27 अप्रैल1986 के तरूण हिन्द में प्रकाशित किया गया है गढ़वाल के वीरो जज्बे को नमन करते हैं
कर्णप्रयाग , गढ़वाल के लोगों देश प्रेम कूट कूट कर भरा है देश प्रेम के लिये की गई सेवा के लिए वह चार रुपये पचास पैसे पेंशन प्राप्त करने के लिए बस का किराया सोलह रुपये देता है और अपनी सेना की सेवा की पेंशन को पाने में फक्र महसूस करने के लिए प्रति माह तैयार रहते हैं ।
आज के फ़ौज के लोगों को सुभिधा काफी कुछ मिल रही है आगे भी सुभिधा देने के लिये पर्याप्त मात्रा साधन ही साधन हैं।