हैं। इससे ग्रामीण पर्यटन तथा आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एडवेंचर और वेलनेस टूरिज्म के जरिए उत्तराखण्ड को वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने का भी हमारा प्रयास है। पर्यटन राज्य के विकास और रोजगार दोनों का आधार भी है। पर्यटन स्थल हमारी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक सभ्यताओं के प्रतीक तथा हमारी पहचान हैं। दिव्यता एवं आध्यात्मिक अनुभूति के केंद्र उत्तराखंड में पर्यटन को रोजगार से जोड़ने के लिए नए पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना संचालित की जा रही है।
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संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी, प्रताप सिंह शाह उत्तराखण्ड द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रेषित पत्र में अवगत कराया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के नवीनत दिशा-निर्देशों के अनुसार 01 जनवरी, 2024 की अर्हता तिथि के आधार पर विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत मतदेय स्थलों के मानकीकरण एवं पुनर्निर्धारण का कार्य सम्पादित किये जाने के उद्देश्य से पुनरीक्षण कार्यक्रम को संशोधित किया गया है।
उन्होंने बताया कि पोलिंग स्टेशन का सुव्यवस्थीकरण एवं पुनः व्यवस्था, कन्ट्रोल टेबल का अद्यतीकरण जैसे कार्य 09 अक्टूबर, 2023 तक सम्पन्न किए जाएंगे। जबकि अर्हता तिथि 01 अक्टूबर 2024 के संदर्भ में पूरक और एकीकृत ड्राफ्ट रोल को 10 अक्टूबर, 2023 से 26 अक्टूबर, 2023 तक तैयार किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। एकीकृत मसौदा निर्वाचक नामावली का प्रकाशन 27 अक्टूबर 2023 को किया जाएगा। 27 अक्टूबर 2023 से 09 दिसम्बर के मध्य दावे तथा आपत्तियां दर्ज की जाएंगी। 4, 5, 25, 26 नवम्बर 2023 को विशेष शिविर दिवस आयोजित किए जाएंगे। 26 दिसम्बर 2023 को दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 01 जनवरी 2024 को मानकों की जांच तथा अन्तिम प्रकाशन हेतु आयोग की अनुमति ली जाएगी। इसके साथ ही इस दिन सप्लीमेंटस की पिं्रटिंग तथा डाटाबेस का अद्यतीकरण किया जाएगा। निर्वाचक नामावली का अन्तिम प्रकाशन 05 जनवरी 2024 को किया जाएगा।
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देहरादून
26/09/2023
*नई दिल्ली में दो दिवसीय आरोग्य मंथन कार्यक्रम का समापन, उत्तराखंड को आयुष्मान उत्कृष्ठ अवार्ड-2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा गया*
*केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने प्रदान किये राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्कृष्ठ अवार्ड-2023*
*केन्द्र की मोदी सरकार ने आयुष्मान क्लेम सेटलमेंट औऱ डेली क्विक ऑडिट सिस्टम के सफल किर्यान्वयन में उत्तराखंड को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने ग्रहण किया पुरस्कार*
*नई दिल्ली में ‘आरोग्य मंथन’-2023 कार्यक्रम का समापन, स्वास्थ्य में भविष्य की चुनौतियों, रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर हुई चर्चा और विचार-विमर्श*
*जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रही अटल आयुष्मान योजना, आयुष्मान क्लेम में उत्तराखंड का बेहतर काम, केंद्र ने दिया इनाम*
नई दिल्ली/ देहरादून। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जय) के पांच साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इस दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया। इस दौरान दोनों योजनाओं से संबंधित चुनौतियों, रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया। आरोग्य मंथन 2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने समापन सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), सुधांश पंत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी उपस्थित रहे।
वहीं ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम में बेहत्तर कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित भी किया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्तराखंड अवार्ड 2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा। यह राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को आयुष्मान क्लेम सेटलमेंट औऱ डेली क्विक ऑडिट सिस्टम के सफल किर्यान्वयन के क्षेत्र में बेहत्तर कार्य करने के लिए दिया गया है।
आपको बता दें उत्तराखंडवासियों के लिए आयुष्मान योजना वरदान साबित हो रही है। समाज का कमजोर व मध्यम वर्ग परिजन की बीमारी में अपने जेवर व मकान बेचने की स्थिति में आ जाता था। उपचार बेहद महंगे होने के कारण गरीब तबके के मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। लेकिन अब वो समय है कि बीमार होते ही गरीब पूरे अधिकार के साथ सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अपना उपचार करा सकते हैं, वो भी पूरी तरह मुफ्त में। ऐसा संभव किया जरूरतमंदो का सहारा बनी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र की भाजपा सरकार ने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना ने समाज के कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों में उत्तराखंड में आयुष्मान योजना की प्रगति अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे बेहत्तर है। इसी का नतीजा है कि केन्द्र सरकार ने क्लेम सेटलमेंट में उत्तराखंड को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। नई दिल्ली में आज राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। उत्तराखंड समूचे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा राज्य है जो अपने प्रदेश के समस्त नागरिकों (लगभग 25 लाख परिवार) को ‘अटल आयुष्मान योजना’ के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दे रहा है। तमाम गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को इस योजना के लाभ से नई जिंदगी मिली है। ऐसा कोई गांव, कस्बा या शहर नहीं जहां इस योजना का लाभान्वित व्यक्ति आपको न मिले।
आयुष्मान क्लेम में उत्तराखंड का बेहतर काम
उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में क्लेम भुगतान में बेहतर काम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज के लिए प्रदेश में 248 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इसमें 102 सरकारी और 146 निजी अस्पताल शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से क्लेम भुगतान करने के लिए 15 दिन के मानक निर्धारित किए हैं। लेकिन उत्तराखंड में सात दिन के भीतर अस्पतालों को क्लेम का भुगतान किया जा रहा है। अस्पताल कार्ड धारक मरीज के इलाज पर आने वाले खर्च का क्लेम राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजते हैं। प्राधिकरण की ओर से क्लेम का ऑडिट किया जाता है। जिसके बाद अस्पतालों को भुगतान किया जाता है। बता दें कि 2022 में उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया था।
उत्तराखंड मॉडल अपनायें अन्य राज्य
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इलाज के बिलों में फर्जीवाड़ा करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। साथ ही गलत तरीके से प्राप्त क्लेम राशि की वसूली कर योजना से बाहर किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी फर्जीवाड़े रोकने पर राज्य की सराहना की थी। साथ ही सभी राज्यों को उत्तराखंड के मॉडल को अपनाने को कहा था।
52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड
प्रदेश में 52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसमें अब तक 8.28 लाख कार्ड धारक मरीजों को निशुल्क इलाज पर सरकार ने 1554 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई की स्मृति में शुरू की गई इस योजना को आज दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम माना जाता है। पूरे देश में 25 दिसंबर 2018 को इस योजना की जब शुरूआत हुई तो उत्तराखंड के गरीब तबके के करीब 5.25 लाख लोगों को इसमें शामिल किया गया। उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना की अहमियत को समझते हुए हर उत्तराखंडी को इसका लाभ देने का फैसला लिया। योजना का नतीजा यह हुआ कि उत्तराखंड के सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में कहीं भी लोग पांच लाख रुपये तक अपना और परिजनों का मुफ्त में इलाज करा सकते हैं। आज इस योजना में लोग कैंसर, हार्ट, गुर्दा रोग जैसी जटिल बीमारियों का मुफ्त इलाज करा रहे हैं।
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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा बैठकों के निर्णयो के अनुपालन संबंधी विभागवार समीक्षा बैठक अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में संपन्न हुई |
बैठक में सिंचाई विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि विधानसभा क्षेत्र चंपावत में तीन झीलों का निर्माण कार्य चल रहा है | विधानसभा क्षेत्र हरिद्वार ग्रामीण के तहत गूल मरम्मत से संबंधित कार्यों हेतु निविदा आमंत्रित कर दी गई है | विधानसभा क्षेत्र रायपुर के तहत सौंग बाँध से संबंधित कार्यों के लिए भारत सरकार से समन्वय किया जा रहा है | विधानसभा क्षेत्र सल्ट के तहत मानस गढी नदी में छोटे-छोटे बांधो के निर्माण के संबंध में डीपीआर पर कार्य चल रहा है | विधानसभा क्षेत्र विकास नगर के तहत फतेहपुर नहर को बीकानेर स्वीट शॉप हरबर्टपुर से नहर के टेल भाग से संबंधित कार्यों गतिमान हैँ | गदरपुर के तहत स्थित गूलरभोज डेम को पीपी मोड में चलाए जाने तथा रोड कनेक्टिविटी को सही किए जाने के संबंध एसएएस में प्रस्तावित कर रहे हैं |
पेयजल विभाग ने जानकारी दी की प्रदेश भर में जल जीवन मिशन के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है | विधानसभा क्षेत्र राजपुर के तहत गतिमान सीवर लाइन का कार्य मार्च 2024 तक पूर्ण हो जाएगा | इस दौरान अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने पेयजल एवं सिंचाई विभाग को राज्य के पर्यटक स्थलों में पानी की पर्याप्त आपूर्ति एवं जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए प्रभावी कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए | एसीएस ने जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश भर में हुई खुदाई कार्यों के बाद गड्डो को पुनः भरने तथा लेबलिंग के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए |
परिवहन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि देहरादून से ऋषिकेश हेतु GMO की बसे संचालित किए जाने व लंबगांव से सेममुखेम से बस सेवा प्रारंभ किए जाने के संबंध में कार्यवाही गतिमान है | काशीपुर स्थित रोडवेज स्टेशन को स्थानांतरित किए जाने के संबंध में डीपीआर पर कार्य चल रहा है |
उद्यान विभाग द्वारा जानकारी दी गई की विधानसभा क्षेत्र कपकोट के तहत 15 एकड़ क्षेत्र में कीवी का प्लांटेशन किया गया है | विधानसभा क्षेत्र पुरोला के तहत रवाई क्षेत्र को कश्मीर के तर्ज पर बागवानी क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने की कार्य योजना पर कार्य चल रहा है | विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर के तहत सेममुखेम में जड़ी बूटी शोध संस्थान का उपकेंद्र संचालित किया जा रहा है |
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में जानकारी दी कि पीएचसी रिखणीखाल के निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता के संबंध में व त्रिजुगीनारायण चिकित्सालय के निर्माण कार्यों के संबंध में कार्यवाही गतिमान है तथा रानीखेत चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है तथा एक्सरे मशीन स्थापित कर दी गई है | भिक्यासैण चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड एवं एक्स-रे की व्यवस्था की जा रही है | सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला को जिला अस्पताल के रूप में विकसित किए जाने के संबंध में शासनादेश हो गया है | पिरान
कलियर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण का 85% कार्य पूरा हो चुका है |
अपर मुख्य सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों को विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा बैठकों के निर्णयो के प्रभावी अनुपालन के निर्देश दिए | उन्होंने अधिकारियों को माननीय मुख्यमंत्री जी के विजन के अनुरूप को ओनरशिप स्पिरिट के साथ काम करने की बात कही |
बैठक में सचिव अरविंद सिंह हयांकी, दीपेंद्र कुमार चौधरी तथा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे |
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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में देहरादून में स्थित दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर की सामान्य निकाय की द्वितीय बैठक संपन्न हुई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप मॉडर्न दून लाईब्रेरी में ई-लाईब्रेरी का मैकेनिज्म विकसित किया जाए। उन्होंने इसे आईआईटी के पुस्तकालय तंत्र को अपनाए जाने हेतु आईआईटी रुड़की आदि से एमओयू किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। कहा कि देश के आईआईटी संस्थान रैंकिंग को लगातार सुधारने के लिए स्वयं को लगातार अपडेट करते रहते हैं। इनसे जुड़ने के बाद दून पुस्तकालय और शोध केंद्र भी स्वतः अद्यतन रहेंगे। उन्होंने नेशनल डिजिटल लाईब्रेरी को भी शामिल किए जाने की बात कही। कहा कि यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। इसका लाभ लिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर दून लाईब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर से पूर्व मुख्य सचिव एन.एस. नपलच्याल, सुभाष कुमार एवं श्री एन. रविशंकर, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन एवं सचिव रविनाथ रमन सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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*बचपन बचाओ आंदोलन व उत्तराखंड सरकार ने तैयार की बाल विवाह रोकने की कार्ययोजना*
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) ने ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के तहत स्वयंसेवी संस्थाओं को लामबंद कर इस मुहिम से जोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार के गृह विभाग के साथ मिल कर देहरादून के आई आर डी टी ऑडिटोरियम सर्वे चौक में एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में उत्तराखंड सरकार के विभिन्न महकमों के साथ 2030 तक देश से बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए गहन विचार विमर्श किया गया। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी द्वारा पिछले साल ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के एलान के बाद बीबीए देश के सभी राज्यों में इस तरह के सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है, जिसके तहत उत्तराखंड में भी यह आयोजन हुआ। सम्मेलन में सभी हितधारकों ने विचारों का आदान-प्रदान किया और उत्तराखंड को बाल विवाह मुक्त बनाने के उपायों की रूपरेखा तैयार की।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड गृह विभाग की अपर सचिव श्रीमती निवेदिता कुकरेती के अलावा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अपर सचिव श्री प्रशांत आर्य, श्रम विभाग के अतिरिक्त श्रम आयुक्त श्री अनिल पेटवाल और महिला एवं बाल कल्याण विभाग की उप निदेशक श्रीमती सुजाता सिंह भी मौजूद थीं।
‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के कार्यकारी निदेशक श्री धनंजय टिंगल ने सम्मेलन के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, “पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी द्वारा किए गए आह्वान के बाद पूरे देश में इसकी अप्रत्याशित और आश्चर्यचकित कर देने वाली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। देश भर के 7028 गांवों से 76,000 महिलाएं और बच्चे मशाल लेकर एक साथ सड़कों पर उतरे और बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई। देश के 20 राज्यों में आयोजित होने वाले ये सम्मेलन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक और कदम हैं। बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई और इसके पूरी तरह से खात्मे के लिए हमें एक बहुस्तरीय और बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता है। इन परामर्श सम्मेलनों के जरिए हम सभी हितधारकों को साथ लाना चाहते हैं कि ताकि इस अपराध के खिलाफ हम सभी साझा लड़ाई लड़ सकें। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ाई में हम कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे और इसमें शामिल लोगों ने जिस तरह की प्रतिबद्धता दिखाई है, उससे हमारे संकल्प और हौसले को और बल मिला है।”
बाल विवाह की बुराई के खिलाफ लड़ाई में सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की अहमियत और इस बात पर जोर देते हुए कि शिक्षा अकेले ही बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लिए सबसे कारगर औजार हो सकती है, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा, “बाल विवाह के खिलाफ प्रभावी तरीके से लड़ाई के लिए हमें एक साझा कार्ययोजना बनाने की जरूरत है। साथ ही हमें समाज के सबसे असुरक्षित बच्चों के साथ काम करने की भी जरूरत है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होने पाए।”
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक ने बाल विवाहों को रोकने में सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा करते हुए स्वीकार किया कि इसके खिलाफ लड़ाई में बिना वक्त जाया किए नए विचारों और उपायों पर अमल की जरूरत है। उन्होंने कहा, “विडंबना ये है कि एक तरफ जहां हम इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ नैतिक और कानूनी रूप से गलत होने के बावजूद समाज के कुछ हिस्सों में बाल विवाह की सामाजिक स्वीकृति है। यह एक बड़ी चुनौती है लेकिन समाज के हर व्यक्ति को इस बुराई के बारे में जागरूक करने के लिए हमें एक साथ मिलकार काम करने और कानूनों पर प्रभावी और व्यापक अमल सुनिश्चित करने की जरूरत है।”
महिला सशक्तीकरण एवं बाल कल्याण विभाग के अपर सचिव श्री प्रशांत आर्य ने बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में एक साझा और सुसंगत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “बाल विवाह ने हमारे समाज में गहरे तक जड़ें जमा रखी है। हमें जन सामान्य को इस बारे में जागरूक करने और उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि यह सामाजिक बुराई किस तरह बच्चों के जीवन पर नकारात्मक असर डालती है। बाल विवाह सिर्फ एक बच्चे के बचपन को ही नहीं बल्कि उसके पूरे जीवन को बर्बाद कर देता है।
विदित है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (2019-2021) के अनुसार देश में 20 से 24 साल की 23.3 प्रतिशत लड़कियों और उत्तराखंड में 9.8 प्रतिशत लड़कियों का विवाह उनके 18 वर्ष का होने से पूर्व ही हो गया था। 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार देश में हर साल 51,57,863 लड़कियों का जबकि उत्तराखंड में 54,858 लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया। सम्मेलन में इस बात पर चिंता जाहिर की गई और जनता, सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से बाल विवाहों के खिलाफ ठोस व गंभीर कदम उठाते हुए साझा प्रयासों की अपील की