देहरादून,मुंबई. जीतमणि पैन्यूली,जीतू-बगडवाल एक ऐसी प्रेम कथा, जिसका जब भी मंचन होता है, समाज की भावनाएं उफान पर होती हैं।
आज कौथिग के मंच पर जीतू-बगडवाल की प्रस्तुति लोगों को भाव-विभोर कर गयी, इसके अलावा अन्य प्रस्तुतियों ने भी मन मोह लिया।
कौथिग के मंच पर विधायिका मंदा म्हात्रे उपस्थित थीं, कौथिग के 15 वर्ष के सफ़र में मंदा ताई की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
मंदा ताई ने कहा कि वे हमेशा सांस्कृतिक लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रही हैं और कौथिग के 15 साल के सफ़र उनकी शुभकामनाओं में शामिल रहा है।
कौथिग में जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी उल्लेखनीय है. खरीदारी को लेकर लोगों में अभूतपूर्व उत्साह है. सिर्फ उत्तराखंडी ही नहीं, गैर उत्तराखंडियों में जैविक उत्पादों की खरीददारी के प्रति भारी उत्साह रहा।
कौथिग में आज कई मेहमानों ने उपस्थिति दर्ज़ कराई. इनमे टिहरी गढ़वाल रतन सिंह बर्त्वाल प्रवासी टिहरी गढ़वाल के हैँ और हमारे प्रातः स्मरणीय नाना स्वo श्री नारायण दत्त रतूड़ी ठेकेदार बनकुडली भडूरा के साथ में रहे,निर्माण कार्य करने के लिए अच्छे संस्कार वान प्रतिष्टत नाम है , हयात सिंह राजपूत, देवी प्रसाद सेमवाल, सुनील जोशी, अवतार सिंह नेगी, द्वारिका प्रसाद भट्ट, बी. के. शर्मा, राजेश भंडारी, रतन सिंह मयाल, किरण उत्तरैणी, साधना पंवार, सदाशिव तावड़े और साथी, पुष्कर सिंह नेगी आदि उपस्थित थे। पहाड़ों की गूँज परिवार एवं पूर्व संरक्षक श्री बद्रीनाथ केदार नाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ की ओर से सभी आयोजक से जुड़े सदस्य एवं मुंबई में उत्साह बर्धन करने वाले महान जनता, उत्तराखंड सरकार के द्वारा हमारे प्रदेश एवं देश के विकास को बड़वा देने के लिए हृदय से साधुबाद प्रेषित करते है।