जब अमरा की शादी सुंदर सिंह से हुई उसके 3दिन बाद वह लड़ाई में चले गये वह अपने पति को ठीक से पहचान भी नहीं पाई पति शहीद हुए 47 वर्ष बाद वह अपने पति की फोटो देख पाई।
उत्तरकाशी /—- जनपद में विजय दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । 1971 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना के अदम्य साहस और वीरता के सम्मान में आज प्रातः स्कूली बच्चों, शिक्षण संस्थानों के द्वारा जनपद में प्रभातफेरी निकाली गई । इस अवसर क्रास कंट्री दौड़ का भी आयोजन किया गया।
मुख्य कार्यक्रम जिला कार्यालय ऑडिटोरियम में आयोजित किए गए।
शहीद सुंदर सिंह को 12 बटालियन आइटीबीपी, पुलिस एवं एनसीसी के द्वारा गार्ड्स ऑफ ऑनर की सलामी दी गई ।
प्रभारी जिलाधिकारी /मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य, अपर जिलाधिकारी हेमंत वर्मा, मेजर आरएस जमनाल, सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर डीडी पंत, सीओ मनोज ठाकुर,मुख्य शिक्षाधिकारी आरसी आर्य, डिप्टी कलेक्टर आकाश जोशी सहित पूर्व सैनिकों ने शहीद सुंदर सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
जिलाधिकारी श्री आर्य ने शहीद गार्ड्समेन सुंदर सिंह सिंह की पत्नी अमरा देवी को साड़ी व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर ऑडिटोरियम मे 1971 मे लड़ी गई लड़ाई की लघु फिल्म भी दिखाई गई तथा स्कूली बच्चों के द्वारा नुकड़ नाटक के माध्यम से सैनिकों की वीरता का प्रदर्शन किया गया ।
प्रभारी जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि 1971 में भारत-पाक युद्ध में शहीद सैनिकों के परिवार हमारे समक्ष मौजूद है यह हमारे लिए गर्व की बात है उन्होंने शहीद के परिजनों को नमन व धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि अपने परिवार को खोने के बाद इतने कष्ट झेले है यह अदम्य साहस भी बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं एवं गढ़वाल के सैनिकों के द्वारा ब्रिटिश काल में भी सेवाएं दी है जो हमारे लिए गर्व की बात है ।
उल्लेखनीय है कि 3 दिसंबर से 16 दिसंबर 1971 में पूर्व पाकिस्तान अब बांग्लादेश लड़ाई लड़ी गई थी जिसमें भारतीय सेना ने 13 दिनों के भीषण युद्ध के दौरान पाकिस्तान फौज को परास्त कर उनके 90 हजार सैनिकों से आत्मसमर्पण करवाया । भारतीय सेना के अदम्य साहस व वीरता के सम्मान में विजय दिवस मनाया जाता है।
इस अवसर पर पूर्व सैनिक चंदन सिंह रावत,कल्याण सिंह गुसांईं, आदि उपस्थित थे।