देहरादून। कोरोना संक्रमित भांजी को देखने पहुंचे कोविड प्रभारी मंत्री डा. हरक सिंह रावत ऑक्सीमीटर के गलत रीडिंग दिखाने पर भड़क गए। दरअसल अपनी भांजी के हालचाल पूछने के दौरान उन्होंने ऑक्सीजन स्तर मापने को कहा, तो ऑक्सीजन स्तर 78 आया। रीडिंग पर विश्वास न होने पर उन्होंने स्वयं के पास उपलब्ध ऑक्सीमीटर से चेक किया, तो ऑक्सीजन स्तर 95 आया। गलत रीडिंग देने वाला ऑक्सीमीटर बाजार से 1700 रुपये में खरीदा गया था। जो वास्तविक कीमत से अधिक राशि में खरीदा गया था।
इन दिनों कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए ऑक्सीमीटर व सैनिटाइजर समेत अन्य वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। इसके अलावा कुछ स्थानों में नकली दवाओं की भी शिकायत आई है। डुप्लीकेट ऑक्सीमीटर के शिकार स्वयं कोविड प्रभारी मंत्री हरक सिंह के परिजन भी हुए हैं। दरअसल मंत्री की एक भांजी कोरोना पॉजिटिव है। अस्पताल में उसका ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन स्तर 95 आया था। जिस पर उसे होम आइसोलेट करने की सलाह दी गई। श्रीनगर आने पर भांजी से मिलने पहुंचे मंत्री ने उसे ऑक्सीजन स्तर मापने को कहा, तो ऑक्सीजन स्तर 78 आया। रीडिंग पर विश्वास न आने पर मंत्री ने स्वयं के पास उपलब्ध ऑक्सीमीटर से चेक किया, तो ऑक्सीजन स्तर 95 आया। गलत रीडिंग देने वाला ऑक्सीमीटर बाजार से 1700 रुपये में खरीदा गया था। मंत्री हरक सिंह ने डुप्लीकेट उपकरणों के बिक्री पर नाराजगी जताते हुए श्रीनगर, पौड़ी व कोटद्वार में एसडीएम की अध्यक्षता में संबंधित क्षेत्र के अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक व सीओ की टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने बताया कि कालाबाजारी रोकने के लिए यह टीम औचक निरीक्षण करेगी। यह टीम मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण कर दवाओं और उपकरणों के सैंपल लेगी।