मुख्घ्यमंत्री पुष्घ्कर सिंह धामी पहुंचे पौड़ी
पौड़ी। पौड़ी के बीरोंखाल इलाके में 46 से 50 लोगों को ले जा रही एक बस खाई में गिर गई। बस दुर्घटना में 25 लोगों की मृत्यु हो गई है। पुलिस और एसडीआरएफ ने बचाव अभियान चलाकर 21 लोगों को बचाया है। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है। बुधवार की सुबह सीएम धामी भी मौके पर पहंुचे और राहत बचाव कार्यो का जाएजा लिया।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बस हादसे के बारे में जानकारी दी कि दुर्घटना में 25 लोग मारे गए हैं। 21 लोगों को बचा लिया गया है। सभी घायलों को अस्घ्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि ‘मंगलवार रात को पौड़ी गढ़वाल के धूमाकोट के बीरोंखल क्षेत्र में हुए बस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम 21 यात्रियों को बचाने में कामयाब रही। घायलों को नजदीक के अस्घ्पताल में भर्ती कराया गया है। बस में 46 से 50 लोगों के सवार होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि पट्टा टूटने के कारण बस अनियंत्रित हो गई और खाई में जा गिरी। एसडीआरएफ और ग्रामीणों की मदद से राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया था। लालढांग क्षेत्र के कटेवड़ गांव निवासी संजीव के पुत्र महावीर की बरात जीएमओयू बस संख्या (यूके04-0501) से मंगलवार दोपहर 12 बजे कांडा तल्ला के लिए गई थी। बस कांडा तल्ला निवासी प्रकाश चंद्र के घर जानी थी। बस में सवार लालढांग निवासी पंकज ने बताया कि शाम करीब सात बजे रिखणीखाल-कांडा तल्ला के मध्य सिमड़ी गांव से करीब एक किलोमीटर पहले बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी।
जानकारी के अनुसार, बारातियों से भरी बस लालढांग हरिद्वार से कांडा तल्ला जा रही थी। पौड़ी गढ़वाल जिले के सिमड़ी गांव के पास रिखणीखाल-बीरोंखल मार्ग पर पट्टा टूटने के कारण चालक ने बस पर से नियंत्रण खो दिया और बारातियों से भरी बस खाई में जा गिरी। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। बाद में रेस्घ्क्घ्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ की टीम को भी लगाया गया। हादसे की खबर मिलते ही मुख्घ्यमंत्री पुष्घ्कर धामी भी एक्टिव हो गए। उन्घ्होंने एसडीआरएफ को लोगों को बचाने के अभियान में तत्घ्काल जुटने का निर्देश दिया।सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें घटनास्थल पर रेस्क्यू में जुटी हैं। हम सभी सुविधाएं दुर्घटनास्थल तक पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।