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फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के तत्वाधान में वर्ल्ड इंटीग्रीटी सेंटर, राजपुर रोड में एकलबिंदु GST की माँग को लेकर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया

Pahado Ki Goonj

देहरादून ।फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के तत्वाधान में वर्ल्ड इंटीग्रीटी सेंटर, राजपुर रोड में एकलबिंदु GST की माँग को लेकर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हए फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापर मंडल के राष्ट्रीय महामंत्री श्री वी के बंसल के अनुसार ,प्राचीन काल में देश को सोने की चिड़िया बनाने वाला व्यापारी वर्ग आज तनावग्रस्त जीवन जी रहा है । किसी ज़माने में राजा या बादशाह तक सीधी पहुंच रखने वाला व्यापारी आज राजनितिक उदासीनता का शिकार है । जिस व्यापारी को प्रचीन काल में मान सम्मान दिया जाता था ,अधिकारी वर्ग जिसके आगे झुकता था , उसी अधिकारी को पहले डंडे ,फिर लाठी,फिर कोड़े और आज हथकड़ी एवं बन्दूक दे दी गयी है ,जिनका इस्तिमाल व्यापारियों पर हो रहा है । देश को 44 करोड़ रोजगार प्रदान करने वाला व्यापारी आज खुद ही बेरोजगारी की चोखट पर खड़ा है । अंग्रेज समृद्ध भारतीय व्यापार को देखते हुए ही भारत में आये थे और शनैः शनैः भारत के व्यापार को ध्वस्त करना शुरू किया । दुर्भागय से अंग्रेजो द्वारा शुरू की गयी परंपरा वर्तमान काल में पुनः जीवित हो चली है । आज़ादी के समय राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में भारतीय व्यापार का योगदान सिर्फ 30 % था जो आज बढ़ कर 83 % हो गया । बावजूद इसके व्यापारियों को तम्मं असंगत ,अव्यवहारिक कानूनों के मक्कड़ जाल में फसा दिया गया है और इसका ताज़ा उद्धारहण वर्तमान GST व्यवस्था है ।

श्री बंसल ने बताया कि सरकार की असम्वेदन शीलता के चलते आज व्यापारी अपने स्वरोजगार से विमुख हो चला है जिसके गंभीर परिणाम अगले कुछ वर्षो में भारत की अर्थव्यवस्था में देखने को मिलेंगे ।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल के संयोजक व राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं उत्तराखंड प्रभारी श्री राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली जी ने कहा कि फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल ,दिल्ली द्वारा एक राष्ट्रव्यापी अभियान एकल बिंदु GST / Single Point GST चलाया जा रहा है जिसके तहत भारत सरकार से अनुरोध किया गया है कि GST की वसूली अंतिम स्तर के निर्माता से कर ली जाए और वह भी अधिकतम खुदरा मूल्यों पर और खुदरा एवं थोक व्यापारिओं को GST के झंझट से मुक्त कर दिया जाए । एकल बिंदु GST / Single Point GST अभियान को बड़ा बल मिला जब द्वारा दिए गए ज्ञापन का माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लिया गया और तदानुसार श्री अरुण जेटली माननीय वित्त मंत्री जी को फेडरेशन से प्रेजेंटेशन के लिए अधिकृत किया गया । वित्त मंत्री जी के अस्वस्थता की चलते यह प्रेजेंटेशन आदरणीय श्री हसमुख अधिया, वित्त सचिव को दिनांक 16 अप्रैल 2018 को उनके वित्त मंत्रालय स्थित कार्यालय में प्रस्तुत किया गया । वित्त सचिव ने एकल बिन्दु GST के विचार को पसंद तो किया पर यह भी कहा कि सभी वस्तु MRP पर अभी नहीं होती, अतः एकल बिन्दु GST पर तत्काल इसमे संभावना नज़र नहीं आती है ! अभी इस पर थोड़ा मेहनत करनी पड़ेगी जिससे कि एकल बिंदु GST व्यवस्था सबको मान्य हो जाय ! उसको आप लोग प्रशासनिक रूप से कैसे संभव होगा इस पर भी विचार करना पड़ेगा, साथ ही साथ सारे व्यापारी एक विधि सम्मत व्यवस्था बना सकें जिससे कि कोई कर कि चोरी नहीं हो सके चाहे वह Income Tax हो या GST.

श्री पैन्यूली ने कहा कि एकल बिंदु GST के समर्थन में फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापर मंडल द्वारा एक राष्ट्र व्यापी अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत विभिन्न शहरों में व्यापर मंडल व्यापारियों की सभा का आयोजन कर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से माननीय प्रधान मंत्री जी जो एकल बिंदु GST के समर्थं में ज्ञापन दे रहे है । इस कार्यक्रम के तहत अभी तक रोहतक ,सहारनपुर ,मथुरा ,दादरी,भिवानी ,कानपुर,हापुड़, बहराइच , अमरोहा ,मंडी हिमांचल जैसे नगर को बाद ,२० मई २०१८ को यह कार्यक्रम देहरादून में आयोजित किया जा रहा है ।

फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल के संयोजक व राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं उत्तराखंड प्रभारी श्री राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली जी ने पत्रकारों को बताया कि एकल बिंदु GST / Single Point GST से अभिप्राय यह है कि सम्पूर्ण GST की वसूली अंतिम निर्माता से अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP ) पर कर ली जाए और थोक एवं खुदरा व्यापारिओं व जॉब वर्कर को GST की प्रक्रियाओं से मुक्त कर दिया जाए। श्री बंसल ने बताया कि वर्तमान GST व्यवस्था में मुख्य चुनौती है कि भारत की GST प्रणाली दुनिया के 115 देश जहां GST या इसके सामान कर प्रणाली है, सबसे ज्यादा पेचीदा और अधिक कर वाली है । श्री बंसल के अनुसार ,प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद् के अध्यक्ष श्री बिबेक देबरॉय के अनुसार GST को पूर्ण रूप से व्यवस्थित होने में 10 साल लगेंगे । 95 प्रतिशत दूकानदार या तो कम्पोजीशन स्कीम में है या त्रिमासिक GST विवरणी के अंतर्गत । बाबजूद इसके कि GST पंजीकरण में 50 % की वृद्धि होने पर भी सरकार को GST में सिर्फ 80 से 85 प्रतिशत तक ही कर वसूल हो पा रहा है । 1 करोड़ करदाताओं में लगभग 18 लाख करदाता कम्पोजीशन स्कीम कि अंतर्गत है जिनका सालाना कारोबार 1 .50 करोड़ से कम है और यह सिर्फ अपने कारोबार का 1% कर ही सरकार को देते है ।
श्री पैन्यूली ने बताया कि National Institute of Public Finance and Policy, के एक अनुमान के अनुसार भारत में GST का औसत मासिक संगहण 109616 होना चाहिय, वास्तविक रूप से मासिक संगहण 80000 करोड़ से 90000 करोड़ के बीच में है । अतः मासिक टैक्स में लगभग 15 % कम वसूल किया जा रहा है ।
उत्तराखंड युवा व्यापारी एसोसिएशन , फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापर मंडल से सम्बंधित संस्था के महामंत्री श्री अनिल कुमार भोला के अनुसारअनुसार वर्तमान GST प्रणाली में दुकानदारों की समक्ष आ रही चुनोतिया है दुकानदार ज्यादा पढे लिखे न होने कि कारण कर अनुपालन में पिछडा होता है । कर अनुपालन में दुकानदार अक्सर CA, वकील या पार्ट टाइम अकाउंटेंट पर निर्भर है । GST के अनुपालन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी खाते एवं स्टॉक रजिस्टर uptodate होने चाहिय जो अक्सर वह नहीं कर पाता । अक्सर अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा के चलते दुकानदार कर चोरी का प्रयास करता है और उसका फायदा ग्राहक को दे देता है । यदि कोई दुकानदार GST का पूर्ण अनुपालन करता है ,पर उसका विक्रेता दुकानदार अपना GST विवरणी नहीं भरता ,तो क्रेता दुकानदार को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है ।
सर्राफा मंडल ,देहरादून के अध्यक्ष श्री अनिल मैसन के अनुसार गैर सेवा क्षेत्र के करदाताओं में निर्माता वर्ग की संख्या लगभग 10 से 15 प्रतिशत है और शेष संख्या दुकानदारों की है । किसी भी वस्तु में अंतिम निर्माता और उपभोग्ता के मध्यान सिर्फ 20 प्रतिशत से 25 प्रतिशत का औसत मूल्य संवर्धन (value addition) होता है और इस मूल्य संवर्धन पर दुकानदार वर्ग GST भरता है । अर्थात यदि निर्माता से ले कर उपभोग्ता तक एक वस्तु 3 -4 दुकानदारों ( जैसे C &F, वितरत , थोक व्यापारी, खुदरा व्यापारी इत्यादि) के माध्यम से पहुंचती है तो प्रत्येक दुकानदार के हिस्से में लगभग 5-7 प्रतिशत के मूल्य संवर्धन /value addition पर tax liabilty/ कर देयता बनती है । अतः 20-25 प्रतिशत GST की वसूली 85-90 प्रतिशत करदाताओं (दुकानदार) से होनी है ।
श्री अनिल कुमार मोला महामंत्री युवा दून डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन के अनुसार वर्तमान व्यवस्था में कर चोरी की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता । GST के प्रथम तिमाही में GSTR -1 और GSTR 3 B में 34000 करोड़ रूपए का मिलान नहीं हो पाया , इस फर्क को कर चोरी के सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता । एकल बिंदु GST के अंतर्गत कर चोरी की सम्भावना लगभग शून्य समान होगी क्यूंकि कर दाता की संख्या कम होगी और यह करदाता संगठित क्षेत्र से होगा अतः कर अनुपालन में कोई कठिनाई नहीं होगी और सरकार द्वारा करदाता पर निगरानी आसानी से की जा सकेगी ।ICAI देहरादून शाखा चेयरमैन, CA संजय कुंडालिया के अनुसार प्रस्तावित एकल बिंदु GST के अंतर्गत अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर GST की वसूली होनी है अतः MRP एक ऐसा बेस रेट बन जाएगा जिससे किसी भी स्तर का खुदरा व्यापारी छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा और Anti Profiteering जैसे प्रावधानों की आवश्यकता ही नहीं रहेगी। एकल बिंदु GST प्रणाली उपभोग्ताओ की हित में भी एक क्रांतिकारी कदम होगा ।

हापुड़ से आये फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय सचिव श्री संजय अग्रवाल व्यापारी नेता ने पत्रकारों को बताया कि
एकल बिंदु GST में सरकार का लक्ष्य उपभोक्ता को बेचे गए मूल्य पर GST वसूल करना है । यदि GST सिर्फ निर्माता पर लगाया जाए और वह भी खुदरा मूल्य ( MRP ) पर , सरकार का लक्ष्य निर्माता स्तर पर ही पूरा हो जाएगा । जब सरकार MRP पर निर्माता से ही GST वसूल कर चुकेगी तो सामान बेचने वाले दुकानदार GST की कर देयता और अनुपालन से मुक्त हो जाएगे ।

श्री राजेश्वर प्रसाद पैनूली जी ने आगे बताया कि एकल बिंदु GST सबसे बड़ा फ़ायदा यह होगा सरकार को सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत कर दाताओ पर नजर रखनी होगी और सरकार का कर वसूली का लक्ष्य निर्माता स्तर पर पूरा हो जाएगा । सरकार के GSTN की क्षमता खूब बा खुद बढ़ जाएगी । चूकि खुदरा मूल्य / MRP पर टैक्स निर्माता स्तर पर ही वसूला जा चूका है, कोई भी दुकानदार अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पायेगा । यदि एक दुकानदार का 10 प्रतिशत समय ,जो अभी कर अनुपालन में लगता है , बच जाएगा तो वह अपना कारोबार बढ़ा पाएगा और युवाओ को ज्यादा रोजगार की अवसर प्राप्त हो सकेंगे । अर्थव्यवस्था की गति बढ़ेगी । अक्सर निर्माता वास्तविक खुदरा मूल्य को बढ़ा चढ़ा कर अंकित करते है और फिर मोटा डिस्कॉउंट देकर उपभोग्ताओ को भ्रमित करते है , MRP पर GST वसूल करने पर कोई भी निर्माता बढ़ा चढ़ा कर मूल्य अंकित नहीं कर पाएगा ।

एकल बिंदु GST / Single Point GST पर दिए गए प्रेजेंटेशन http://vyaparmahamandal.com/index लिंक पर उपलब्ध है

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