गंगा आरती में किया अनेक दिग्गजों ने सहभाग स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने माँ गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिये मिलकर कार्य करने का कराया संकल्प।
अपनी क्षमताओं से प्रकृति की सुरक्षा करते हुये आगे बढ़ना ही सच्चे अर्थो में है सतत विकास-स्वामी चिदानन्द सरस्वती।
गंगा के दोनों ओर हरित गलियारा, स्वच्छ भारत अभियान, गंगा को गंदे नालों से मुक्त करना, खुले में शौचमुक्त भारत हेतु शौचालय निर्माण एवं उपयोग पर जोर देना और वृक्षारोपण हेतु सभी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी पर हुई विस्तृत चर्चा।
ऋषिकेश परमार्थ गंगा तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती में भारत के अनेक मूर्धन्य राजनीतिज्ञों, अधिकारियों, चिकित्सकों एवं अनुसंधान अधिकारियों ने सहभाग किया। परमार्थ निकेेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से राज्यसभा सासंद डाॅ सत्यनारायण जटिया, सासंद लोकसभा, हुकुमदेव नारायण यादव, संतोष कुमार, प्रोफेसर चिंतामणी मालवीय एवं डाॅ ए संपत आदि ने भेंट कर आशीर्वाद लिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के साथ आज लोकसभा सासंद, राज्यसभा सासंद, अनुसंधान अधिकारी, वस्तु और सेवा कर अधिकारी, निदेशक एम्स, मुख्य आयकर अधिकारी, बी एच ई एल के प्रभारी महाप्रबंधक एवं अन्य विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक सम्पन्न हुई। स्वामी जी महाराज ने विभिन्न संस्थाओं के अधिकारियों को स्वच्छता और शौचालय निर्माण जैसे अनेक सामाजिक मुद्दों से जुड़ने के साथ गंगा के दोनों ओर हरित गलियारा, स्वच्छ भारत अभियान, गंगा को गंदे नालों से मुक्त करना, खुले में शौचमुक्त भारत हेतु शौचालय निर्माण एवं उपयोग पर जोर देना और वृक्षारोपण हेतु सभी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी पर हुई विस्तृत चर्चा। उन्होने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है अब समाज के लोंगो एवं संस्थाओं की भी जिम्मेदारी और जवाबदेही है कि वे मिलकर इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि ’’उपभोगतावादी संस्कृति ने प्राकृतिक संसाधनों का बेहिसाब और अवैज्ञानिक दोहन किया है। एक ओर भौतिक विकास तीव्र गति से हो रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रकृति का संतुलन खतरनाक मोड़ पर पहुँच गया है जिसका परिणाम वैश्विक तपन के रूप में हर तरफ दिखायी दे रहा है अतः अब कोई वाद-विवाद और सेमिनारों से काम नहीं बनेगा, अब तो हर व्यक्ति को संतुलित विकास का संवाहक बनना होगा। उन्होने कहा कि प्रकृति, पर्यावरण और जल की स्वच्छता के लिये सभी के भगीरथ प्रयास की आवश्यकता है। वर्तमान समय में हम न्यू इंडिया की ओर बढ़ रहे है साथ ही हमें नये भारत को प्रदूषण से मुक्त रखने का प्रयास भी करते रहना होगा तथा प्राकृतिक संसाधनों को सहेजना होगा तभी बात बनेंगी।
स्वामी महाराज ने भारत के विचारवान, प्रगतिशील और ऊर्जावान लोंगोे से आह्वान किया कि विकास और निर्माण की दौड़ के साथ-साथ स्वच्छ पर्यावरण और स्वस्थ्य आबोहवा के लिये भी मिलकर कार्य करे। उन्होने युवा पीढ़ी से आह्वान किया की प्रकृति का पूर्णतया दोहन कर नई ऊंचाईयांेे को छूना विकास का रास्ता नहीं है बल्कि अपनी क्षमताओं से प्रकृति की सुरक्षा करते हुये विकास के पथ पर बढ़ना ही सच्चे अर्थो में विकास है।’’
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश मेंआज की दिव्य गंगा आरती में एस एस राणा, कमल स्वरूप, अनुसंधान अधिकारी, मुकेश शर्मा, अनुसंधान अधिकारी, जय प्रकाश जांडिया रिपोर्टर, देवेंदर सिंह गुसाई समिति सहायक, पीके गुप्ता, मुख्य आयकर आयुक्त, देहरादून, मनोज जोशी, अपर महानिदेशक, श्रीमती शुमाना सेन, अपर आयकर आयुक्त, सतीश चन्द्रा, संयुक्त निदेशक, डी .के. मौर्य, उप निदेशक, एस पी तिवारी, उप निदेशक, वस्तु और सेवाकर विभाग से पल्लव सक्सेना, विवेक रंजन, रविकंात निदेशक एम्स, अंशुमन गुप्ता, उपनिदेशक, श्रीमती सुरेखा कौर, बी एच ई एल से संजय गुलाटी प्रभारी महाप्रबंधक, राजीव मेहरा, कार्यपालक निदेशक, अनिल कपूर, अधिशासी निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पूज्य स्वामी महाराज ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया साथ ही माँ गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिये मिलकर कार्य करने का कराया संकल्प कराया।