देहरादून। भारत इस समय कोरोना संकट के जूझ रहा है। ऐसे हालत में गरीब परिवारों की मदद के लिए कुछ लोग आगे आ रहे है। लोग मदद के लिए पीएम केयर फंड और प्रधानमंत्री राहत कोष में दान भी दे रहे हैं। ताकि इस संकट की घड़ी में वे भी अपना योगदान दे सकें। जिसका साइबर ठग फायदा उठा रहे हैं। जी हां..! साइबर ठगों ने प्रधानमंत्री राहत कोष और पीएम केयर फंड की मिलती जुलती फर्जी आईडी बनाकर लोगों से रुपए ठगने का काम शुरू कर दिया था। साइबर पुलिस इस तरह की मिलती जुलती फर्जी आईडी बनाने वाले लोगों पर कार्रवाई करते हुए फर्जी आईडी बंद कराई है। इसी के साथ साइबर पुलिस ने लोगों से अपील है की आईडी की अच्छी तरह से जांच पड़ताल करें और तभी अकाउंट में रुपए डाले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक यूपीआई आईडी देश के सामने रखी थी। पीएम ने इस आईडी के जरिए कोरोना से लड़ाई के लिए ज्यादा से ज्यादा मदद की बात कही थी। इसके बाद लोगों ने इस यूपीआई के जरिए पैसे देने शुरू कर दिए थे। लेकिन साइबर ठगों ने उसी की मिलती जुलती एक आईडी तैयार कर दी और इसे सोशल मीडिया की मदद से लोगों तक पहुंचा दिया। जिसके बाद लोगों ने मदद के लिए उस अकाउंट में पैसे जमा करने शुरू कर दिए थे। हालांकि, एक जागरूक नागरिक ने इसकी पहचान कर ली और तुरंत दिल्ली पुलिस व एसबीआई को इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने उसी यूपीआई आईडी को बंद कराते हुए केस दर्ज कर लिया है। मामले को गंभीरता से देखते हुए उत्तराखंड साइबर पुलिस ने भी लोगों से अपील की है कि इस तरह की यूपीआई आईडी की सही तरह से जांच पड़ताल करें। साइबर क्राइम के सीओ अंकुश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस फर्जी आईडी बनाकर लोगों से चैरिटी के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है। साइबर पुलिस की सभी लोगों से अपील है कि कोई भी अकाउंट में पैसा डालने से पहले उसकी सही तरह से जांच पड़ताल कर लें। कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस के सामने ऐसा ही एक मामला सामने आया था जहां प्रधानमंत्री राहत कोष के नाम पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों से ठगी की जा रही थी।