देहरादून : किसानों की आय दोगुना करने की कड़ी में किसानों को दो फीसद ब्याज पर एक लाख रुपये का ऋण मुहैया कराने को प्रारंभ की गई दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना ने 100 दिन पूरे कर लिए हैं। इस योजना में अब तक एक लाख किसानों को ऋण मुहैया कराया जा चुका है। सहकारिता राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई सहकारिता योजनाओं की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। इस अवसर पर अन्य कई फैसले भी लिए गए।
बैठक में डॉ.रावत ने नेशनल कोआपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) और सहकारी बैंकों से दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना में और तेजी लाने के निर्देश दिए। आइसीडीपी परियोजना को लेकर उन्होंने सभी रेखीय विभागों में बेहतर तालमेल से समेकित विकास परियोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने एनसीडीसी से मार्गदर्शन के मद्देनजर समन्वय बनाने को भी कहा। बैठक में यूएससीबी के अध्यक्ष दान सिंह, यूसीएफ के अध्यक्ष घनश्याम नौटियाल, निबंधक सहकारी समितियां बीएम मिश्रा, राज्य सहकारी बैंक के एमडी दीपक कुमार, अपर निबंधक इरा उप्रेती आदि मौजूद थे।
कामधेनु की लांचिंग 26 को
दुग्ध विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 26 जनवरी को कामधेनु योजना का शुभारंभ किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि योजना की लांचिंग में लाटरी सिस्टम से एक हजार पशुपालकों को लाभान्वित किया जाएगा। इन पशुपालकों के लिए शर्त ये होगी कि वे दुग्ध उत्पादन का 90 फीसद हिस्सा सरकारी डेरी को देंगे।
ऋण सीमा बढ़ाने को कमेटी
सहकारिता राज्यमंत्री ने आपदा प्रभावित जिन काश्तकारों की माली हालत ठीक नहीं है, उनके ऋण माफी संबंधित प्रस्ताव उनके संज्ञान में लाने के निर्देश दिए। साथ ही किसानों के बच्चों को दिए जाने वाले शिक्षा ऋण की सीमा बढ़ाने और ब्याजदर कम किए जाने के मद्देनजर इस पर विचार के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई।
31 मार्च तक समितियां कंप्यूटराइज्ड
डॉ.रावत ने राज्य में सभी सहकारी समितियों को 31 मार्च तक कंप्यूटराइज्ड करने और किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। यह भी कहा कि जो समितियां अनुपयोगी हैं, उन्हें नजदीकी समितियों में मर्ज कर दिया जाए। साथ ही इन्हें कनार्टक की तर्ज पर मार्केटिंग सोसायटी के रूप में विकसित करने को कहा।