चारधामों की शीतकालीन यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में ठहरने पर किराये में 25 प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी- मुख्यमंत्री*
*आगामी चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए अभी से पूरा प्लान बनाकर कार्य किया जाए।*
*चारधाम यात्रा और शीतकालीन यात्रा के दृष्टिगत पंजीकरण पोर्टल सिस्टम मजबूत बनाया जाय।*
*चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए स्टेक होल्डरों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिये जाएं।*
*चारधामों में जुटाई गई सुविधाओं के दृष्टिगत धामों की कैरिंग कैपिसिटी बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास किये जाएं।*
*चारधामों और उनके शीतकालीन प्रवासों के आस-पास के प्रमुख क्षेत्रों को भी विकसित किया जाए।*
*आगन्तुकों को सम्मान और उपहार में राज्य के स्थानीय उत्पाद प्रदान करें।*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में बैठक लेते हुए कहा कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में किराये पर 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शीतकालीन यात्रा स्थलों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। इस यात्रा के लिए विभिन्न माध्यमों से विभिन्न राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में भी गेम चेंजर साबित होगी। पंच बद्री और पंच केदार के साथ ही शीतकालीन यात्रा प्रवास के आस-पास के प्रमुख स्थलों को विकसित करने के भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने संबधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस बार चारधाम यात्रा में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उनका उचित समाधान कैसे किया जा सकता है, इस पर एक सप्ताह में शासन को रिपोर्ट प्रेषित करें। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रमुख आबादी वाले क्षेत्रों और होटलों के आस-पास सुव्यवस्थित पार्किंग बनाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। यात्रा को सुविधायुक्त बनाना और श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराना हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारों धामों में जुटाई गई अवस्थापना विकास की सुविधाओं के दृष्टिगत कैरिंग कैपिसिटी बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। चारधामों के आस-पास के प्रमुख पौराणिक स्थलों को विकसित किया जाए और उनका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। चारधाम यात्रा मार्गों में सड़क, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। यमुनोत्री के दर्शन के लिए वैकल्पिक मार्ग पर भी कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए स्टेक होल्डरों के साथ शासन स्तर पर बैठक की जाए। स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले आगामी अर्द्धकुंभ के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाए। यह बड़ा आयोजन होता है, इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए अभी से हर क्षेत्र में कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा कोरिडोर और शारदा कोरिडोर पर भी तेजी से कार्य किये जाएं। पूर्णागिरी और कैंची धाम में दर्शनार्थियों की सुविधा के दृष्टिगत वैकल्पिक मार्गों की दिशा में कार्य किया जाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किये जाएं। आगामी नंदादेवी राजजात यात्रा के दृष्टिगत भी तैयारियां शुरू की जाए। प्रयागराज कुंभ के लिए राज्य से परिवहन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में आने वाले आगन्तुकों और महानुभावों को सम्मान और उपहार में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद ही प्रदान किये जाएं। इससे वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा मिलेगा और हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक स्तर पर अलग पहचान मिलेगी।
बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, डीजीपी श्री दीपम सेठ, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज पाण्डेय, श्री बृजेश कुमार संत, श्री एच.सी. सेमवाल, श्री विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी अंशुमन, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी एवं वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।
*प्रदेश के सभी 95 ब्लॉकों में पहुंचेंगे अपर सचिव स्तर के अधिकारी*
*सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गांवों में रात्रि प्रवास कर स्थानीय लोगों से करेंगे संवाद*
*विकास योजनाओं का करेंगे स्थलीय निरीक्षण*
*जनसमस्याओं पर शासन को देंगे रिपोर्ट*
देहरादून। डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। अब अपर सचिव स्तर के अधिकारी राज्य के हर विकासखंड में जाएंगे और राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। सभी अधिकारी विकासखंड के एक या दो गांवों में रात्रि प्रवास कर स्थानीय लोगों से भी संवाद करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों को प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। राज्य में गांवों के विकास का क्या हाल है, प्रदेश और केंद्र की ओर से संचालित विकास योजनाओं की क्या स्थिति है, स्थानीय लोगों की विशिष्ट समस्याएं क्या हैं, इसका जायजा लेने के लिए अपर सचिव स्तर के अधिकारी सभी 13 जिलों के 95 विकासखंडों में पहुंचेंगे और विकास योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
शासनादेश के अनुसार सभी अधिकारी विकास योजनाओं का निरीक्षण कर केंद्र और प्रदेश स्तर के ध्वजवाहक कार्यक्रमों व अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही ब्लॉक स्तर पर होने वाली महत्वपूर्ण बैठकों में भी प्रतिभाग करेंगे। केंद्र और प्रदेश की लाभार्थी परक योजनाओं का स्थलीय सत्यापन कर देखेंगे कि पात्र लोग लाभान्वित हो रहे हैं या नहीं।
*कोट—–*
हमारी सरकार प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दिशानिर्देशन में उत्तराखण्ड के विकास को नई गति दी जा रही है। हम ‘अंत्योदय एवं गरीब कल्याण’ के संकल्प को सिद्धि की ओर ले जाने के लिए तत्पर हैं। विकास गांव के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों को मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया गया है। अपर सचिव स्तर के अधिकारी गांवों के प्रवास पर जाएंगे तो विकास की वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी शासन को हो सकेगी। वरिष्ठ अधिकारियों के दूरस्थ गांवों का हाल जानने से विकास की योजनाएं भी गांवों की जरूरत के अनुसार बनाई जा सकेंगी।
: एसजीआरआर ग्रुप उत्तराखण्ड का पहला ग्रुप जिसमें महिला कर्मियों को मिलेगा मासिक धर्म अवकाश
– एसजीआरआर विश्वविद्यालय एवम् मिशन के अन्तर्गत संचालित स्कूलों की शिक्षिकाओं, स्टाफ एवम् अध्ययनरत छात्राओं को मिलेगा अवकाश
– एसजीआरआर प्रदेश का पहला संस्थान जिसने मातृशक्ति की समस्या पर दिया समाधान
– मातृशक्ति के योगदान को एसजीआरआर मिशन का प्रणाम
देहरादून, । श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय एवम् श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन ने मातृशाक्ति के नाम एक बड़ी पहल की है। एसजीआरआर ग्रुप ने अपने ग्रुप के संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मियों के लिए मासिक धर्म अवकाश नीति घोषित की है। मासिक धर्म में महिला कर्मियों को अवकाश जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उदासीन परिणाम ही देखने को मिले हैं। ऐसे में एसजीआरआर ग्रुप का यह कदम स्वागत योग्य है। इस आदेश के अनुपालन में एसजीआरआर विश्वविद्यालय एवम् एसजीआआरआर एजुकेशन मिशन के अन्तर्गत संचालित सभी संस्थानों की महिला फैकल्टी स्टाफ व छात्राओं को मासिक धर्म अवकाश मिलेगा। कार्यरत महिलाओं के लिए यह सवैतनिक अवकाश होगा। एसजीआरआर उत्तराखण्ड का पहला संस्थान है जिसने मातृशक्ति की समस्या का संज्ञान लिया है!