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बर्फबारी की ठण्ड में चार धाम मंदिरो को श्राइन बोर्ड के अंतर्गत लाने के प्रस्ताव का गंगोत्री व यमुनोत्री तीर्थ पुरोहितों ने गर्मजोशी से विरोध किया है

Pahado Ki Goonj

उत्तरकाशी (मदनपैन्यूली)प्रदेश सरकार की ओर से चारधाम क्षेत्र के मंदिरों को श्राइन बोर्ड के अंतर्गत लाये गए प्रस्ताव को लेकर गंगोत्री, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहितों एवं मंदिर समिति के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने कड़ा विरोध जताया है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि उन्हें बिना विश्वास में लिए तथा पुरोहितों के बिना सहमति के श्राइन बोर्ड के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी दिए जाने से तीर्थपुरोहित आहत हैं। कहा कि यदि सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो वह उग्र आंदोलन करेंगे। गुरुवार को श्री पांच मंदिर समिति गंगोत्री पदाधिकारी व तीर्थपुरोहित बड़ी संख्या में गंगोत्री धर्मशाला में एकत्र हुए। जहां उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चारधामों के लिए बनाये गए श्राइन बोर्ड का विरोध जताया। इस मौके पर गंगोत्री मंदिर समिति के सहसचिव राजेश सेमवाल ने कहा कि सरकार ने तीर्थपुरोहितों को धोखे में रखकर यह निर्णय लिया है। कहा कि चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों एवं हकहकूक धारियों को बैठक के लिए देहरादून बुलाया गया था। एक तरफ चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष पं.शिव प्रसाद ममगाई तीर्थ पुरोहितों के साथ बैठक कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर सरकार ने तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए बगैर चोरी छिपे कैबिनेट ने श्राइन बोर्ड का प्रस्ताव पारित कर दिया। कहा कि तीर्थपुरोहित सदियों से ही मंदिर की देखरेख करती आ रही है। कहा कि धामों में यात्रियों की संख्या बढ़ते देख सरकार ने श्राइन बोर्ड बनाने का निर्णय ले लिया। जिसका तीर्थपुरोहित पुरजोर विरोध करती है। इस मौके पर समिति के उपाध्यक्ष अरुण कुमार, प्रवीण सेमवाल, प्रेम नारायण सेमवाल, पवन सेमवाल, प्रकाश सेमवाल, संतोष सेमवाल, कमल नयन सेमवाल, अशोक सेमवाल, कृष्णानंद सेमवाल, रमेश सेमवाल, रामभजन, कुलदीप सेमवाल, अशुतोष सेमवाल, प्रेमकांत सेमवाल आदि मौजूद थे।वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने भी श्राइन बोर्ड गठन के प्रस्ताव का कड़ा विरोध जताया है। गुरुवार को मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ मंदिर प्रांगण में एकत्रित हुए पंच पंडा समिति एवं यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि वह विकास के विरोधी नहीं हैं। लेकिन, विकास के नाम पर तीर्थ पुरोहितों के हक हकूकों के साथ खिलवाड़ या किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी। अपने हक हकूकों को लेकर उन्हें मजबूर होकर आंदोलन एवं आमरण अनशन करने को बाध्य होना पड़ेगा। तीर्थ पुरोहितों ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने उनके साथ बरगलाने का काम किया है और बिना विश्वास में लिए सीधे श्राइन बोर्ड बनाने के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दे दी। मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहितों एवं पंच पंडा समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने इस एक्ट के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया तथा नारेबाजी की। इस मौके पर यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता बागेश्वर उनियाल, पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल, गजेंद्र उनियाल, सुभाष उनियाल, मदन उनियाल, सुनील उनियाल, रमेश उनियाल आदि उपस्थित थे।

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