टिहरी। जिले के दूरस्थ क्षेत्र घनसाली विधानसभा के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि वह पौराणिक चारधाम यात्रा के पैदल मार्गों को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम करें। जिससे उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही साथ घनसाली के 100 से अधिक गांव को इस मोटर मार्ग से फायदा मिलेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि पौराणिक काल में पैदल यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री भटवाड़ी, बेलख बूढ़ाकेदार पावली कांठा, त्रियुगीनारायण से होकर केदारनाथ गुजरते थे. इन्हीं पैदल मार्गों को सड़क मार्ग बनाया जाए। जिससे सीधे पर्यटक यमुनोत्री, गंगोत्री से होते हुए बूढ़ा केदार वाली कांटा से होते हुए केदारनाथ कम से समय में पहुंच सकें। हालांकि, इसको लेकर घनसाली के ग्रामीणों ने कई बार शासन- प्रशासन से मांग भी की है और साथ ही कहा कि अभी तक प्रदेश में जितनी भी सरकार आई है। उन सभी सरकावही, ग्रामीणों ने कहा कि टिहरी जिले का सबसे दूरस्थ और सीमांत गांव जाने के लिए पीएमजीएसवाई के द्वारा रोड बनाई गई है। उसका कार्य बंद पड़ा हुआ है और अब पीएमजीएसवाई के आधे अधूरे कार्य को कोई और विभाग करने जा रहा है और अभी तक यह सड़क नहीं बन पाई है.रों से इन पैदल मार्गों के सड़क मार्ग बनाने की गई, लेकिन कोई भी सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि यमुनोत्री, गंगोत्री से आने वाली पैदल मार्ग को पीएमजीएसवाई के बनाई गई आधी अधूरी सड़क को पूरी बनवा कर इससे मिलाया जाए। जिससे पर्यटक आसानी से केदारनाथ पहुंच सकें. ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगों को जल्द पूरा नही हुए तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी।
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