चारों धामों के तीर्थपुरोहितों के हक हकूक में कोई हस्तक्षेप नही होगा :- जयप्रकाश
बड़कोट :- (मदन पैन्यूली ) –
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के यमुनोत्री धाम से नामित सदस्य जयप्रकाश उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित देवस्थानम बोर्ड अधिनियम में चारों धामों के तीर्थपुरोहितों के हक हकूक में कोई हस्तक्षेप नही होगा,किसी भी पुरोहित के अधिकार पर आंच नही आने दी जाएगी । यह बात बड़कोट में पत्रकारों से वार्ता के दौरान उन्होंने कही। श्री उनियाल ने बीजेपी सरकार का आभार जताते हुए कहा कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन राज्य हित मे है , आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा के हिसाब से बनाया गया है । देवस्थानम बोर्ड अधिनियम का अध्ययन करने के बाद बोर्ड सदस्य बनने की हामी भरी गयी थी । उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल में भाजपा सरकार द्वारा दिये गये हलफनामा में तीर्थपुरोहितों के हक हकूक का ध्यान रखा गया है और बोर्ड में सदस्य के तौर पर सरकार ने हक हकूक धारी को ही सदस्य नामित किया है । उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम में पूर्व रही समिति ने 2013 में राजतन्त्र के टेम्पल बोर्ड का विरोध करते हुए चारधाम विकास परिषद और महामहिम राज्यपाल से धाम में बोर्ड गठित करने सहित अलग से 1860 के तहत समिति बनाने का प्रयास किया था । आज बोर्ड बना दिया तो विरोध किया जाना सही नही है । उन्होंने कहा कि राजा द्वारा बनाये गए टेम्पल बोर्ड में 17 साल उपाध्यक्ष और 6 साल सचिव पद का दायित्व रहा है । देवस्थानम बोर्ड सदस्य श्री उनियाल ने कहा कि यमुना माँ को साक्षी मानते हुए अपने तीर्थपुरोहितों के हक हकूक के लिए साथ मे खड़ा हूँ , कोई आंच नही आने दूंगा , धामों में चल रहा धरना तीर्थपुरोहितों को समाप्त कर देना चाहिए । उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व विधायक व अन्य पदाधिकारीयो का समर्थन मिलना राजनैतिक से प्रेरित आंदोलन लग रहा है । सभी तीर्थपुरोहितों को आंदोलन समाप्त करते हुए धामों के विकास के लिए आगे आना चाहिए ।
वही यमनोत्री पुरोहित समाज के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल का कहना है कि सरकार द्वारा नामित व्यक्ति को हम नहीं मानते और मुख्य मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि बोर्ड की नियमावली को रद्द किये जाने को लेकर हमारे बीच जल्दी ही मीटिंग करेंगे ।
यमनोत्री मंदिर समिति के पूर्व प्रवक्ता बागेश्वर उनियाल का कहना है कि समाज कभी राजनीति से प्रेरित नहीं हो सकता है,हां कुछ एक व्यक्ति राजनीति से प्रेरित जरूर हो सकते हैं..अपनी राजनीति के लिए समाज को राजनीति से प्रेरित बताना बहुत गलत बात है, भाजपा सरकार ने स्वयं अपनी मनमानी करते हुए ,अपनी पार्टी के सदस्यों को ही सदस्य बनाकर समाज का नाम दे दिया है ।