देहरादून पहाडोंकीगूँज, उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को रेसकोर्स स्थित पुलिस लाईन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’ प्राप्त पुलिस अधिकारियों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस पत्रिका 2022 का विमोचन किया गया। नैनीताल जनपद की चोरगलिया थाने को सर्वश्रेष्ठ पुलिस थाने के रूप में सम्मानित किया गया।
राज्य स्थापना दिवस के मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार-2022 एवं उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार-2021 के महानुभावों को सम्मानित भी किया।
उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित महानुभावों को सम्मान पत्र, ट्राफी एवं एक लाख रूपये की धनराशि का चेक प्रदान किया गया। उत्तराखण्ड गौरव सम्मान 2022 से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कवि लेखक, गीतकार एवं सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, भूतपूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्व. जनरल विपिन रावत, कवि लेखक एवं गीताकार स्वं गिरीश चन्द्र तिवारी ‘गिर्दा’, साहित्यकार एवं पत्रकार स्व. श्री वीरेन डंगवाल को सम्मानित किया गया। जबकि 2021 के उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री नारायण दत्त तिवारी, पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, साहित्यकार रस्किन बॉण्ड, साहसिक खेल के क्षेत्र में श्रीमती बछेन्द्री पाल तथा संस्कृति एवं लोक कला के क्षेत्र में नरेन्द्र सिंह नेगी को सम्मानित किया गया। श्री प्रसून जोशी एवं नरेन्द्र सिंह नेगी कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किये गये। उत्तराखण्ड गौरव सम्मान के अन्य महानुभावों के परिवारजनों द्वारा सम्मान लिया गया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन से जुड़े सभी ज्ञात-अज्ञात, अमर शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों से कहा कि आज के अवसर पर हमें दो संकल्प लेने की जरूरत है। पहला ट्रैफिक नियमों का पालन करना और दूसरा उत्तराखण्ड के प्रत्येक हिस्से को स्वच्छता अभियान का रोल मॉडल बनाना। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों का पालन कर हम सड़क दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी ला सकते हैं। वाहनों की फिटनेस समय पर कराकर वाहनों में ओवरलोडिंग का त्याग कर सड़क पर गाड़ी चलाते हुए सभी नियमों का पालन कर सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि हमारे यहाँ देश-विदेश से पर्यटक आते हैं हमारी सड़कें पर्यटक स्थल नदी-घाट ट्रेक साफ-सुथरे रहने चाहिए तभी हम स्वच्छता अभियान का रोल मॉडल बन सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हमें अपने लिये तीन लक्ष्य निर्धारित करने हैं- इमीडियेट गोल, इण्टरमीडियेट गोल और सेन्चुरी गोल। इमीडियेट गोल, यानी तत्काल हासिल किया जाने वाला लक्ष्य जो कि 2025 तक का उत्तराखण्ड कैसा होगा जब हम अपनी स्थापना के 25 वर्ष मना रहे होंगे यह तय करना है। इण्टरमीडियेट गोल, 2030 तक यानी तीसरे दशक की समाप्ति पर उत्तराखण्ड कैसा होगा। यह वही दशक है जिसे हमें अपना बनाना है। जिसके बारे में प्रधानमंत्री जी ने भी कहा है। तीसरा, सेंचुरी गोल, यानी 2047 तक जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मना रहा होगा। आजादी के अमृत काल का अंतिम सोपान। तब उत्तराखण्ड किस स्वरूप में होगा यह लक्ष्य हमें इस अवसर पर तय करना है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्षों से स्कूली शिक्षा के लिए उत्तराखण्ड देश-विदेश में विख्यात रहा है। राज्य के विश्वविद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल एवं कॉलेजों में पढ़ाई ऐसी होनी चाहिए कि विद्यार्थियों को रोजगार मिले, समाज को उनकी चुनौतियों का समाधान मिले, लैब टू लैण्ड के सिद्धांत पर पढ़ाई का लाभ गांव, गरीब और पिछड़े लोगों को अवश्य मिले। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए शासन, प्रशासन का स्वच्छ एवं पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होना जरूरी है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा ठोस कदम उठाये गये हैं। भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064, सी0एम हेल्पलाईन 1905, इस दिशा में बड़े कदम हैं। अपणि सरकार पोर्टल, ई-ऑफिस, ई-कैबिनेट जैसे कदम सुशासन की दिशा में उठाये गये हैं। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में अच्छी कानून व्यवस्था बनाये रखना बहुत आवश्यक है। प्रदेश में शांतिपूर्ण माहौल और अच्छी कानून व्यवस्था द्वारा ही यहाँ पर्यटन और निवेश को प्रोत्साहन दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा के दौरान और आपदा के दौरान सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा बदलते समय में यातायात साईबर क्राईम, महिला अपराध, ड्रग्स जैसे अपराधों को रोकने के लिए भी उत्तराखण्ड पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या भारी ईजाफा हो रहा है इसके लिए हमें गांव में होमस्टे को बढ़ावा देना होगा। राज्य में होमस्टे का निर्माण एक अभियान के तहत हो रहा है इसे और मजबूती दिये जाने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड आर्गेनिक ब्राण्ड बनाने का निर्णय किया है। उत्तराखण्ड आर्गेनिक खेती, जड़ी-बूटियों, बेमौसमी सब्जियों-फलों के लिए बहुत बड़ा सप्लायर स्टेट बन सकता है। इन क्षेत्रों में हमें अलग-अलग बहुत सी सफलता की कहानियां भी दिखाई पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि मशरूम, राजमा, पनीर, सेब, मटर का उत्पादन एवं निर्यात करने में बहुत से लोगों ने अच्छी कामयाबी पाई है। पिथौरागढ़ में बेड़ू के उत्पादों ने राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि हम भारत के सभी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ राज्य नहीं बन सकते। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। मुझे पूरा यकीन है कि उत्तराखण्ड का बच्चा-बच्चा प्रधानमंत्री जी की इस बात को सच साबित करने में जुट जायेगा। राज्य निर्माण से अब तक उत्तराखण्ड ने विकास के कई पैमानों पर अपनी खास जगह बनाई है। राज्यपाल ने कहा कि अगर कहा जाए कि 22 साल बेमिसाल तो गलत नहीं होगा लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून में 12 घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि *राज्य सरकार ने तय किया है कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को वर्ष 2027 तक दोगुना किया जाएगा। राज्य के संशाधनों के समुचित उपयोग और आय के स्रोतों का चिन्हीकरण करते हुए सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने के लिए सुझाव देने हेतु शीघ्र ही एक सलाहकार फ़र्म का भी चयन किया जाएगा।
प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने हेतु और निवेशकों को आकर्षित करने हेतु तीन माह के भीतर सरलीकृत लघु जल विद्युत नीति और सौर ऊर्जा नीति बनायी जाएगी।*
*विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार करने तथा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु रूपांतरण कार्यक्रम के तहत प्रति वर्ष दो सौ विद्यालयों को रूपांतरित किया जाएगा तथा अगले पाँच वर्षों में एक हज़ार विद्यालयों को सुदृढ़ किया जाएगा। यह कार्य अन्य विद्यालयों में चलाए जा रहे अन्य कार्यक्रम से अतिरिक्त रूप में किया जाएगा।*
जम्मू-कश्मीर एवं हिमांचल प्रदेश की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी कम मूल्य वाली फसलों के स्थान पर उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि फसल उत्पादकों की आय को बढ़ाया जा सके।
*पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को को आकर्षित करने के लिए नई पर्यटन नीति तीन माह के भीतर बनायी जाएगी।
राज्य में पशु पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य पशु धन मिशन की शुरुआत की जाएगी।
प्रदेश में आगामी पाँच वर्षों में दस हज़ार महिला तथा महिला समूहों को उद्यमी बनाने का लक्ष्य हमने तय किया है। इसके तहत कोई भी महिला तथा महिला समूह ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग लगा सकेगा।
प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए ’गौरा शक्ति’ एप शीघ्र लांच किया जायेगा। इसके माध्यम से हमारी बहन-बेटियाँ अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगी और पुलिस सुरक्षा के घेरे में आ जाएँगी।
राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बेहतर विपणन व्यवस्था और सुविधा के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफार्म शीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा। जिसमें विभिन्न विभागों के ब्रैंड्स जैसे हिमाद्रि, हिलांश इत्यादि को बिक्री हेतु एक मंच मिल सकेगा।
*प्रदेश की क़ानून व्यवस्था को चुस्त करने के लिए इनामी बदमाशों को पकड़वाने वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस हेतु पुलिस विभाग के अंतर्गत एक करोड़ रूपए का कोष गठित किया जाएगा।*
राज्य में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि उत्तराखंड के आंदोलन का इतिहास तथा लोक संस्कृति के विभिन्न आयामों को हमारी पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जा सके।
प्रदेश की तहसील स्तर तक की समस्याओं के समाधान के लिए ’’मुख्यमंत्री चौपाल’’ कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। यह योजना ’’हमारी सरकार, जनता के द्वार’’ कार्यक्रम को धरातल पर उतारेगी। यह चौपाल विभिन्न विभागों के सचिवों, प्रमुख सचिवों व जिलाधिकारियों द्वारा राज्य के विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएगी। इस योजना द्वारा लोगों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य निर्माण में अपना योगदान देने वाले सभी अमर शहीदों एवं राज्य आंदोलनकारियों एवं को नमन करते हुए कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के सपने के अनुरूप राज्य के विकास के लिए सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने विगत दिनों राज्य में आई आपदाओं में सभी मृत आत्माओं के प्रति अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की। देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न परम स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का भी मुख्यमंत्री ने स्मरण किया। उन्होंने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखंड राज्य का सपना साकार हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में प्रभावी प्रशासन के लिए प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन का जो मंत्र दिया था, हमारी सरकार उसी को अपना मूलमंत्र मानकर कार्य कर रही है। आज उत्तराखंड में हर जगह विकास के कार्य देखने को मिल रहे हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की स्वीकृति इसका मुख्य कारण है। इनमें से बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो गया है और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 21 अक्टूबर 2022 को देश के प्रथम गांव माणा में हमारे राज्य के उत्पादों की सराहना करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे अपनी यात्रा में जितना व्यय करते हैं, उसका कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को क्रय करने पर व्यय करें। इसका निश्चित रूप से लाभ हमारे प्रदेश को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पिछले डेढ साल से मुख्य सेवक के दायित्व का निर्वहन पूरी क्षमता से करने की कोशिश कर रहे हैं। कोई ऐसा वर्ग नहीं है जिसके लिए राज्य सरकार ने योजना न बनाई हो या कार्य न किया हो। सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जनता के प्रति जवाबदेह है, भरोसेमंद है तथा अपने कार्य में दक्षता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि जहां संभव हो सरकारी नौकरियों द्वारा या युवाओं की स्किल में बढोत्तरी कर प्राइवेट सेक्टर में उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर या फिर स्वरोजगार सम्बंधी नीतियों को सरल बनाकर अधिक से अधिक युवाओं को भली प्रकार जीवन यापन के संसाधन मुहैया कराए जा सकें। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के युवा हमारा भविष्य हैं और हम युवाओं साथ धोखा करने वालों के खिलाफ किसी भी सख्त कार्यवाही को करने से पीछे नहीं हटेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक विनोद चमोली, श्रीमती सविता कपूर, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु, डीजीपी अशोक कुमार, शासन, पुलिस एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य महानुभाव उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर बलवीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय में विभिन्न विकास कार्यों परआधारित प्रदर्शनी का सुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक उमेश शर्मा काऊ एवं पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में विधानसभा परिसर भराडीसैंण में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग 11736 लाख रूपये की 28 योजनाओं का लोकार्पण एवं लगभग 4948 लाख की 22 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने टैक्सी स्टैंड गैरसैंण से स्टेडियम होते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम तक इंटरलॉकिंग टाइल्स द्वारा मोटर मार्ग के निर्माण, पर्यटन विकास मेला मेहलचौरी के लिए दो लाख की धनराशि तथा कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला गैरसैंण के लिए भी 2 लाख की धनराशि देने की घोषणा की। इस दौरान जिला सूचना कार्यालय चमोली द्वारा प्रकाशित जनपद की ‘‘विकास पुस्तिका’’ का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। आज हमारा प्रदेश उनके मार्गदर्शन में विकास के विभिन्न आयामों को छू रहा है। आज उत्तराखंड में हर जगह विकास के कार्य देखने को मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 21 अक्टूबर 2022 को देश के प्रथम गांव माणा में हमारे राज्य के उत्पादों की सराहना करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे अपनी यात्रा में जितना व्यय करते हैं, उसका कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को क्रय करने पर व्यय करें। इसका निश्चित रूप से लाभ हमारे प्रदेश को मिलेगा। सीएम ने कहा कि वर्तमान में जारी भर्ती कैलेण्डर के अनुसार 7 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही 19 हजार पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि 22 साल के सफर में उत्तराखंड ने सफलता के कई मुकाम हासिल किए। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण से लेकर उत्तराखण्ड दृढ़ता पूर्वक विकास के रास्ते पर कदम आगे बढ़ा रहा है। यह उत्तराखण्ड वासियों के दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है जल्दी ही हमारा प्रदेश विकास के नए-नए सोपान तय करेगा। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश के लिए जीना है, काम करना है, इस भावना के साथ किये गये छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि निष्ठा और ईमानदारी के साथ रोज के कामकाज करते हुए भी प्रत्येक व्यक्ति राज्य की उन्नति में योगदान दे सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित रही सभी महिला समूहों को अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से प्रोत्साहन राशि के रूप में 5- 5 हजार रुपए देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य में पलायन को रोकने के लिए प्रभावी योजनाओं का क्रियान्वयन होने से रोजगार के नए अवसर युवाओं को पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन एवं उद्योगों की अपार क्षमताएं हैं जो कि प्रदेश के विकास में मील के पत्थर साबित हो रही हैं।
इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, सीडीओ डा. ललित नारायण मिश्र, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी एवं अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।
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उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘‘प्रगति पथ से प्रकृति पथ’’ साइकिल यात्रा के समापन समारोह में किया प्रतिभाग
पद्म भूषण डॉ. अनिल जोशी को इस ‘प्रगति पथ से प्रकृति पथ साइकिल यात्रा के सफल संचालन के लिए दी बधाई।
मुख्यमंत्री ने पद्म भूषण डॉ. अनिल जोशी को किया उत्तराखण्ड गौरव से सम्मानित।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी ईकोलॉली, पर्यावरण, वन संपदा हमारी सबसे बड़ी सम्पति है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारी जिम्मेदारी भी सबसे बड़ी है। हमें लोगों को विशेषकर युवाओं को पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वृक्षारोपण के लिए जागरूक करना होगा। इसके साथ ही स्कूली बच्चों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पद्म भूषण डॉ. अनिल जोशी को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित करते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके द्वारा किये जाने वाले प्रयासों का भी सम्मान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में गौरा देवी, सुन्दरलाल बहुगुणा, जैसे महान पर्यावरणविद् हुए है। जो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। पद्म भूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी पर्यावरण के प्रहरी तो हैं ही साथ ही हमारे लिए विशेष गौरव की बात है कि वह समय समय पर हमारा मार्गदर्शन भी करते रहे हैं कि किस तरह हम प्रगति और प्रकृति के बीच सामंजस्य बैठाते हुए विकास की परिभाषा गढ़ें जो सिर्फ उत्तराखंड या हिमालयी राज्यों के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देशों के लिए भी एक मिसाल बन सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पद्म भूषण डॉ. अनिल जोशी के नेतृत्व में 7 राज्यों से गुजरी 40 दिवसीय प्रगति से प्रकृति पथ यात्रा पूरे उत्तराखंड के लिए भी एक उपलब्धि है जिसके माध्यम से उन्होंने यात्रा मार्ग में अपने संवाद से हजारों लोगों के मन में पर्यावरण के प्रति चेतना जगाई और हमारे प्रदेश का मान बढ़ाया है। इस यात्रा के दौरान हुए अविस्मरणीय अनुभव निश्चित रूप से उत्तराखंड के विकास में उत्प्रेरक का काम करेंगे और इकोनॉमी तथा इकोलॉजी में संतुलन बनाते हुए विकास के नए आयाम गढ़ने में सहायक होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव सर्वविदित है। उन्होंने उत्तराखण्ड को स्वर्ग की संज्ञा दी है। प्रधानमंत्री जी ने माणा में अपने संबोधन में सभी लोगों से अपनी यात्रा व्यय का 5 प्रतिशत धनराशि वहां के स्थानीय उत्पादों के क्रय पर व्यय करने की बात कही है इससे स्थानीय उत्पादों के उत्पादन एवं विपणन में लाभ मिलेगा। तथा हमारी स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी मातृशक्ति का भी सम्मान और आर्थिकी मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड देश के श्रेष्ठ राज्यों में अपनी पहचान बनाये इस दिशा में हमें मिल जुलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास की दिशा निर्धारण के लिए बोधिसत्व विचार श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। अब तक 7 से ज्यादा विचार श्रृंखलाएं आयोजित की जा चुकी हैं जिसमें पद्म भूषण डॉ. अनिल जोशी के साथ ही नीति आयोग एवं विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के विचार राज्य के समग्र विकास का मॉडल तैयार करने में निश्चित रूप से सहायक होंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, फिल्म अभिनेत्री दिया मिर्जा, सचिव विनोद सुमन भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन यू-कॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने किया।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर दून विश्वविद्यालय के डॉ. नित्यानंद ऑडिटोरियम में आयोजित ओहो उत्तराखण्ड रंगोत्सव-‘‘एक शाम उत्तराखण्डी संगीत और संस्कृति के नाम’’ कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोक गीत बेडू पाको के रिक्रिएशन गीत का लोकार्पण करने के साथ ही टीम बेडू पाको के सदस्यों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न समाज सेवियों को उत्तराखण्ड इंस्पायर अवार्ड के साथ ही राज्य में महिला सशक्तिकरण, पारम्परिक खेती कृषि एवं बागवानी तथा शिक्षा आदि के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वालों को ‘‘मैं उत्तराखण्ड हूँ’’ सम्मान से सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25- 30 वर्ष पूर्व हम सभी ने देखा है कि हमारे घरों में रेडियो का बड़ा प्रचलन हुआ करता था। हम सभी उसके माध्यम से राष्ट्रीय समाचारों को, प्रसिद्ध गीतों को और अपने प्रदेश के लोक गीतों को सुना करते थे और आनंद से अभिभूत हो जाया करते थे। हमने यह भी देखा है कि पहले किसी-किसी गांव में सिर्फ एक-दो घरों में ही रेडियो हुआ करता था। जिसके माध्यम से चौपाल में काफी लोग एकत्रित होकर उस पर आने वाले अपने-अपने पसंदीदा कार्यक्रमों को सुना करते थे।
उन्होंने कहा कि लोगों को जोड़ने का, लोगों में एकता बढ़ाने का, खुशी देने का सबसे अच्छा माध्यम यदि है तो वह रेडियो ही है। यह बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि ओहो रेडियो ने उत्तराखंड में रेडियो को जिंदा रखने का काम किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम के लिए रेडियो का चुनाव करना निश्चित रूप से रेडियो की विलुप्त होती भूमिका का संरक्षण और इसकी पुनर्स्थापना करने का एक प्रयास भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश व दुनिया में भारत का मान व सम्मान बढ़ा है। आज देश में एक ऐसा नेतृत्व है जिसकी स्वीकार्यता सम्पूर्ण विश्व में है। वैश्विक मंचों पर भारत का महत्व बढ़ा है। धर्म एवं संस्कृति को महत्व दिये जाने के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना साकार हो रहा है। देश आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश के सांस्कृतिक स्थलों का विकास हो रहा है। भव्य राम मंदिर निर्माण एवं भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर इसके प्रमाण हैं।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं बदरीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण पर एक हजार करोड़ के कार्य किये जा रहे हैं। राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। हरेला और इगास के पर्व इसके प्रमाण हैं। आने वाले समय में राज्य के अन्य त्योहारों को भी मनाये जाने के प्रयास किये जायेंगे। इसमें हम सबको सामुहिक रूप से जिम्मेदारी निभानी होगी तभी हम अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं की जड़ों से जुड पायेंगे। आधुनिकता के इस दौर में अपनी संस्कृति से जुड कर हमें हमारे पूर्वजों का भी आशीर्वाद मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत गांव माणा को उनके द्वारा अंतिम के बजाय देश का प्रथम गांव बताए जाने पर प्रधानमंत्री ने सहमति प्रदान कर देश के सीमांत गांवों को अंतिम के स्थान पर प्रथम गांव बताया गया है। यह हमारे लिये ही नहीं देश के सीमांत क्षेत्रों के लिये सम्मान की बात है।
कार्यक्रम के संयोजक ओहो रेडियो के संचालक आर.जे काव्य द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत कर उनके द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी।
इस अवसर पर विधायक सुरेश गडिया, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले जी महाराज, प्रमुख माता मंगला, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, फिल्म अभिनेता हेमंत पाण्डेय, के साथ ही बड़ी संख्या में लोक संस्कृति से जुड़े तथा अन्य लोग उपस्थित थे।