देहरादून,94 वर्ष की उम्र में कंपकपाती ठण्ड में भी समाज सेवा के लिए पर्यावरण विद सुंदर लाल बहुगुणा एवं श्रीमती बिमला बहुगुणा जी से अद्धभुत उर्जा मिलने लगती है आज बृहस्पतिवार को मौषम ने दोपहर बाद ठंड कर दी मैने सोचा कि अपने समाज सेवा के लिए समर्पित हिंदी राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र के आगामी अंक के प्रधान संपादक के रुप में बहुगुणा जी का देश दुनिया को समृद्ध होने के लिए सन्देश से प्रकाशित हों सके अपने राजपुर रोड़ स्थित कार्यलय से इसी रोड़ सीटी हार्ट सेंटर पर पहुंचे थे कि हल्की वर्षा लग गई।इस बीच मोटर साइकिल भी कुछ चलने में तकनीकी रूप से साथ देने में दिक्कत करने लगी ।अब तो पहले उसको मिस्त्री को दिखाने के लिए हरिद्वार रोड़ स्थित कुकरेती मिस्त्री जी को दिखाने ले गये।वहां और गाड़ियों का ठीक होने का काम चलरहा था।
उन्होंने बताया कि अभी समय लगेगा अब मौषम भी ठीक नहीं है।कल सुबह आपको मिलेगी।अब इधर वर्षा होरही है ।भीगनेलगे हैं ।उधर बहुगुणा जी के पास अब त्रिहिलर करके जाने की सोच रहा था और मन मे खयाल आया अब कल सुबह जाऊँगा।मन से सोच ही था कि मेरे पीछे दुकान के आगे सड़क पर बैगनार कार खड़ी होगई। अच्छी सोच अच्छे कार्य में भगवान हमेशा मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। उससे उतरने वाले लोग टोपी से ढके हुए फ़ोन करते हुए जब आगे बढ़ कर मोड़ पर गए तो अन्दाज लगाया कि इसमें परिचित सूर्य प्रकाश रतूड़ी ठेकेदार समाजसेवी भीमलेत के जैसे लग रहे हैं।उनके ड्राइवर से पूछताछ कीगई तो अंदाज सही निकाला। तो मैं सीधे गाड़ी पर वर्षा की भीगने की वजह से और उनसे बहुगुणा जी के निवास स्थान शास्त्री नगर जाने के लिए आग्रह करने के लिए बैठ गया।जब वह आये तो उनसे कुशल छेम मुलाकात की ।उनके लिए इस बीच फ़ोन आगया ।बोलने पर कहने लगे कि मुझे कहीं जाना है । गुरु जी सुन्दर लाल बहुगुणा जी का ज़िक्र किया उनको अखबार देना है और अगले अंक के लिए सन्देश लेना है।तब वह जल्दी जल्दी जाने के लिए तैयार होगये।बहुगुणा जी निवास पर जाने पर घटीं बजाई नहीं बजी तो मौषम रात्रि में कम दिखाई देने वाला होगया। वहां आवाज हल्की सुनाई दी कि दरवाजे खुले हैं ।अन्दर प्रवेश करने पर दोनों लोग रजाई से बाहर हमें देखने पर हमने अपने नाम से परिचय दिया चरण स्पर्श प्रणाम कर उन्हें अखबार की प्रति दी ।उन्होंने अपना आशीर्वाद देते हुए पुनः पूछा कि इस जोखिम का काम को साधन उपलब्ध कराने में दिक्कतें आती है । इसके पूर्ति के लिए हमारी शुभकामनाएं है। उन्होंने कहा कि उम्र के साथ साथ बीमारी भी बढ़ती है। यानि अभी अस्वस्थता में भी उनकी समाज सेवा के लिए मन करता है। इस उम्र में कड़कती ठंड में उन्होंने जनता के लिए पहाड़ों की गूंज के माध्यम से सन्देश लिखा इस बीच 87 वर्षीय उनकी पत्नी ने काफी मना करने पर की ठंड में आप बैठे रहे उन्होंने सेव काट कर खिलाये।सेवा करने के लिए उनके अंदर जूनून है।पर्यावरण विद सुंदर लाल बहुगुणा से श्रीमती बिमला बहुगुणा जी से सन्देश कुछ जोड़ने के लिए कहते हुए।
https://youtu.be/mcBBUk330gk
गुरु जी विश्व प्रसिद्ध पर्यावरण विद श्री सुन्दरलाल बहुगुणा जी 16 जनवरी2020 का विश्व के लिए देव भूमि से सन्देश देते समय खड़े सूर्य प्रकाश रतूड़ी टोपी पहने हुए ।