देहरादून,पूर्व उपाध्यक्ष चार धाम विकास परिषद शिव प्रसाद ममगाई कहते है कि श्री केदारनाथ मंदिर एवं श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट समय से खुलेंगें। चार धाम विकास परिषद एवं चार धाम देवस्थानम के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रॉवत हैं।व्यवस्था चलाने के लिए उपाध्यक्ष मंगाई जी को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त हैं।वह कहते हैं कि श्री बद्री केदार मंदिर के पट सही समय पर खुलेगे । परंतु अभी तक रावल दोनों पीटों को पहुंचने के लिए केरल में बैठें हैं ।सरकार ने व्यवस्था नहीं की है।और नाही तीन माह से कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया गया है।
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कोरोना से बचने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का वीडियो सन्देश
इस सम्बंध में दिनांक 16 मार्च2020 पत्र के सम्पादक एवं श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ के
पूर्व संरक्षक जीतमणि पैन्यूली की अध्यक्षता में कर्मचारियों की बैठक कर्मचारियों की परेशानी एवं सरकार के सहयोग के लिए बुलाई गई थीं ।जिसमें मांग पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजडिया था ।
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https://ukpkg.com/emergency-meeting-of-shribadrinath-kedarnath-temple-committee-employees-union-concludes/
अखबार में आईं खबर मे सरकार कह रही है कि रावल का 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन कराएंगे अब सवाल उठता है कि आज 10 तारीख हो गई है और अभी तक रावल बुलाने के लिए कोई संपर्क नहीं किया गया ।मेरी सुबह श्री बदरीनाथ मंदिर के रावल श्री ईश्वर प्रसाद नम्बोदरी जी से बात हुई उन्होंने कहा की मैंने सचिव धर्मस्व जावलकर एवं मुख्यमंत्री के ओएसडी से वार्ता की अभी तक उनसे
संपर्क से जनकारी वहां की सरकार से भेजने के लिए नहीं मिलि है। अभी तक रावल जी से चार धाम विकास परिषद के लोगों ने संपर्क नहीं किया है । और अखबार में स्टेटमेंट आ रहे हैं कि मंदिर के पट समय पर खुलेंगे और रावलों को क्वॉरेंटाइन के लिए 14 दिन परीक्षण में रखा जाएगा अब प्रश्न उठता है कि आज 10 तारीख हो गई है और यदि उनसे संपर्क नहीं किया गया तो कल 11 तारीख के बाद के बाद 14 दिन 25 अप्रैल को होंगे और रावल ऋषिकेश आने के बाद जोशीमठ एवं ओमकारेश्वर मंदिर उखीमठ दोनों मंदिर की अपनी अपनी परंपरा है केदारनाथ मंदिर के पट खुलने के लिए चल विग्रह डोली को तीन दिन पहले पहुंचना पड़ता है।
जाने की तैयारी में उनके पास इतने लम्बे समय की यात्रा है। यहां पर मंदिर खोलने की तैयारियों के लिए को जुमेदार अधिकारी सरकार ने तैनात नहीं किया है। जब अखबार की खबरें पढ़ने के बाद । आज सुबह रावल श्री ईश्वर प्रसाद नंबूरी जी से दुबारा संपर्क किया है तो उन्होंने कहां की अभी तक कोई संपर्क नहीं हुआ जिसके फलस्वरूप मुख्यमंत्री जी के ओ यस डी जगदीश चंद्र खुल्वे से बात की तो उन्होंने कहा की चार धाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष ममगाइं इसके लिए कार्य कर रहे है । परंतु जैसे हालात दिख रहे हैं उस हिसाब से खाली अखबारों में बयान बाजी से आस्था के केंद्रों पर व्यवहारिक बातें के लिए क्या किया जा रहा है । इससे आम आदमी भी अंदाजा लगा सकता है।
अभी तक कर्मचारियों का तीन माह से वेतन नहीं मिला है । केदारनाथ विधानसभा के विधायक मनोज रावत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिख चुकें हैं।
जिससे उनको अपनी ड्यूटी पर उच्च हिमालय में रहते हुए अपने परिवारिक जिम्मेदारी पूरी करने के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।सरकार को जनकारी होनी चाहिए कि सुरु से जल निगम, जल संस्थान, उद्यान विभाग, कृषि विभाग के एकीकरण की बात कर रहे थे कर्मचारियों के विरोध के कारण आजतक उनका कुछ नहीं कर पाए।यहाँ हमारे यह प्रयास रहा कि अच्छी व्यवस्था होगी तो कर्मचारीयों ने कोई विरोध नहीं किया। अब 3 महीने से आस्था के धामो की व्यबस्था चारमा गई है ।मंदिरों में नवरात्र पर्व हरियाली डालने में भी कमी दिखाई दिया।मंदिर के भोग के लिए पूर्व अध्यक्ष दान करते फ़ोटो खींचने में लगे हैं ।उनके अन्दर सेवा का भाव होता तो एसी व्यवस्था के जुमेदार होने के नाते पहले सभी मदों के लिए सामग्री खरीद कर देते।जबकि उन्होंने नादान मंदिर के धन की खूब बन्दर बांट कर अपनी कार्यशैली का परिचय देने की बात अखबार से संज्ञान में रही है।आगामी सीजन की तैयारियों को देखते हुए । शीघ्र सरकार ,सांसद प्रधानमंत्री जी के संज्ञान में लाकर विश्वप्रसिद्ध धाम की व्यवस्था सुचारू करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।इस सम्बंध में विधायक बद्रीनाथ,केदारनाथ छेत्र से सम्पर्क करने पर उनके मोबाइल स्वीच ऑफ जा रहे थे।उसके बाद डी एम चमोली स्वाती यस भदौरिया से सम्पर्क करना चाह सम्पर्क नहीं हो सका ,इसके बाद धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का घर का नम्बर गलत होने की सूचना मिलने पर उनके मोबाइल नंबर पर सम्पर्क कर जानकारी स्वीच ऑफ होने की वजह से नहीं मिल पाई । इनके अलावा डी एम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल से सम्पर्क कर उनको केदारनाथ मंदिर के पट खुलने की स्थिति से अबगत कराया उनके द्वारा कहा गया है कि हमारे द्वारा सरकार को अबगत करदिया गया है। सरकार वहां केरल की सरकार से परमिशन देने की बात चल रही है। उसके बाद डी एम चमोली के कैम्प कार्यलय फोन करने पर मालूम हुआ कि जिलाधिकारी दौरे पर गई है उनके मोबाइल से बात हुई उन्होंने कहा कि हमारे सम्पर्क में मंदिर के धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल हैं ।उन्होंने बताया कि रावल जी का रिजर्व वेशन रेल से किया गया है।अब कब रेल चलेगी इसका कोई पता नहीं है। मंदिर के धर्माधिकारी भुवन चन्द्र से वार्ता हुई उन्होंने बताया कि 14 अप्रेल तक लॉक डाउन है उसके बाद सरकार विचार करेगी।सरकार का आहरण वितरण अधिकारी न्युक्त न होने से व सरकार का इस बारे में कोई दिशा निर्देश नहीं मिल रहा है। इस संबंध में व्यवस्था का आलम या है की नरसिंह मंदिर व्यवस्था के लिए स्थानीय लोगों को दान देकर मंदिर की व्यवस्था बनाए रखने के लिए
राशन के लिए दान करना पड़ा है जब जबकि मंदिर समिति के पास अब काफी धन जमा है सरकार ने बिना तैयारी में उनके मंदिर संपत्ति को अपने अधिकार में ले लिया परंतु वहां की व्यवस्था और कर्मचारियों अधिकारियों को दिशानिर्देश नहीं मिल पाने के कारण मंदिर समिति के कर्मचारी एवं शिक्षण संस्थानों धर्मशाला के साथ अन्य मंदिरों में कोई
पत्रकारों की मांग करते हुए नरेंद्र सिंह भंडारी wji के महासचिव।
आवश्यकता पड़ने पर एक रुपये की सामग्री नहीं ले पाने के कारण अव्यवस्था बनी है। सरकार से अनुरोध है की शीघ्र कर्मचारियों की वेतन व्यवस्था कर मंदिरों के रावल केरल से लाने की व्यवस्था शीघ्र की जाय । इसका बड़ा भारी संदेश देश में जायेगा। चार धाम यात्रा उत्तराखंड की जहाँ लाइफ लाइन है वहीं देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऊर्जा देने वाला आध्यत्म का केंद्र है।यहाँ से यात्रा करने के बाद सभी को नये कार्य करते रहने के लिए अशीम उर्जा मिलती है।इनके विकास के लिए हर समय हमें हर परिस्थिति में तैयार रहना चाहिए।