राजधानी के बारे में ग्रीष्मकालीन या शीतकालीन की बात करने का अर्थ है राजनीति का बंजारापन| पूर्णकालिक राजधानी बने गैरसैंण|
देहरादून (गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान, संघर्ष स्थल (हिन्दी भवन के समक्ष) 14 नवम्बर 2018| आज गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का धरना 59वें दिवस में प्रवेश कर गया| आज राजधानी गैरसैंण के आंदोलनकारियों को समर्थन देने उत्तराखंड पूर्व सैनिक-अर्द्द सैनिक संयुक्त संगठन का प्रतिनिधिमंडल भी पूर्व आई.ए.एस सुरेन्द्र सिंह पांगति के नेतृत्व में धरना स्थल पर पहुंचा| प्रतिनिधिमंडल में व्यवस्था द्वारा प्रताडित की जा रही शिक्षिका सुश्री उत्तरापंत बहुगुणा भी मौजूद थी| पूर्व सैनिक प्रतिनिधिमंडल के साथ धरना को समर्थन देने आए सु.मे. (सेवानिवृत) सुरेन्द्र नौटियाल ने कहा कि राजधानी के बारे में ग्रीष्मकालीन या शीतकालीन की बात करने का अर्थ है राजनीति का बंजारापन| उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्णकालिक व स्थाई राजधानी गैरसैंण बने| धरना कार्यक्रम में आज आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए व्यवस्था का उत्पीड़न झेल रही शिक्षिका सुश्री उत्तरा पंत बहुगुणा ने कहा कि सरकार उनके साथ न्याय नहीं कर रही है| न तो नौकरी बहाली कर रही है और न ही बर्खास्त कर रही है| जिससे वह कुछ भी अग्रिम कारवाई कर पाने में अक्षम महसूस कर रही हैं| उत्तरा ने कहा कि गैरसैंण के निर्णय के बारे में भी यही सब होता रहा है| गैरसैंण को न तो राजधानी घोषित कर स्वीकार किया जा रहा है, और सबकुछ चोरी छिपे देहरादून में निवेश करने के बावजूद ही गैरसैंण को नकारने का ही साहस दिखाया जा रहा है| राज्य आंदोलनकारी और राजधानी आंदोलन के सक्रिय अभियानकर्मी मनोज ध्यानी ने कहा कि प्रदेश सरकार को अविलंब स्थाई व पूर्णकालिक राजधानी बनाने पर निर्णय लेते हुए गैरसैंण को राजधानी घोषित करने का कदम उठाना चाहिए| इस अवसर पर जनमंच के अध्यक्ष मनमोहन लखेडा ने कहा कि जो लोग देहरादून को बर्बाद करने पर तुले पड़े हैं, वही लोग नहीं चाहते हैं कि गैरसैंण किसी भी सूरत में प्रदेश की राजधानी बने| लखेड़ा ने कहा कि इसके पीछे उनकी लूट की मानसिकता कार्य कर रही है| लखेड़ा ने आंदोलन को घर-घर, गाँव-गाँव पहुंचाने का आह्वान राजधानी अभियान कर्मियों से किया| आज *गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान* के धरना पर समर्थन देने 59वाँ दिवस के धरना कार्यक्रम में उपस्थिति करने व कार्यक्रम को समर्थन देने वालों में आज *पूर्व आई.ए.एस सुरेन्द्र सिंह पांगति, मनोज ध्यानी, रघुवीर बिष्ट, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, उपेन्द्र सिंह चौहान, आनंद सिंह पटाखी, सुश्री पूनम शर्मा, श्रीमती पूनम जैन, आचिन बहुगुणा, किरण किशोर सिंह, सोहन सिंह, अनिल रावत, राकेश चंद्र सती, सुभाष रतूडी, नीरज गौड़, देवेन्द्र सिंह, हर्ष प्रसाद मैंदोली, नरेश कुमार, देवेश आदमी, अमित अमोली, कै0 (से. नि) एम.एन. बंदूनी, पी.सी. थपलियाल, कै0 (से. नि) सी.एम. बंदूनी, सुबेदार (से. नि) मेजर यू.एस. रावत, श्रीमती उत्तरा बहुगुणा, सुबेदार मेजर (से. नि) सुरेन्द्र प्रसाद नौटियाल, मदनसिंह भंडारी आदि सम्मिलित रहे|