जासूसी के आरोप में पकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सज़ा पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस(आईसीजे ) ने रोक लगा दी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार देर रात ट्वीट किया कि हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष ने न्यायालय के नियमों के पैरा-4 के अनुच्छेद 74 के तहत यह रोक लगाई है। श्रीमती स्वराज ने यह भी लिखा है कि उन्होंने कुलभूषण की मां से टेलीफोन पर बात कर उन्हें यह जानकारी दे दी है। विदेश मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भारत की ओर से इस मामले में पैरवी कर रहे हैं।
भारत ने पाकिस्तान की सैन्य अदालत के फैसले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चुनौती दी थी और उसके बाद न्यायालय ने कुलभूषण की फांसी पर रोक लगाई है। भारत की ओर से न्यायालय को बताया गया कि कुलभूषण का ईरान से अपहरण किया गया लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने दर्शाया कि उन्हें पिछले वर्ष तीन मार्च ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंगलवार देर शाम अपने एक वक्तव्य में बताया कि भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर विएना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था। भारत की ओर से दायर अपील में ये भी बताया गया था कि कुलभूषण जाधव को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया और ना ही उन्हें भारत के उच्चायोग अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी गई।
भारत की दलीलों को गंभीरता से लेते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पत्र लिखकर कुलभूषण की मौत की सजा पर रोक लगाने को कहा है। भारत ने पाकिस्तान की सैन्य अदालत के इस फैसले के खिलाफ आठ मई को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी।
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण को जासूसी के आरोप में पिछले महीने 10 अप्रैल को फांसी की सजा सुनाई थी। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन करते हुए श्री जाधव पर मामला चलाया है।