पौड़ी। सीडीएस बिपिन रावत के गांव सैंण में श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका के निधन के बाद गुरुवार को उनके पैतृक गांव में शोक सभा का आयोजन किया गया था। इस दौरान आसपास के गांव से भी लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका सहित कुल 13 लोगों की मौत बुधवार को तमिलनाडु में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में हो गई थी।शुक्रवार को दिल्ली में सीडीएस बिपिन रावत का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गुरुवार को रवाना हो गए हैं। बिपिन रावत के पैतृक गांव सैंण में उनके चाचा का परिवार रहता है। बुधवार को निधन की खबर सुनने के बाद से उनके चाचा भरत सिंह रावत और उनका परिवार गहरे सदमे हैं। वह उन्हें याद कर बार-बार भावुक हो रहे हैं।
चमोली जनपद में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। वहीं पोखरी में आयोजित पांच दिवसीय शरदोत्सव मेले को भी 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मेले में 11 की रात से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे और 13 दिसंबर को मेले का समापन होगा। जिलाधिकारी गढ़वाल ने जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत से भेंट की और उनके आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया व परिजनों को सांत्वना दी। देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत पौड़ी गढ़वाल जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत बिरमोली के उपग्राम सैंण के निवासी थे। सैंण गांव में जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत का परिवार रहता है। भरत सिंह रावत बताते हैं कि एक जनवरी 2020 को पूरे गांव के लोगों ने उनके सीडीएस बनने पर जश्न मनाया था।वह बताते हैं कि सैंण गांव ही नहीं पूरे इलाके के लोग गांव के बेटे के देश के सबसे बड़े सैन्य ओहदे पर पहुंचने पर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं।