🔭 साइंटिफिक-एनालिसिस🔬
दिल्ली पुलिस ने छात्रों को घसीट कर मधुमक्खी के छज्जे पर पत्थर मार दिया. …इसका रियेक्शन बहुत जल्दी देखने को मीलेगा |
📰 खबर:- रेसलर्स के समर्थन में स्टूडेंट्स: DU में पुलिस ने छात्राओं को घसीटा, कपड़े फटे; धरने पर पहुंची पीटी उषा ने विनेश को लगाया गले
https://www.bhaskar.com/local/haryana/panipat/news/brij-bhushan-sharan-case-delhi-university-students-march-in-support-of-haryana-wrestlers-131240059.html
पी टी उषा जी ने अपना अनुशासनहीनता वाला बयान भारतीय ओलम्पिक संघ की मीटिंग के बाद दिया था, वो यह बताये की उन्होंने यह बयान किसके कहने पर दिया तो देशवासीयों का गुस्सा कम हो सकता हैं | यदि वो कानूनी व सत्ता के दबाव में बता नहीं सकती तो इसे अपने इस्तीफे में लिखकर सरकार यानि कार्यपालिका के प्रमुख प्रधानमंत्री को देकर स्वयं खिलाडियों के समर्थन में धरने में शामिल हो जाये तो उनकी खिलाड़ी के रूप में कलंकित हुई छवि दुबारा चमक सकती हैं |
रहिमन धागा प्रेम का मत छिटकाय, टूटन पर जुडें नहीं, जुडें तो गांठ पड़ जाये |
खिलाड़ी के नाते पी टी उषा जी का बयान आपके साइंटिफिक-एनालिसिस द्वारा टिप्पणी के रूप में जो लाईन सेट करी उसी के अनुरूप आया …..हमने कमेंट करा था
भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा का खिलाड़ी के रूप में सभी सम्मान करते हैं परन्तु एक प्रशासक के रूप में ऐसा बयान देना ….. लचर, अमर्यादित, अमानवीय व निरंकुश प्रशासन की छवि को उजागर करता हैं | इससे मामले व हालात सुधरने की बजाय ज्यादा पैचिदा हो जाते हैं |
यह आन्दोलन दुसरी बार शुरू हुआ हैं और पहली बार आन्दोलन प्रशासन की सहमति व कार्यवाही के भरोसे पर खत्म हुआ था | इतना समय मिलने पर भी प्रशासन विश्वास कायम कर मामला सुलझा नहीं सका व उल्टा अनुशासनहीनता की बात करना उसके अडीयल व फिसड्डी होने को जाहिर करता हैं |
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