देहरादून। राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद दून पुलिस ने शानदार पहल की है। कोरोना से ग्रसित मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए आकस्मिक वाहन सेवा शुरू की है, जिसके तहत आज एसएसपी द्वारा पुलिस आकस्मिक वाहन सेवा का फ्लैग ऑफ कर आकस्मिक स्थितियों में आम जनमानस की सहायता के लिए रवाना किया गया। इस वाहन का इस्तेमाल किसी अन्य व्यक्ति के उपस्थित न होने की दशा में शव के अंतिम संस्कार के लिए संबंधित स्थान तक ले जाने के लिए भी किया जाएगा।
वर्तमान समय में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस लाइन में स्थापित की गई। पुलिस हेल्प डेस्क में कई व्यक्तियों द्वारा कॉल कर स्वयं या अपने किसी परिचित के कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने का अनुरोध किया जा रहा है। कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जा रही है, जब कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों ले जाने के लिए एंबुलेंस के लगातार व्यस्त होने के कारण उनकी समय से उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। ऐसी परिस्थितियों में कई बार गंभीर रूप से बीमार मरीजों के साथ किसी प्रकार की अनहोनी होने की संभावना बनी रहती है। जिसके मद्देनजर एसएसपी द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए पुलिस लाइन देहरादून में उपलब्ध वाहनों में एक वाहन को आकस्मिक स्थितियों में ऐसे मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। सहायता के लिए रवाना किया गया. आकस्मिक वाहन का प्रयोग आकस्मिक स्थितियों में पुलिस से सहायता मांगने वाले लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने तक किया जाएगा।ठीक हुए पुलिसकर्मी करेंगे प्लाज्मा डोनेट, हो रहा एंटीबॉडी टेस्ट
देहरादून। कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए उत्तराखंड पुलिस के जवान अपना प्लाज्मा डोनेट करेंगे। इस कार्य की शुरुआत के लिए 50 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों सामने आए हैं। इन सभी का एंटीबॉडी टेस्ट करवाया जा रहा है। जिस पुलिसकर्मी के शरीर में एंटीबॉडी पाए जाएंगे वो सभी अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकेंगे।
पुलिस लाइन में मेडिकल की टीम इन पुलिसकर्मियों का एंटीबॉडी टेस्ट कर रही है। जिन पुलिस जवानों की एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आएगा, उनका डेटा तैयार किया जाएगा और आने वाले दिनों में जरूरतमंद कोविड पॉजिटिव मरीजों को प्लाज्मा डोनेट किया जाएगा। दरअसल, कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान कई पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए हैं। उपचार के बाद ठीक होकर ये सभी दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौटे हैं। एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि लोगों की मदद के लिए पुलिस विभाग सामने आया है। जो भी पुलिसकर्मी एंटीबॉडी टेस्ट में पास होगा उनके प्लाज्मा से किसी मरीज की जान बचाने में मदद मिलेगी। इसकी शुरुआत अधिकारियों से की गई है और करीब 50 कर्मचारी इसके लिए तैयार हो गए हैं। एसएसपी ने बताया कि अधिकारियों और कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए बनी एसओपी के अनुसार खुद का बचाव करते हुए अपने कर्तव्यों का निवर्हन करने के निर्देश दिए गये हैं और लोगों की सहायता के लिए स्वेच्छा से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया गया है।
रोटरी क्लब के अध्यक्ष की हार्ट अटैक से निधन, मसूरी में शोक की लहर
देहरादून। मसूरी के 42 वर्षीय नीरज गुप्ता का हृदयगति रुकने से आज निधन हो गया। उनकी मृत्यु का समाचार सुनकर मसूरी में शोक की लहर है। बताया जा रहा हैं कि मंगल सुबह उन्हें अटैक पड़ा। इसके बाद तत्काल परिजन उन्हें देहरादून ले गए, जहां उनकी मौत हो गई.वर्तमान में नीरज गुप्ता रोटरी क्लब के अध्यक्ष थे। वो मसूरी को स्वच्छ व सुंदर बनाने के अभियान में कार्य कर रहे थे। वहीं रोटरी के माध्यम से समाज सेवा के अनेक प्रोजेक्टों पर भी कार्य कर रहे थे। मृदुभाषी नीरज गुप्ता हमेशा लोगों की मदद के लिए खड़े रहते थे। वो मसूरी सहित बाहर की विभिन्न संस्थाओं का सहयोग किया करते थे। रोटरी क्लब के साथ ही वह अनेक धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं से भी वो जुड़े रहे। खासकर कन्हैया की डोली में नीरज और उसके परिवार का अहम योगदान रहता था। नगर की अनेक संस्थाओं की आर्थिक मदद के लिए नीरज के दोनों हाथ खुले रहते थे। उनकी असमय मृत्यु पर प्रदेश के मंत्री गणेश जोशी, पूर्व विधायक व उत्तराखंड किक्रेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला, नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, पुूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ओपी उनियाल, भाजपा मसूरी मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल, कांग्रेस अध्यक्ष गौरव अग्रवाल, रोटरी क्लब, लायंस क्लब, एक्टिव मीडिया प्रेस क्लब, प्रेस क्लब ऑफ मसूरी और चंद्रकुंवर बर्त्वाल शोध संस्थान, सहित मसूरी के धार्मिक संगठनों, मजदूर संगठनों ने गहरा दुःख व्यक्त किया।
चार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ महिला गिरफ्तार
रुड़की। हरिद्वार ड्रग्स विभाग और भगवानपुर थाना पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है। महिला के पास से 4 नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी बरामद हुए हैं। पूछताछ में पता चला है कि नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शनों के तार चंडीगढ़ से जुड़े हैं। जिसके बाद पुलिस और संबंधित विभाग उक्त स्थान पर भी छापेमारी करने की तैयारी कर रहा है। फिलहाल भगवानपुर थाना पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार ड्रग्स विभाग की टीम और भगवानपुर थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर एक महिला को गिरफ्तार किया। महिला के पास से चार नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक महिला हाल ही में रुड़की रह रही है। महिला ने पूछताछ में बताया है कि चंडीगढ़ से ये कनेक्शन जुड़ा है।
ढाई महीने की बच्ची की कोरोना से मौत
थराली। कोरोना महामारी के कारण देशभर से डराने वाले आंकड़े हर रोज सामने आ रहे हैं। उत्तराखंड में भी हालात बेहद खराब हैं। सोमवार को जहां 5403 मरीजों में संक्रमण पाया गया वहीं 128 मरीजों की मौत हुई. थराली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी एक ढाई माह की मासूम बच्ची को अपनी जान गंवानी पड़ी।
स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी के मुताबिक ढाई माह की उस बच्ची को उसके परिजन गंभीर हालत में अस्पताल लाये थे। बच्ची का एंटीजन टेस्ट करने पर उसका टेस्ट कोरोना पॉजिटिव आया। इसके तुरंत बाद ही बच्ची ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। बच्ची की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसके परिजनों का भी एंटीजन टेस्ट किया गया। एंटीजन टेस्ट में बच्ची की दादी भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। जबकि मां और दादा की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी है। उपजिलाधिकारी थराली सुधीर कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि बच्ची के परिजनों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग भी की जाएगी और रिपोर्ट आने तक सभी को होम आइसोलेट किया जाएगा।
900 रुपये का फ्लो मीटर 9000 में बेचने दो दबोचे
हल्द्वानी। कोरोना संक्रमण काल मे दवाइयों और मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी की लगातार मिलती शिकायतों पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। संयुक्त टीम ने मुखानी चैराहे के समीप स्थित सर्जिकल स्टोर में छापा मारकर कई फ्लो मीटर बरामद किए हैं। कारोबारी कार में फ्लो मीटर छिपाकर एमआरपी से चार गुना दाम वसूलकर जरूरतमंद लोंगो को बेच रहा था। हालाकि सामान्य दिनों में ये फ्लो मीटर एमआरपी से आधे से भी कम दामों में बिकते हैं।
प्रशासन को मंगलवार की दोपहर किसी मे वीडियो भेजकर मुखानी-आईटीआई रोड पर स्थित यूके सर्जिकल से फ्लो मीटर की कालाबाजारी होने की शिकायत की थी। इस पर तहसीलदार ने मामले की जांच कराई तो शिकायत की पुष्टि हुई। कालाबाजारी की पुष्टि होते ही एसपी क्राइम देवेंद्र पींचा के नेतृत्व में पुलिस और एसओजी की टीम ने दुकान में छापा मार दिया। पुलिस को मौके से कई फ्लो मीटर बरामद हुए हैं। पुलिस ने सर्जिकल स्टोर से दो लोंगो को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि वह 2200 रुपये एमआरपी के फ्लो मीटर को आठ से नौ हजार तक रुपये में बेच रहे थे। जबकि ये फ्लो मीटर सामान्य दिनों में 700 से 900 रुपये तक बिकते हैं। उन्होंने एक कार में भी फ्लो मीटर छिपाकर रखे थे।
एसओजी और पुलिस ने कार और उसमें रखे फ्लो मीटर भी बरामद कर लिए हैं। हीरानगर चैकी प्रभारी रजवीर नेगी ने बताया कि बरामद फ्लो मीटर की गिनती की जा रही है। दोनों कारोबारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने के लिए फ्लो मीटर जरूरी होता है। कोरोना काल मे काफी मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत हो रही है। जिस कारण कुछ कारोबारी इसकी कालाबाजारी कर जरूरतमंदों से लूट खसोट कर रहे हैं। यहाँ बता दें कि रविवार को भी प्रशासन और पुलिस ने छापेमारी कर दो कारोबारियों को पकड़ा था। उन पर भी विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
बढ़ते कोरोना संकट से परेशान मजदूर पकड़ने लगे घर की राह
हल्द्वानी। सैकडो किलोमीटर दूर से गांवो में रोजगार की तलाश को पहुंचे मजदूर अब मजबूरी में एक बार फिर वापस लौटने लगे हैं।मजदूरो की वापस लौटने से बीते वर्ष की लॉकडाउन की तस्वीर एक बार फिर उभर कर सामने आ गई है। वापस लौट रहे लोगों की माने तो रोजगार जाने से विकट स्थिति खड़ी हो गई।
बेतालघाट तथा ताडीखेत ब्लॉक के तमाम गांवों में पूर्णिया (बिहार) से राजमिस्त्री का काम करने पहुंचे दस से ज्यादा लोग अब रोजगार खत्म होने से मायूस होकर वापस लौटने लगे हैं। बीते वर्ष लगे लॉकडाउन के बाद रोजगार छिन जाने से वापस गांव लौट गए थे। हालात तब ऐसे थे कि कई सौ किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा था। जम्मू कश्मीर के सैकडो़ श्रमिक भी तीन माह तक गांवों में फंसे रहे थे। बमुश्किल प्रशासन उन्हें उनके प्रदेश भेज पाया था। पर इस बार बिगड़ते हालातों के शुरुआती चरण में ही मजदूर वापस लौटने लगे हैं। मजदूर बताते हैं कि गांवों में लोगों ने निर्माण कार्य कराना बंद कर दिया है।
लॉकडाउन लगने की आशंका जता रहे बिहार के इश्तियाक, इजहार अहमद, मोहम्मद आजम, रुखसार समेत दस से ज्यादा मजदूरो ने वापस गांव की राह पकड़ ली है। मजदूर बताते हैं सब कुछ ठीक होने की उम्मीद में तीन माह पूर्व ही रोजगार की तलाश में उत्तराखंड पहुंचे थे पर एक बार फिर कोरोना संकट ने रोजगार पर ग्रहण लगा दिया है। बाहरहाल मजदूरों की वापस लौटती तस्वीरों ने एक बार फिर बीते लॉकडाउन की याद ताजा कर दी है।
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राजकीय चिकित्सालय में दो दिन बाद शुरू हुआ टीकाकरण
ऋषिकेश। एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में बीते शनिवार की शाम वैक्सीन का स्टॉक समाप्त हो गया था। दो दिन तक यहां टीकाकरण का कार्य बाधित रहा। मंगलवार को जिला मुख्यालय से वैक्सीन यहां पहुंच गई है। यहां टीकाकरण का कार्य शुरू हो गया। राजकीय चिकित्सालय में बड़ी संख्या में लोग टीकाकरण के लिए आ रहे थे। शनिवार को शाम वैक्सीन का स्टॉक समाप्त हो गया था। जिला मुख्यालय से वैक्सीन यहां नहीं पहुंची थी जिस कारण रविवार और सोमवार को टीकाकरण का कार्य बंद रहा। बड़ी संख्या में लोग यहां से निराश लौट रहे थे। मंगलवार को भी सुबह नौ बजे वैक्सीन का स्टॉक यहां नहीं पहुंचा था, जिस कारण समय पर यह कार्य शुरू नहीं हो पाया। जिला मुख्यालय से जब स्टॉक यहां पहुंचा तो 11.00 बजे टीकाकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। यहां बड़ी संख्या में लोग पहले से टीकाकरण के लिए एकत्र हैं। सीएमएस डॉ.विजयेश भारद्वाज ने बताया कि वैक्सीन पहुंचने के बाद टीकाकरण कार्य शुरू कर दिया गया है। चिकित्सालय के पास पर्याप्त स्टॉक है।
पुलिस कर्मी पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप
देहरादून। एक महिला ने एफएसएल में तैनात कॉन्स्टेबल पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला ने नेहरू कॉलोनी थाने में अपनी तहरीर भी दी है। इस मामले पर एसपी सिटी सरिता डोभाल का कहना है कि तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित महिला ने नेहरू कॉलोनी थाने में जाकर अपनी तहरीर दर्ज कराई है। उसका आरोप है कि एफएसएल में तैनात सिपाही के साथ उनकी जान-पहचान हो गई थी। सिपाही बीते 5 साल से शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बना रहा है। पीड़िता को शादी का झांसा दिया गया, और अलग-अलग होटल में बुला कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इतना ही नही जब महिला गर्भवती हो गई तो जबरन गर्भपात करवाया गया। इसके बाद दोनों फिर से मिलने-जुलने लगे. इस दौरान कॉन्स्टेबल ने फिर से दुष्कर्म किया। बता दें कि साल 2020 में पता चला कि वह दोबारा गर्भवती हो गई। इस बार कॉन्स्टेबल ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर उसे बहाने से हरिद्वार रोड बुलाकर एक डॉक्टर से गर्भपात करवा दिया। महिला ने आरोप लगाया है आरोपी द्वारा लगातार उसको शादी का झांसा दिया जा रहा था। अब आरोपी ने किसी और के साथ शादी कर ली है। महिला ने राजधानी पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई है। महिला ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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कोरोना से 10 पुलिस जवानों की गई जान, एक साल में 3199 हुए संक्रमित
देहरादून। कोरोना महामारी हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही है। पूरे देश में कोरोना महामारी का रूप देख लोग दहशत में हैं। ऐसे में फ्रंट लाइन वॉरियर्स के रूप में दिन-रात लोगों की सेवा करने वाले स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस इस महामारी से दो-दो हाथ कर रहे हैं। वहीं, उत्तराखंड पुलिस भी इस मामले में जनता से ज्यादा सतर्क नजर आ रही है।
उत्तराखंड पुलिस कोरोना महामारी पर रोक लगाने के लिए दिन-रात मुस्तैदी से जुटी हुई है। कोविड गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए पुलिसकर्मी सड़कों से लेकर कंटेनमेंट जोन तक अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी निभाने वाले पुलिसकर्मी भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार मार्च 2020 से लेकर 3 मई 2021 तक 3199 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वहीं, कोरोना संक्रमण से अबतक 10 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी है। वहीं, कोरोना काल में हुए हरिद्वार महाकुंभ में प्रदेश पुलिस अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाती नजर आई। जनता की सुरक्षा में लगे फ्रंटलाइन वॉरियर्स ना सिर्फ स्वास्थ्य गाइडलाइन का पालन कराने में जुटे हैं, बल्कि खुद भी उसका पालन कर रहे हैं। यही नतीजा है कि वैक्सीन लगाने के साथ ही पुलिस कोरोना से खुद को बचाने के लिए सभी गाइडलाइनों का पालन कर रही है। मार्च 2020 से लेकर 23 मार्च 2021 कोरोना की प्रथम लहर में कुल 1981 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जबकि इस दौरान 8 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। वहीं, कोरोना की दूसरी लहर में 23 मार्च 2021 से 3 मई 2021 तक 1218 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हुए हैं। इस दौरान 2 पुलिसकर्मियों की मौत कोरोना से हो गई। वहीं पिछले एक साल में कुल 3199 पुलिस कर्मी संक्रमित हुए और 10 की मौत हो गई।
ओलावृष्टि से लाखों फसलें व मछली बीज हुए नष्ट,काश्तकार मायूस
भिलंगना ब्लाॅक के सौंप गांव में क्षेत्रपाल मत्स्यजीवी सहकारी समिति और नर्सिंग मत्स्यजीवी सहकारी समिति दो समितियां बनाई थीं। जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन कर आजीविका को सुदृढ़ करना था। समिति में दिनेश बिष्ट और भगत सिंह के अनुसार गांव के कई काश्तकार जुड़े हुए हैं। बीते दिन भयंकर ओलावृष्टि और बिजली गिरने से टैंकों में मौजूद दो-दो माह के मछली के करीब चार लाख बीज मर गए। बताया कि ट्राउड सहित महासीर और अन्य प्रजातियों के मछली के बीज उन्होंने 2 लाख 72 हजार रुपए में क्रय किए थे। चार माह में यह मत्स्य बीज तैयार हो जाते हैं. 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से टैंक से ही मछलियां बिक जाती हैंर्। बीते दिन की ओलावृष्टि और बिजली गिरने से सारे बीज मर गए हैं। बताया कि बीते दिन अपराह्न को भी ओलावृष्ट और बिजली से बचे हुए बीज और वहां लगाए गए सीसीटीवी, इनवर्टर आदि उपकरण जलकर राख हो गए हैं। उन्होंने शासन-प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है। कहा कि कोरोना के कारण पहले ही आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। इस संबंध में मत्स्य निरीक्षक आमोद नौटियाल ने बताया कि उक्त घटना की सूचना मिली है. विभाग के कर्मियों को वहां भेजा है। पीड़ित काश्तकारों की मदद के लिए आपदा सहित अन्य मद से सहायता देने का प्रयास किया जाएगा।कोरोना भगवान शिव का प्रकोपःशिवानन्द
हरिद्वार।गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए कार्य करने वाली संस्था मातृ सदन ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को भगवान शिव के प्रकोप से जोड़ा है। संस्था के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानन्द का कहना है कि कोरोना का बढ़ता प्रकोप भगवान शिव का प्रकोप है। स्वामी शिवानंद ने सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में कहा है कि गंगा जो भगवान की जटाओं से निकल रही, उसका दोहन करते हुए शिव की जटाओं के समान गंगा के पत्थरों को निकाल कर तोड़ा जा रहा है। खनन किया जा रहा है। भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी शिव की नगरी काशी में विकास के नाम पर तोड़फोड़ से भी भगवान शिव क्रोधित हैं। भगवान शिव काशी के किसी एक शिवलिंग में नहीं काशी के कण-कण में व्याप्त हैं। जिसे विकास के नाम पर रौंदा जा रहा है।
कोरोना का कहरः पिछले दो सप्ताह में श्मशान व कब्रिस्तानों में चार हजार से अधिक का अंतिम संस्कार
देहरादून। कोरोना महामारी ने उत्तराखण्ड के हालात बदतर स्थिति में ला दिए है। जिससे कि प्रदेशवासी खौफ के साए में जीने को मजबूर है।
वहीं इसके अलावा अन्य कारणों से हुई मौत के चलते 2673 शवों को प्रदेश के श्मशान घाटों और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। वहीं, 1 मई 130.8 टन लकड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए इस्तेमाल किया गया। वहीं, 529 टन लकड़ी अंतिम संस्कार के लिए उपलब्ध है।
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हरिद्वार तहसील 6 मई तक बंद
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ के कारण एसडीएम ने तहसील को लोगों के लिए बंद कर दिया है। 6 मई तक तहसील में सरकारी कार्यों के अलावा कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा। एसडीएम गोपाल सिंह चैहान ने तहसील बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। हरिद्वार में कुभ मेला संपन्न होने के बाद लगातार कोरोना मरीजों के आंकड़े बढ़ रहे हैं। इसके अलावा कोरोना मरीजों की मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। इसको देखते हुए डीएम ने जिले में 6 मई तक कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही एसडीएम ने भी तहसील को 6 मई तक लोगों के लिए बंद कर दिया है। हालांकि तहसील में सरकारी काम चलता रहेगा।कुंभ समाप्त होते ही मेला क्षेत्र में गंदगी का अंबार
हरिद्वार। कुंभ मेला संपन्न होने के बाद समस्त मेला क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मेला क्षेत्र बैरागी कैंप, रोड़ी बेलवाला, पंतदीप, चंडी दीप क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों व साधु-महात्माओं के लिए बनाए गए अस्थाई सार्वजनिक
शौचालय का मल-मूत्र सड़कों पर बहने से समस्त मेला क्षेत्र की दुर्गंध से क्षेत्रवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति के अध्यक्ष और भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने सीएम तीरथ सिंह रावत से कुंभ मेला क्षेत्र को साफ कराने और इलाके में कीटाणुनाशक रसायन के छिड़काव की मांग की है। संजय चोपड़ा ने कहा बैरागी कैंप व समस्त मेला क्षेत्र में जितने भी सार्वजनिक शौचालय बनाए गए थे, उनका मल-मूत्र कुंभ मेला समाप्ति के उपरांत सीवरेज पम्पिंग टैंकों के माध्यम से उठाया जाना चाहिए था। लेकिन स्थानीय जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इलाके में दुर्गंध से आसपास के लोगों का रहना भी दुश्वार हो गया है।
कोरोना कर्फ्यू का फायदा उठाकर अवैध खनन जोरों पर
हल्द्वानी में कर्फ्यू का फायदा उठा रहे है,ं अवैध खनन करने वालेइन दिनों कुमाऊं मंडल की नदियों से खनन निकासी का काम बंद हो चुका है। इसके बाद खनन माफिया अब अवैध खनन के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में वन विभाग अवैध खनन को रोकने को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है। मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी ने बताया, कि नदियों से अवैध खनन ना हो, इसको लेकर नदियों से वाहनों के आने-जाने वाले रास्तों को गड्ढा खोद कर बंद करने का काम किया जा रहा है। साथ ही अवैध खनन संभावित जगहों पर अतिरिक्त वन विभाग कर्मियों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान अवैध खनन और अवैध लकड़ी को कटान ना हो इसको लेकर भी वन विभाग के कर्मचारियों को तीन शिफ्ट में गश्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर वन विभाग की एसओजी की टीम को भी तैनात किया गया है। ंमुख्य वन संरक्षक पश्चिमी वृत जीवन चंद्र जोशी ने बताया, कि अवैध खनन रोकने के लिए सभी वन क्षेत्राधिकारी और डीएफओ को निर्देशित किया गया है। अपने-अपने क्षेत्रों की नदियों की निगरानी के लिए वन विभाग की अतिरिक्त टीमें लगाई जाने के आदेश दिए गए हैं।फोटो डी 2
कोरोना के चलते गो सेवा आश्रम में चारे का संकट
हल्द्वानी। कोरोना का कहर इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों पर भी देखा जा रहा है। कोरोना संकट के चलते हल्दूचैड़ स्थित गो सेवा आश्रम में रह रहे करीब 1500 से अधिक गोवंशियों के आगे चारे का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में संस्था ने सरकार और आम लोगों से इस संकट की घड़ी में गोवंशियों की जान बचाने के लिए मदद करने की अपील की है। ताकि इन जानवरों को चारा उपलब्ध हो सके।
हल्द्वानी के हल्दूचैड़ स्थित हरे रामा हरे कृष्णा गो सेवा आश्रम में 15 सौ से अधिक गोवंश के संरक्षण करने का काम किया जाता है। आश्रम में घायल, बेसहारा गोवंश के रखने के साथ-साथ उनके चारे और इलाज की व्यवस्था की जाती है।
लेकिन कोरोना संकट के चलते इन बेजुबान जानवरों के आगे चारे का संकट खड़ा हो गया है। गो सेवा आश्रम प्रबंधक गोपीनाथ दास ने बताया कि गायों के रखरखाव और संरक्षण में रोजाना करीब ₹1 लाख से अधिक का खर्चा आता है। कोरोना संकट के चलते आश्रम को मिलने वाली सहायता बंद हो चुकी है। लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते गोवंशियों को उपलब्ध कराए जाने वाले भूसा और चारे आश्रम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में अब गोवंशियों के आगे चारे का संकट खड़ा हो गया है। आश्रम प्रबंधक के कहा कि गोवंशियों के चारे की सहायता के लिए मुख्यमंत्री से लेकर जिला प्रशासन तक मुलाकात कर उनसे गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कहीं से कोई सहायता नहीं मिली है। आश्रम को उधार में मिलने वाले भूसा और हरा चारा यूपी से यहां पहुंचता है, लेकिन उनका भुगतान नहीं होने के चलते व्यापारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।आश्रम प्रबंधक गोपीनाथ दास ने सरकार और आम जनता से अपील की है कि संकट के इस घड़ी में गोवंश को बचाने के लिए सामने आएं। जिससे इन बेजुबान जानवरों की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा कि अगर आश्रम की गायों के चारे के लिए आर्थिक मदद नहीं मिली तो उनकी मृत्यु हो सकती है, जिसके लिए हम सब पाप के भागी होंगे।
एवीबीपी कर रही करोना मरीजों के लिए आक्सीजन की व्यवस्था
श्रीनगर।प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुछ संगठन कोरोना से पीड़ितों की मदद के लिए आगे आये हैं। इसी कड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी कोरोना काल में मदद को आगे आए हैं। ये कार्यकर्ता कोरोना रोगियों की सहायता के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर रहे हैं। बता दें कि विद्यार्थी परिषद के पास संक्रमितों की सहायता को लेकर विभिन्न जगहों से रोजाना बड़ी संख्या में फोन आते रहते हैं। जिस पर परिषद के छात्र सहायता टीम के जरिये लोगों की मदद कर रहे हैं। छात्र देहरादून, ऋषिकेश से ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर श्रीनगर के पास के क्षेत्रों में जरूरत मंदों को दे रहे हैं, जिससे लोगों की जान बच रही है.वहीं, परिषद के राष्ट्रीय समिति के सदस्य ऋतांशु कंडारी ने बताया कि उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए सुबह से ही फोन आने लगते हैं। जिसके बाद वे व्यवस्था करके जरूरत मंद लोगों तक सिलेंडर पहुंचाने का कार्य करते हैं।https://youtu.be/62yu-gzN07E
गर्भवती महिला के लिए देवदूत बने अभिनेता सोनू सूद
देहरादून। पिछले साल जब कोरोना के कारण प्रवासियों की घर लौटने की भीड़ होने लगी थी तो सोनू सूद मसीहा बनकर सामने आए थे। इस बार जब कोरोना के कारण इलाज नहीं मिल पा रहा है तो सोनू फिर देवदूत बनकर लोगों की मदद कर रहे हैं। सोनू सूद ने देहरादून की गर्भवती महिला की जो मदद की है ये महिला ताउम्र उसे नहीं भूल पाएगी। महिला के रिश्तेदार ने ट्वीट कर सोनू से ऑक्सीजन बेड और गायनोकोलॉजिस्ट की मदद मांगी थी। सोनू ने महिला के लिए ऑक्सीजन बेड और गायनोकोलॉजिस्ट की व्यवस्था कर दी।सोनू सूद ने जब महिला के ट्वीट के बाद मदद की तो इट्स डन उत्तर दिया। इसके बाद लोगों को पता चल पाया कि सोनू ने दो जिंदगियां एक साथ बचाई हैं।दरअसल दो दिन पहले शेख नाम के एक व्यक्ति ने सोनू को ट्वीट कर दून निवासी सबा हुसैन के लिए ऑक्सीजन बेड और गायनोकोलॉजिस्ट की मदद मांगी थी। एक दिन बाद ही सोनू ने व्यवस्था करा दी। शेख ने ट्वीट कर लिखा कि महिला का ऑक्सीजन लेवल 80 है। ऐसे में महिला को ऑक्सीजन बेड और गायनोकोलॉजिस्ट की तुरंत आवश्यकता है।
200 बेड का उप जिला चिकित्सालय, बजट मंजूर
देहरादून। नैनीताल जिले को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से राज्य सरकार की तरफ से सौगात दी गई है। हल्द्वानी में 200 बेड के उप जिला चिकित्सालय के निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति दे दी गई है।
कोरोना संक्रमण के इस दौर में जब लोगों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। तब नैनीताल के हल्द्वानी में 200 बेड का उप जिला चिकित्सालय बनाए जाने की कसरत तेज कर दी गई है। इसके अंतर्गत नैनीताल के हल्द्वानी में 200 बेड का चिकित्सालय निर्माण किया जाएगा। हल्द्वानी में बनने वाले इस मल्टीस्पेशलिटी चिकित्सालय की लागत 7337.51 लाख बताई गई है। उधर इसके सापेक्ष शासन की वित्त समिति ने 7289.21 लाख का अस्पताल निर्माण के लिए अनुमोदन कर दिया है। खास बात यह है कि केंद्र की मदद से बनने वाले इस अस्पताल में 90 प्रतिशत वहन केंद्र की तरफ से जबकि 10 प्रतिशत राज्य की तरफ से किया जाएगा। आदेश में अस्पताल के निर्माण को लेकर तमाम दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि अस्पताल का निर्माण निश्चित समय पर बेहतर क्वालिटी के साथ संपूर्ण किया जा सके।