वर्ष2013 में विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट की संस्तुति के पत्र पर कार्यवाही शीघ्र करने की मांग करते हैं।
, देहरादून,पहाडोंकीगूँज, देवभूमि पत्रकार यूनियन, उत्तराखंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर राज्य के पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए उनकी निराकरण की मांग की । प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौपा | मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को समस्याओं के निराकरण कराने का आश्वासन दिया ।
यूनियन के प्रदेश महासचिव डॉ. वी डी शर्मा ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि वे अपने अति व्यसतम कार्यक्रम से थोड़ा ध्यान सूचना विभाग में व्याप्त अव्यवथाओं को दुरस्त करने में भी देने की कृपा करें । पत्रकार जगत आपका हृदय से आभारी होगा। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल ने आयुष्मान भारत/अटल आयुष्मान योजना के संशोधित शासनादेश में पत्रकारों का नाम शामिल न कर सरकार की वायदा खिलाफी की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया । इसके अतिरिक्त मांग पत्र में विज्ञापन आवंटन में विभाग द्वारा भेदभावपूर्ण रवैया, पत्रकारो से संबंधित नीति निर्धारण में पत्रकार संगठनों से कोई चर्चा न करना, पत्रकार व अधिकारियों के बीच संवाद हीनता, बाहर से आने वाले पत्रकारों के लिए अतिथि ग्रहों में आरक्षण की देहरादून में व्यवस्था, सहकारी सहभागिता योजना के अंतर्गत मन्यताप्राप्त पत्रकारों को सस्ते ब्याज व सब्सिडी दर पर ऋण देने की योजना को पुन चालू करने, ऋण धनराशि की सीमा पांच लाख करने, पत्रकार कालोनी, पत्रकार सुरक्षा अधिनियम, केशलेस हेल्थ यू कार्ड बनाने, पंजीकृत पत्रकार संगठनों को कक्ष अथवा भू खंड आवंटित करने, पुरानी निविदा, टेंडर संबंधित विज्ञापन विभाग द्वारा जारी करने तथा वर्ष 2017 से राज्य के व्योवृद्ध पत्रकार पेंशन योजना को सुचारू करने आदि की मांग शामिल थी । प्रतिनिधि मंडल में विजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, अनिल वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष, डा. वी डी शर्मा, प्रदेश महासचिव, जिला महासचिव दीपक गुलानी, सूर्य प्रकाश शर्मा, रजत शर्मा, अंबुज जायसवाल शामिल थे।
ज्ञात हो कि अक्टूबर वर्ष 2013 से जीतमणि पैन्यूली संपादक पहाडोंकीगूँज राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र ,ukpkg.com हिन्दी pkgnews24.com अंग्रेजी न्यूज पोर्टल वेब चैनल एवं संयोजक उत्तराखंड पत्रकार संघठन समन्वय समिति ने सभी पत्रकार संगठनों के सुझावों को लेकर 20 सूत्री मांगों का माननीय सदस्य विधानसभा मा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट जी की संस्तुति का पत्र मा मुख्यमंत्री जी को कार्यवाही करने के लिए दिया गया जिसमें अधिकारियों की ओर से उत्तरप्रदेश में पेंशन के लिए 10 वर्ष की मान्यता है यहाँ इन्होंने सरल के बजाय बढ़ दिया हैं।
मेरा मानना है कि उत्तराखंड के अधिकारियों के लिए विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष के साथ साथ विधानसभा सदस्यों की संस्तुति की कोई अहिमीयत नहीं है। शीघ्रातिशीघ्र 2013 के पत्र पर कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय।