दो सरकारी नशामुक्ति केंद्र बनाने के निर्देश
ड्रग्स सप्लाई पर प्रहार के साथ बच्चों व युवाओं की काउंसिलिंग की हो व्यवस्था
देहरादून,ukpkg.com,मुख्यमंत्री ने सचिवालय में नार्काे कॉर्डिनेशन की बैठक में दिये निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि के लिए मिशन मोड में काम किया जाए। इसके लिये सभी संबंधित विभाग मिलकर काम करें। मुख्यमंत्री सचिवालय में नार्काे कॉर्डिनेशन की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड को नशामुक्त करने के लिए सभी को जिम्मेदारी और समन्वय से कार्य करना है। वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि का लक्ष्य हासिल करना है। एक ओर जहां ड्रग्स सप्लायर्स पर कड़ा प्रहार करना है, वही दूसरी ओर बच्चों और युवाओं को ड्रग्स की चपेट में आने से बचाना है। ड्रग्स सप्लाई की चेन को तोड़ने के लिए पुलिस विभाग मुखबिर तंत्र को और मजबूत करे। ड्रग्स नेटवर्क को तोडने के लिए पुलिस, आबकारी व ड्रग्स कंट्रोलर मिलकर काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स लेने वाले बच्चों और युवाओं की सही तरीके से काउंसलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कॉलेजो में एडमिशन के समय विशेष काउंसिल की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स लेते हुए पकड़े जाने वाले बच्चों के साथ अपराधियों की तरह बर्ताव न करके उनके पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाए। कॉलेजों में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग नियमित रूप से की जाएं। समाज कल्याण व अन्य विभाग युवाओं की जागरूकता पर फोकस करें। इसके लिये सोशल मीडिया व अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दो सरकारी नशामुक्ति केंद्र बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने के साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाए। सभी संबंधित विभागों को लेते हुए एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स को एक्टिव किया जाए। निजी नशामुक्ति केंद्रों के लिए सख्त गाइडलाइन बनाकर उस पर फालोअप किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये। जिला स्तर पर डीएम भी लगातार मॉनिटरिंग करे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव शैलेश बगोली, राधिका झा, डॉ पंकज कुमार पाण्डे, दीपेंद्र चौधरी, डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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यूकेएसएसएससी परीक्षा पेपर लीक मामले में 2 और आरोपी गिरफ्तार
गूगल सर्च हिस्ट्री से खुला राज
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 परीक्षा पेपर लीक मामले में नकल माफियाओं के खिलाफ एसटीएफ की सर्जिकल स्ट्राइक जारी है। यूकेएसएसएससी परीक्षा एग्जाम पेपर लीक करने के मामले में अब उत्तराखंड स्थित एक यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को देर रात एसटीएम की टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी के कब्जे से इस केस से संबंधित कई साक्ष्य व सबूत एकत्र किए गए हैं।
उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक गूगल सर्च हिस्ट्री ने यूकेएसएसएससी परीक्षा परीक्षा पेपर लीक से संबंधित कई अहम राज खोले हैं। जिसके बारे में जांच पड़ताल जारी है। बताया जा रहा है कि एग्जाम से पहली रात को पेपर सॉल्व किए गए थे।
बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 परीक्षा पेपर लीक कर परिणाम गड़बड़ी मामले में अब तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 9 लोग एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि अभी मास्टरमाइंड की तलाश जारी है।
जांच पड़ताल की कार्रवाई को तेज करते हुए एसटीएफ इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों में से 2 को सितारगंज लेकर पहुंची है। वहां कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। वहीं, दूसरी तरफ लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस के गिरफ्तार कर्मचारी को भी एसटीएफ की दूसरी टीम लखनऊ लेकर पहुंची है। जहां से यूकेएसएसएससी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक से जुड़े अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक करने के मामले में एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपित दीपक चौहान व भावेश जगूड़ी सेलाकुई स्थित एचएसनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी में संविदा पर कनिष्क सहायक के पद पर कार्यरत थे। मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के कुछ काम लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसके चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत जयजीत ने सेलाकुई यूनिवर्सिटी में संविदा कर्मी दीपक और भावेश से मुलाकात हुई।
सके बाद आयोग कर्मी जयजीत ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक वर्मा जिसने पेपर लीक किया, उसकी मुलाकात दीपक व भावेश से करवाई। एसटीएफ जांच के अनुसार दीपक व भावेश ने अभिषेक को लाखों रुपये एकत्र कर पेपर लिया और यूकेएसएसएससी में परीक्षा दी थी, जिसमे भावेश का 157 वीं मेरिट में रैंक आयी, जबकि दीपक फेल हो गया था। फिलहाल, गिरफ्तार दीपक और भावेश ने सेलाकुई एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित किन किन लोंगो को पेपर लीक की जानकारी देकर रुपये वसूले इसकी जांच पड़ताल जारी है। एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, दीपक और भावेश जगूड़ी की पेपर लीक को लेकर सांठगांठ लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी अभिषेक वर्मा से हुई थी। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में तैनात जयजीत ने दीपक और भावेश की मुलाकात अभिषेक वर्मा से कराई थी। आयोग की तरह ही सेलाकुई स्थित इस मेडिकल कॉलेज के गोपनीय कार्य भी लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है।
यही कारण था कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले अभिषेक ने 36 लाख रुपए लेकर दीपक और भावेश तक पेपर लीक और एग्जाम पेपर सॉल्व का ताना-बाना बुना। अजय सिंह की मानें तो इस केस में अलग-अलग तरह की कुंडलियां कंगाली जा रही है। पेपर लीक कराने से लेकर अभ्यर्थियों के चयन जैसी गड़बड़ियों में किन-किन लोगों का हाथ हो सकता है? इस बारे में विस्तृत जांच पड़ताल अभी जारी है।
परीक्षा की पहली रात सॉल्व किए गए पेपर
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 स्नातक परीक्षा पेपर लीक मामले में देर रात जिस यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे अभी तक की पूछताछ में कई अहम जानकारी प्राप्त हुई हैं। आरोपियों ने बताया कि एग्जाम से एक रात पहले देहरादून में पेपर सॉल्व किए गए थे। इस खुलासे को लेकर एसटीएफ को अहम सबूत और अन्य लोगों के भी सुराग हाथ लगे हैं। जिसके चलते आगे कार्रवाई जारी है।
पेपर सॉल्व कराने और नकल कराने में मदद करते थे आरोपी
देहरादून। गिरफ्तार दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी यूकेएसएसएससी परीक्षा के पेपर सॉल्व कराने में मदद करते थे। इसके साथ ही ये दोनों शातिर नकल कराने के भी मास्टर थे। उत्तराखंड के यूनिवर्सिटी में कार्यरत जिन दो कर्मचारियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है इनके द्वारा ही यूकेएसएसएससी 2021 परीक्षा पेपर को सॉल्व कर नकल करायी गयी थी।दोनों ही आरोपी एग्जाम से एक रात पहले देहरादून पहुंचे। जहां इन्होंने फिल्मी अंदाज में एक गुप्त स्थान में जाकर पेपर लीक करने वालों के साथ मिलकर अगले दिन आने वाले परीक्षा प्रश्न पत्र को सॉल्व किया और नकल की सामग्री भी उपलब्ध कराई। फिलहाल इनके साथ और कितना बड़ा नेटवर्क जुड़ा है, इस बात की पूछताछ और जांच पड़ताल चल रही है।आगेपढें
धर्मनगरी हरिद्वार में प्रसूता ने सड़क पर दिया नवजात को जन्म
एक घंटे तक एंबुलेंस के लिए तड़पती रही महिला
हरिद्वार। करोड़ों की लागत से बने हरिद्वार के मेला अस्पताल के बाहर का एक वीडियो शुक्रवार सुबह से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो ने जहां पूरे स्वास्थ्य विभाग को शर्मसार किया है तो वहीं 108 सेवा की भी पोल खोल दी है। मेला अस्पताल के बाहर एक गर्भवती महिला को ना तो अस्पताल में उपचार मिल सका और ना ही महिला अस्पताल ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस। जिसके चलते महिला ने सड़क पर ही नवजात को जन्म दे दिया।
कहने को हरिद्वार में 3 बड़े अस्पताल सिर्फ आधा आधा किलोमीटर की दूरी पर हैं। लेकिन, जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसने स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी। वीडियो मेला अस्पताल के बाहर का है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि प्रसव पीड़ा से परेशान एक गरीब महिला ने 1 घंटे तक 108 एवं सरकारी एंबुलेंस के आने का इंतजार किया। लेकिन बारिश के दौरान जब दोनों ही मौके पर नहीं पहुंची तो महिला ने मेला अस्पताल के बाहर ही सड़क पर अपने बच्चे को जन्म दे दिया।
महिला ब्रह्मपुरी क्षेत्र की रहने वाली बताई जा रही है। रात करीब 1 बजे महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो वह अपने पति के साथ अस्पताल के लिए निकली। घर से निकलते ही मेला अस्पताल के बाहर पहुंची तो महिला को ज्यादा दर्द होने लगा और वह तेज तेज चिल्लाने लगी। महिला की चीख पुकार सुन आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। लोगों ने ना केवल 108 बल्कि पास में ही स्थित जिला चिकित्सालय की एंबुलेंस को भी सूचना दी।लेकिन दोनों ने ही बारिश के दौरान आने की जरूरत नहीं समझी। इसके बाद महिला ने तड़प तड़प कर सड़क पर ही बच्चे को नवजात दे दिया। फिलहाल पीड़िता को महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है
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आदमखोर बाघ की दहशत में लोग
पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करेगा वन विभाग
रामनगर। नैनीताल के रामनगर वन प्रभाग के मोहान क्षेत्र में 16 जुलाई को बाइक सवार युवक पर बाघ के हमले के बाद से आसपास के ग्रामीण काफी दहशत में हैं। गांव में बाघ की दहशत को लेकर ग्रामीण जंगलों में घास, लकड़ी लेने और बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। उससे पहले भी रामनगर कॉर्बेट प्रशासन के ही एक कर्मी को बाघ ने मौत के घाट उतार दिया था। क्षेत्र में बाघ कुछ अन्य लोगों पर भी हमला करने का प्रयास कर चुका है।
वहीं, इस घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। हालांकि, इस क्षेत्र में बाघ को पकड़ने के लिए वन कर्मियों की लगातार गश्त जारी है। लेकिन अभी भी सफलता नहीं मिल पाई है। गुरुवार को इस मामले में रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार ने विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बाघ को पकड़ने को लेकर अब तक विभाग द्वारा किए गए प्रयासों पर चर्चा करते हुए जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने के साथ ही कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं। वन कर्मी द्वारा गश्त भी की जा रही है। इस मामले में सहयोग के लिए जिला प्रशासन को भी पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को चारा विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि जब तक बाघ नहीं पकड़ा जाता तब तक कोई जंगल ना जाए। उन्होंने सभी से विभाग को सहयोग करने की अपील की है।
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बेरीनाग में ईओ के खिलाफ व्यापारियों ने रोष
किया बाजार बंद, विधायक भी पहुंचे मनाने
बेरीनाग। पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग में व्यापारियों ने नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी पर अभ्रदता करने का आरोप लगाया था। इसके विरोध में आज शुक्रवार को व्यापारियों ने बाजार बंद किया और शहीद चौक पर एकत्र होकर नगर पंचायत के ईओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान व्यापारियों से वार्ता करने के लिए विधायक फकीर राम टम्टा और एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला भी पहुंचे। दोनों ने व्यापारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन व्यापारियों ईओ को हटाने की मांग पर अड़े रहे। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक ईओ को नहीं हटाया जाता है, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
दरअसल, पूरा मामला ये है कि बेरीनाग नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी राकेश कोटिया अपनी टीम के साथ गुरुवार शाम को बाजार में पॉलीथिन के खिलाफ कार्रवाई कर रहे है। तभी अधिशासी अधिकारी राकेश कोटिया ने कई व्यापारियों का पॉलीथिन को लेकर चालान किया, जिस पर व्यापारियों ने ऐतराज जताया। व्यापारियों का आरोप है कि अधिशासी अधिकारी राकेश कोटिया ने चालान करने के दौर व्यापारियों से अभ्रदता की।
बताया जा रहा है कि अधिशासी अधिकारी राकेश कोटिया और व्यापारियों के बीच इस दौरान नोकझोंक भी हुई। विवाद बढ़ा तो बेरीनाग थाने से पुलिस भी मौके पर पहुंची। इस दौरान तहसीलदार दिनेश कुटौला और थानाध्यक्ष हेम तिवारी ने व्यापारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन व्यापारियों ने ईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन बात नहीं बनी। वहीं, आज अधिशासी अधिकारी राकेश कोटिया को हटाने की मांग को लेकर व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन किया है। जब व्यापारी नेता जीवन धानिक का कहना है कि अधिशासी अधिकारी से पॉलीथिन का स्तर बताने को कहा गया तो ईओ कोई भी जबाब नहीं दे पाया। चालान करने आये अधिकारियों को जब पॉलीथिन का स्तर पता नहीं है क्यों चालान कटा जा रहा है। नगर पंचायत की गाड़ी में पॉलीथिन लगा हुआ। नगर पंचायत वर्तमान में नये कूड़ा वाहन आये हैं, जिसमें पॉलीथिन लगा है, जिसको देखकर व्यापारी भड़क गये। उन्होंने नगर पंचायत की गाड़ी का चालान करने की मांग करने लगे। इस दौरान नगर पंचायत की गाड़ी का घेराव भी किया गया।
नैनीताल-भवाली रोड पर गिरी चट्टान
सड़क का 50 मीटर हिस्सा बहा, यातायात हुआ ठप
देहरादून। नैनीताल में गुरुवार रात से हो रही बारिश आज भी परेशानी का सबब बनी हुई है। सुबह नैनीताल-भवाली रोड पर पाइंस के पास भारी भूस्खलन हो गया। भूस्खलन के कारण सड़क का 50 मीटर हिस्सा पूरी तरह जमींदोज हो गया। इसके बाद से यहां यातायात ठप है।
भूस्खलन की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल और एसएसपी पंकज भट्ट ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने लोनिवि के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि पाइंस स्थित पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटने से यह स्थिति पैदा हुई है।
फिलहाल इस रोड पर चलने वाले वाहन वाया ज्योलीकोट होकर चलेंगे। कहा कि सड़क को बनने में लगभग हफ्ते भर का समय लग सकता है। जिलाधिकारी ने बताया कि जो पहाड़ी क्षतिग्रस्त हुई है उसी के पास आईटीआई और विद्युत विभाग की आवासीय कॉलोनी भी है। विभागीय अधिकारियों को पूरे क्षेत्र का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
पहाड़ में बारिश आफत बनकर बरस रही है। बारिश से जगह-जगह मार्गों में मलबा आने से 193 मार्ग बंद हो गए हैं। खटीमा में निर्माणाधीन मकान के क्षतिग्रस्त होने से मकान में दो लोग दब गए जबकि अल्मोड़ा जिले के छांतरिया रेंज कार्यालय पर चीड़ का पेड़ गिरने से कार्यालय भवन का 50 प्रतिशत हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।
वहीं, बारिश के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाली घट्टाबगड़-लिपुलेख सड़क और तवाघाट-सोबला सड़क तीन दिन से बंद है। इस कारण सीमांत के ग्रामीणों और सुरक्षा एजेंसियों को काफी परेशानी हो रही है।आगेपढें
अगले 24 घंटे भारी बारिश के आसार
देहरादून। देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पौड़ी, नैनीताल जैसे जिलों में अगले 24 घंटे में कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार हैं। भारी बारिश को देखते हुए मौसम विज्ञानियों ने येलो अलर्ट भी जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि 31 जुुलाई तक मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना है। भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए देहरादून की डीएम सोनिका ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं। डीएम ने कहा कि यदि आपदा प्रबंधन में लापरवाही बरती गई तो संबंधित विभागों के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। वहीं, गंगोत्री हाईवे सुबह बंदरकोट में मलबा आने से बंद हो गया।
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पौड़ी में पांच साल के बच्चे को मां के सामने उठा ले गया गुलदार
सुबह जंगल से बुरी हालत में मिला शव
देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गुलदार का आतंक बना हुआ है। पौड़ी जिले के चाकीसैंण तहसील स्थित बड़ेथ गांव में गुलदार ने एक पांच वर्षीय बच्चे को निवाला बना लिया। घटना गुरुवार देर रात की है। जिसकी जानकारी शुक्रवार सुबह मिली।
वनक्षेत्राधिकारी पैठाणी अनिल रावत ने बताया कि पांच वर्षीय आर्यन रावत पुत्र लाल सिंह रावत के गायब होने की सूचना मिली। मौके पर जाकर पता लगा कि उसे गुलदार ने निवाला बना लिया है। पुलिस, राजस्व पुलिस, वन विभाग की टीम व ग्रामीणों के सहयोग से बच्चे का शव सुबह जंगल में बरामद कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद क्षेत्र में पिंजरा लगाए जाने समेत अन्य कार्रवाई की जा रही है।देवघार रेंज से सटे ग्राम पंचायत कूणा के खेड़ा डौरा और आसपास के क्षेत्रों में गुलदार के सक्रिय होने से लोगों में दहशत है। बीते बुधवार की रात को गुलदार ने घर से कुछ दूरी पर खूटे में बंधे मूर्ति सिंह के बैल को अपना शिकार बना लिया।
स्थानीय निवासी करण, हरीश, सैमपाल प्रताप सिंह, धनीराम आदि का कहना है कि आए दिन गुलदार आबादी क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। दो दिन पूर्व भी गुलदार ने एक बकरी को निवाला बनाया गया। बीते मंगलवार को गुलदार डणडे पानी के निकट दिखाई दिया था। जिससे पशु पालक चिंतित हैं। एक सप्ताह पूर्व भी कूणा गांव के मुंडाली धार में घर के निकट गुलदार दिखाई दिया था। लोगों का कहना है कि गुलदार चार से पांच फीट लंबा है। गुलदार अब तक करीब आधा दर्जन पशुओं को मार चुका है।
ग्राम पंचायत कूणा की प्रधान रीता जगलान का कहना है कि उनकी पंचायत में लगातार गुलदार का मूवमेंट बना हुआ। जिससे लोगों में भय बना हुआ है। उन्होंने विभाग ने गश्त बढ़ाने और पीड़ित पशुपालकों को मुआवजा दिलाने की मांग की है। देवघार रेंज के वन क्षेत्राधिकारी हरीश चौहान का कहना है कि मौके पर वन विभाग की टीम भेज दी गई है। लोगों को जागरूक करने के साथ ही क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी। गुलदार के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की है। पीड़ित पशुपालकों को विभागीय नियमों के अनुसार मुआवजा दिलाया जाएगा।
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भारी बारिश के चलते बदरीनाथ नेशनल हाईवे बाधित
उफान पर लामबगड़ और खचरा नाला
चमोली। चमोली में मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी सटीक साबित हुई। जनपद में अलग-अलग जगहों पर बारिश हो रही है। जिसके चलते जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों की कई सड़कें अभी भी बंद हैं। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ के पास नाले ने रौद्र रूप ले लिया है। भारी बारिश के कारण सड़क पर सैलाब आ गया है। ऐसा लग रहा है मानों अलकनंदा नदी हाईवे पर बह रही हो। सड़क पर पानी आने से राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड़ के पास 2 घंटे से बंद है। लामबगड़ नाले के साथ खचरा नाला भी उफान पर है। जिसके चलते हाईवे के दोनों ओर सैकड़ों श्रद्धालु फंस गए हैं।
इसके साथ ही बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 07 पुरसाड़ी के पास मलबा आने से बंद हो गया है। सड़क बंद होने से मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई हैं। मार्ग बंद होने की सूचना पर एनएच की टीम को मौके पर पहुंची। फिलहाल, मार्ग खोलने का काम किया जा रहा है।
जनपद में अलग-अलग जगहों पर बारिश हो रही है। जिसके चलते जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों की कई सड़कें अभी भी बंद हैं। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अलग-अलग जगहों पर मलबा हटाकर यातायात सुचारू किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चौबे ने बताया पहाड़ी से मलबा आने के कारण हाईवे अवरुद्ध हो रहा है। जिसको खोलने का कार्य जारी है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए सभी थानों और चौकियों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है।
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अरिहन्त हॉस्पिटल में आयोजित होगी लिवर ओपीडी सेवाएं
जेपी हॉस्टिपटल के डॉक्टर लेंगे भाग
देहरादून। लोगों को सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के अपने वादे को आगे बढ़ाते हुए जेपी हॉस्पिटल नोएडा ने देहरादून में लिवर रोगों के लिए व्यापक ओपीडी सेवाओं की शुरूआत की है। सभी को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जेपी हॉस्पिटल के मिशन के तहत ये ओपीडी सेवाएं शुरू की गई हैं। जेपी हॉस्पिटल के विशेषज्ञ आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उपचार के सर्वश्रेष्ठ विकल्प उपलब्ध कराएंगे। एडिशनल डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ लिवर ट्रांसप्लान्ट एण्ड सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलोजी, जेपी हॉस्पिटल डॉ. पुनीत सिंगला ने कहा कि जब लिवर ठीक तरह से काम करता है तो खून साफ होता है, यह भोजन को पचाने और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। यह भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को ऐसे उत्पादों में बदलता है जो शरीर की सही कार्यप्रणाली के लिए ज़रूरी हैं, ऐसे में यह शरीर के मेटाबोलिज़्म और इम्यून सिस्टम को ठीक बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के दौर में जीवनशैली में आए बदलावों, पश्चिमी आहार के बढ़ते चलन, गतिहीन जीवनशैली और एल्कॉहल के सेवन की वजह से भारत में लिवर रोगों के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
हर साल भारत में लाखों लोग लिवर रोगों का शिकार होते हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यह मृत्यु का दसवां सबसे बड़ा कारण है। भारत में लिवर रोगों का बोझ बहुत अधिक है। 2015 में दुनिया भर में लिवर रोगों के कारण हुई 2 मिलियन मौतों में से 18.3 फीसदी मौतें भारत में हुईं।
‘लिवर रोगों पर नियन्त्रण की बात करें तों जीवनशैली में कुछ बदलाव लाना बहुत ज़रूरी होता है जैसे वज़न कम करना, कॉलेस्ट्रॉल कम करना। आहार में बदलाव लाकर और नियमित व्यायाम के द्वारा आप नॉन-एल्कॉहलिक फैटीलिवर रोग का प्रबन्धन कर सकते हैं। एल्कॉहल लिवर की कोशिकाओं के लिए ज़हर की तरह काम करती है और लिवर में सूजन एवं लिवर हेपेटाइटिस का कारण बन सकती है।’ डॉ अभिषेक अग्रवाल, कन्सलटेन्ट डिपार्टमेन्ट ऑफ लिवर ट्रांसप्लान्ट एण्ड सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलोजी ने कहा।
‘जेपी हॉस्पिटल के साथ साझेदारी करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, क्योंकि इससे देहरादून की चिकित्सा प्रणाली में सुधार आएगा और मरीज़ों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी। हमें उम्मीद है कि एक दूसरे के साथ मिलकर हम क्षेत्र के लोगों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगे।’ डॉ अभिषेक जैन, डायरेक्टर, अरिहन्त हॉस्पिटल ने कहा। जेपी हॉस्पिटल अपने अनुभवी डॉक्टरों और आधुनिक मेडिकल टेक्नोलॉजी के साथ मरीज़ों के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाओं को सुलभ बनाता है। अपनी स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार लाते हुए यह अस्पताल मरीज़ों को उपचार के सर्वश्रेष्ठ विकल्प उपलब्ध कराता है, जिससे उन्हें विश्वस्तर के समकक्ष परिणाम मिलते हैं।