- जर्मनी के प्रतिनिधिमण्डल ने सोमवार को सचिवालय में डिप्टी मिशन चीफ डाॅ.जेस्पर वेक के नेतृत्व में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से तकनीकी और वित्तीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार विमर्श किया। मिशन चीफ के साथ फेडरल मिनिस्ट्री के साउथ एशिया डिवीजन हेड डाॅ.रोलफ्राम क्लेन, जर्मन डेवलपमेंट बैंक के सीनियर पाॅलिसी आॅफिसर, जीआईजेड(जर्मन एजेंसी फाॅर इंटरनेशनल टेक्निकल को-आॅपरेशन) के कंट्री डायरेक्टर डाॅ.यूरिक रिवेरे, सुश्री सिल्के पालविज सहित अन्य अधिकारी थे। जीआईजेड उत्तराखण्ड में गंगा नदी की स्वच्छता, चिकित्सा, कौशल विकास में तकनीकी और आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा।
गंगा नदी की स्वच्छता के लिए जर्मनी के मिशन चीफ के समक्ष 920 करोड़ रूपये के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। जीआईजेड को बताया गया कि हरिद्वार, ऋषिकेश, तपोवन, मसूरी, देहरादून में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नेटवर्किंग का कार्य किया जायेगा। इन शहरों में 265.47 एमएलडी सीवेज निकलता है। इनके नेटवर्किंग 574.26 किमी में की जानी है। जर्मन मिशन ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार द्वारा बनाये गये डीपीआर का मूल्यांकन जर्मन तकनीकी टीम द्वारा किया जा रहा है। जीआईजेड गंगा नदी की स्वच्छता के लिए 920 करोड़ रूपये दिये जाने पर जल्द निर्णय लेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार का संकल्प है कि गंगा नदी स्वच्छ व निर्मल हो। कोई भी नाला गंगा नदी में नही गिरने दिया जायेगा, इसके लिए गंगा किनारे के कस्बों में कार्य चल रहा है। जर्मनी के सहयोग से इस कार्य में और गति मिलेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, कमिश्नर गढवाल दिलीप जावलकर, सचिव शहरी विकास नितेश झा, एम.डी.सिडकुल श्रीमती सौजन्या, सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव विनोद कुमार सुमन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।