पारम्परिक खेती से पैदा होने वाली फसल से उत्पाद बनाने के लिए उनके अन्दर कुछ अभिनव कार्यक्रम चलाने के लिए जज्बा है उनकी परिपक्वता को देखते हुए उनका आत्म विश्वास सेे खड़े होकर रोजगार देने का दृष्टिकोण अपने घर गावँ से है । उनका मानना है कि बाहर से माल लाकर यहां तैयार नहीं करना है ।उनका कहना है कि हम अपनी बेरोजगारी दूर करने के लिए सपने देखें हैं उनको पूर्ण करने के लिए इलाके लोगों द्वारा उत्पादित फसल से करेंगे जिससे हम आसानी से प्राप्त कर उत्पादन कर इलाके के लोगों को दोनों तरफ रोजगार दे सकते हैं ।इनके सुंदर सोच से इनकी विकास की भावना को साधना बनाने के प्रस्ताव से जहां खेतो से आम आदमी अपने घर गावँँ सेे जुड़ा रहेगा।वहीं उनको फसल की कीमत घर पर मिलने से मण्डियों में वर्षात में सड़क के खराब होने का डर नहीं रहेगा घर गावँ में सही कीमत पर माल मिला करेगा उनकी जनता से पहल है कि हमारे घर गाँव में टमाटर की खेती होती है ।
बदले की भावना से सरकार का एक साल पूरा होने पर आजादी के लिए सबकुछ दान करने वालों का अपमान
Wed Jul 1 , 2020
बदले की भावना से सरकार का एक साल पूरा होने पर आजादी के लिए सबकुछ दान करने वालों का अपमान नई दिल्ली,जवाहरलाल नेहरू ने देश की आजादी में अपनी सारी सम्पति दान करने के साथ साथ देश आजाद होने के बाद भी1करोड़ रूपये दान किया उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए देश […]
