रुद्रप्रयाग। चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ भगवान की उत्सव डोली शनिवार को पूजा-पाठ और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हिमालय के लिए रवाना हो गई। डोली के रवाना होने से पहले गोपीनाथ मंदिर कोठा प्रांगण में भक्तगणों ने भगवान की उत्सव डोली की पूजा अर्चना की और मनौतियां मांगी।
शनिवार को रुद्रनाथ की डोली ग्वाड़ और सगर गांव होते हुए रुद्रनाथ धाम के लिए रवाना हुई। देव डोली रात्रि प्रवास के लिए पनार बुग्याल पहुंचेगी। 18 मई को ब्रह्ममुहुर्त में पांच बजे ग्रीष्मकाल के लिए रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। लॉकडाउन के चलते मुख्य पुजारी सहित 20 लोगों को ही रुद्रनाथ मंदिर तक जाने की अनुमति दी गई है। इस वर्ष रुद्रनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना का जिम्मा पंडित वेदप्रकाश भट्ट संभालेंगे।
शनिवार को तड़के से ही भगवान गोपीनाथ और रुद्रनाथ जी की विशेष पूजाएं प्रारंभ हो गईं थीं। पुजारी हरीश भट्ट ने भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया। सुबह नौ बजे पूजा-अर्चना के बाद भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। इसके बाद सुबह दस बजे कपाट खोलने के लिए रुद्रनाथ भगवान की उत्सव डोली रुद्रनाथ धाम के लिए रवाना हुई।गोपेश्वर गांव, गंगोलगांव, ग्वाड़ और सगर गांव में रुद्रनाथ भगवान का भक्तों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए डोली पनार बुग्याल जाएगी। गोपेश्वर गांव की महिलाओं ने भगवान रुद्रनाथ को अर्घ्य लगाया और विश्व शांति की कामना की।
रुद्रनाथ भगवान की डोली की विदाई के लिए गोपेश्वर गांव और नगर क्षेत्र से भक्तगण मंदिर प्रांगण में जुटे। लेकिन थाना पुलिस ने भक्तों को प्रांगण से बाहर कर दिया। मंदिर प्रांगण में कुछ ही लोगों को मौजूद रहने की अनुमति दी गई। भक्तों ने अपने-अपने घरों की छतों से ही भगवान रुद्रनाथ की डोली पर पुष्पवर्षा की।