नई दिल्ली कोरोना लॉकडाउन को लेकर कई बार यह सवाल उठे है कि देशभर में अनाज का संकट तो खड़ा नहीं हो जाएगा। वहीं पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा है कि हमारे पास इतना बफर स्टॉक है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम हिन्दुस्तान के हर निवासी का पेट भर सकते है। लॉकडाउन के बावजूद पंजाब सरकार 19 दिनों में 90 लाख मैट्रिक टन गेंहू खरीद चुका है। पंजाब का 135लाख मैट्रिक टन गेंहू खरीदने का लक्ष्य है। वहीं पंजाब सरकार ने मंगलवार को कहा कि जो प्रवासी कामगार अपने गृह राज्य वापस जाना चाहते हैं। श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से उनकी यात्रा का खर्च सरकार उठाएगी और इसके लिए 35 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। पंजाब के जालंधर रेलवे स्टेशन से मंगलावार को 1200 प्रवासी कामगारों को ले कर पहली श्रमिक विशेष रेलगाड़ी झारखंड के लिए रवाना हो गई। यहां जारी एक सरकारी बयान में कहा गया, श्भारतीय रेलवे द्वारा प्रवासियों के परिवहन में अपने हिस्से के भुगतान के पहले चरण में पंजाब सरकार ने 35 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।श् सरकार का अनुमान है कि पांच से छह लाख फंसे हुए कामगार अपने गृह राज्य लौटने के लिए रेल यात्रा को चुनेंगे शेष सड़क मार्ग से जाने को तरजीह देंगे। सरकार ने कहा कि खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी, भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में अन्न का पर्याप्त भंडार है। यहां तक कि लॉकडाउन अवधि के दौरान मुफ्त में प्रदान किए गए अतिरिक्त गेहूं और चावल की आवश्यकता को पूरा करने के बाद भी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों और खाद्यान्नों और दालों के कुल भंडार और अब तक राज्यों को भेजी दालों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एफसीआई के पास वर्तमान में 276.61 लाख टन चावल और 353.49 लाख टन गेहूं है। इसलिए कुल 630.10 लाख टन अनाज का स्टॉक उपलब्ध है। इसके विपरीत, एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत एक महीने के लिए लगभग 60 लाख टन अनाज की आवश्यकता होती है।