देहरादून। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उत्तराखण्ड की पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। उसके बाद हरिद्वार संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रचार के लिए मोर्चा संभाल लिया है। उधर, गढ़वाल संसदीय सीट पर अनिल बलूनी भी प्रचार में उतर गए हैं, लेकिन कांग्रेस में हरिद्वार और नैनीताल सीट पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर सहमति नहीं बन रही है। भाजपा की तुलना में कांग्रेस प्रचार में पिछड़ रही है। अगर गढ़वाल की बात करें तो सिर्फ पौड़ी सीट पर गणेश गोदियाल भाजपा प्रत्याशी से शुरू से ही टक्कर लेते नजर आ रहे है।
कांग्रेस में आपसी खींचतान के कारण केंद्रीय चुनाव समिति ने दोनों सीटों पर टिकट प्रतीक्षा में रख दिया है। हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट मांग रहे हैं, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा इस बात पर अड़े हैं कि यहां से हरीश रावत खुद चुनाव लड़े या फिर उन्हें मौका दिया जाए। नैनीताल सीट पर कई दावेदार होने से आपसी खींचतान चल रही है।
यहां से यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, महेंद्र पाल, रणजीत रावत, प्रकाश जोशी के नामों की चर्चा है। इन नामों में यशपाल आर्य के नाम पर तकरीबन सहमति है, पर आर्य चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं बताए जा रहे हैं। हालांकि, पार्टी में एक बड़ा वर्ग नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट के जातीय समीकरण के हिसाब से आर्य को मजबूत प्रत्याशी के तौर पर देख रहा है।आगे पढ़ें
दो करोड़ से अधिक की ठगी करी थी आरोपी ने, ईनाम था दस हजार
देहरादून। सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले एक शातिर को एसटीएफ द्वारा राजधानी देहरादून से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी गैगस्टर एक्ट में भी निरूद्व है जिस पर पुलिस द्वारा दस हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, आयुष अग्रवाल द्वारा गिरफ्तार किए गए इनामी अपराधी के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि आरोपी पंकज सामंत के खिलाफ उत्तराखण्ड के नवयुवकों को फौज में भर्ती करवाने के नाम पर 2 करोड़ रूपये से अधिक की ठगी किए जाने के सम्बन्ध में जनपद पिथौरागढ़ में अलग-अलग थानों में 4 एवम उधमसिंह नगर में 2 मुकदमें दर्ज किये गये थे। जिसमे जनपद पिथौरागढ़ के कोतवाली जौलजीवी, थाना जाजरदेवल, कोतवाली पिथौरागढ़ में एक-एक मुकदमा तथा जनपद उधमसिंह नगर के कोतवाली खटीमा में 2 मुकदमें वर्ष 2023 में दर्ज किये गये थे। बताया कि इस आरोपी के बारे में जानकारी हुई की यह शातिर किस्म का अपराधी है और अपना गैंग बनाकर नवयुवकों को फौज में नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रूपये की ठगी कर चुका है और इसकी गैंग की गतिविधियों को देखते हुए इस गैंग के खिलाफ कोतवाली जौलजीवी जनपद पिथौरागढ़ में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा भी दर्ज है। तथा यह आरोपी वर्ष 2023 से लगातार फरार चल रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पर इस पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ द्वारा दस हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया था।
बताया कि यह आरोपी फोन का उपयोग नहीं करता था। जिस पर एसटीएफ द्वारा मैन्युअल सूचनाओं के आधार पर इसकी गिरफ्तारी हेतु प्रयास किया जा रहे थे। जिसके फलस्वरुप एसटीएफ द्वारा फरार चल रहे ईनामी आरोपी को देर रात देहरादून के धोरण खास, थाना राजपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। जिसने पूछताछ में बताया कि वह फरार रहने के दौरान अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिये काफी समय से पहचान बदलकर धोरण खास राजपुर, देहरादून क्षेत्र में रह रहा था। साथ ही वह अपने परिजनों के सम्पर्क में भी नहीं था तथा इस क्षेत्र में भी सक्रिय होकर नवयुवको को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने की योजना बना कर अंजाम देने के फिराक में था।आगे पढ़ें विशाल हिमखंडों से ढका गोमुख ट्रेक,पर्वतारोहियों को करना पड़ सकता है लंबा इंतजार
उत्तरकाशी। बड़े-बड़े हिमखंडों के कारण गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित गोमुख ट्रेक खुलने में इस बार दो माह का समय लग सकता है। पार्क की गश्त पर जा रही वन विभाग की टीम के कदम भी इन हिमखंडों ने रोक दिए हैं, जिसके चलते टीम देवगाड़ से आगे गश्त के लिए नहीं जा सकी।
गंगोत्री स्थित कनखू बैरियर की वन विभाग की टीम उच्च अधिकारियों के निर्देश पर बीते सोमवार को गंगोत्री नेशनल पार्क के प्रतिबंधित क्षेत्र और करीब 22 किमी लंबे गंगोत्री-गोमुख-तपोवन ट्रेक की गश्त के लिए रवाना हुई थी। सोमवार शाम तक गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम वन दरोगा राजवीर रावत के नेतृत्व में कनखू बैरियर से करीब सात किमी की दूरी देवगाड़ पर पहुंची।
रावत ने बताया कि देवगाड़ से आगे बड़े-बड़े हिमखंड आए हुए हैं। इस कारण टीम आगे नहीं बढ़ पाई। वन विभाग की टीम ने हिमखंडों के बीच रास्ता तलाशने की कोशिश की, लेकिन कई किमी तक फैले हिमखंडों को पार करना संभव नहीं हुआ। राजवीर रावत की मानें तो गोमुख-तपोवन ट्रेक पर बड़े हिमखंडों को देखकर स्थिति यही लग रही है कि यह ट्रेक मई माह तक ही खुल पाएगा। इससे इस बार पर्वतारोहियों को इस ट्रेक और गंगोत्री ग्लेशियर की चोटियों के आरोहण के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। क्योंकि गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट अप्रैल माह में खुल जाते हैं।
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सिलक्यारा में डिवाटरिंग की कवायद फिर शुरू
उत्तरकाशी। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में पिछले साल भूस्खलन हुआ था। इस भूस्खलन में 41 श्रमिक सुरंग के अंदर फंस गए थे। हादसे के बाद से सुरंग के सिलक्यारा वाले छोर से निर्माण कार्य बंद है। 23 जनवरी को केंद्र ने कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी। जिसके बाद फरवरी में यहां पहली बार डिवाटरिंग के लिए काम शुरू किया गया।
उस दौरान एसडीआरएफ और इंजीनियरों की टीम भी ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से अंदर गई थी। लेकिन फिर बीच में ये काम बंद कर दिया गया। गत माह में एनएचआईडीसीएल के नए प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार ने भी सिलक्यारा का दौरा कर सुरंग का जायजा लिया था। अब डिजाइनर और अथॉरिटी इंजीनियर की देखरेख में सुरंग के सिलक्यारा छोर से दोबारा डिवाटरिंग की कवायद शुरू हो गई है। यहां निर्माण कंपनी के कर्मचारी और श्रमिकों का 16 सदस्यीय दल ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से अंदर गया है। बताया जा रहा है कि यह दल सुरंग के अंदर अतिरिक्त सुरक्षा पुख्ता करने के लिए काम करेगा। अंदर गए दल के लोगों के लिए पाइपों से ही खाना भेजा जा रहा है। इसके अलावा मलबे में ड्रिफ्ट तैयार करने के लिए भी सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। दो से तीन दिन में डिवाटरिंग शुरू होने की उम्मीद है।
एनएचआईडीसीएल के अधिशासी निदेशक कर्नल संदीप सुदेहरा ने बताया कि डिवाटरिंग के लिए काम जारी है। साइड से ड्रिफ्ट भी बनाया जा रहा है। डिजाइनर व अथॉरिटी इंजीनियर भी यहां हैं। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए बोल्टिंग, स्पेशल ग्राउंटिंग और कंसोलिडेशन ग्राउंटिंग भी की गई है।