देहरादून. मौसम केंद्र के अनुसार अगले हफ्ते तक प्रदेश में मानसून के भी पहुंचने के आसार हैं। निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि फिलहाल प्रदेश में बारिश का सिस्टम बना हुआ है। अगले हफ्ते भी शुरूआती तीन से चार दिन तेज बारिश होगी।
उत्तराखंड में लोगों के सामने जल्द दोहरी चुनौती खड़ी होने वाली है। कोरोना संक्रमण तो पहले से ही चुनौती है दूसरी चुनौती बनकर आने वाला है मॉनसून काल। पहाड़ी भू-भाग होने के कारण मॉनसून उत्तराखंड पर हमेशा आफत बनकर टूटता है। मॉनसून का समय शुरू हो चुका है जो प्रदेश में आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील समय होता है। बरसात में लैंडस्लाइड से सड़कें तबाह हो जाने के कारण बहुत से इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। अब राहत कार्य भी कोरोना वायरस के कारण सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की शर्त के साथ ही किए जाएंगे, जो आसान नहीं रहेगा। उत्तराखंड एक ओर तो कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहा है दूसरी ओर मॉनसून की चुनौती भी इसके सामने आ खड़ी हुई है। धन की कमी आड़े न आए इसके लिए शासन ने लोक निर्माण विभाग को शुरूआती दौर में तीस करोड़ रुपये जारी किए हैं, ताकि सड़कें बंद होने की स्थिति में तत्काल खोली जा सकें. लोक निर्माण विभाग भी अलर्ट पर है और विभाग ने कुछ इस तरह अपना रोडमैप तैयार किया है.।.
विभाग ने 13 जिलों में 726 मार्ग ऐसे चिन्हित किए हैं, जो बरसात में अक्सर भू-स्खलन होने से बंद हो जाते हैं। इन मार्गो के बंद होने की स्थिति में 267 वैकल्पिक मार्ग तैयार किए गए हैं और यदि वैकल्पिक मार्ग भी बंद हो जाते हैं तो इसके लिए 46 अन्य वैकल्पिक मार्ग तैयार रहेंगे।उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में क्रोनिक लैंड स्लाइड जोन वाले 74 मार्ग चिन्हित किए गए हैं। इन सड़कों पर 62 हॉट स्पॉट ऐसे हैं जहां चैबीसों घंटे जेसीबी मशीनें तैनात रहेंगी।
पहाड़ में अक्सर बाढ़, भू-स्खलन से पुल, पैदल रास्ते धवस्त हो जाते हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने 17 वैली ब्रिज, 24 पैदल ब्रिज और 16 मैनुअल ट्राली का बैकअप रखा है। प्रत्येक डिवीजन में कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, जो डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम के साथ ही स्टेट कंट्रोल रूम के संपर्क में रहेंगे।लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता स्तर-1 इंजीनियर अयाज अहमद का दावा है कि विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है, हालांकि विभाग की एक चिंता भी है। विभाग के अधिकतर अफसर कोविड डयूटी में तैनात हैं और इसकी वजह से मॉनसून की चुनौतियों से निपटने की तैयारियों में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए विभाग ने अब शासन को पत्र लिखकर लोनिवि अफसरों को कोविड डयूटी से मुक्त करने की मांग की है।