गरीबों के देवदूत है बीएन शर्मा
-अब तक बाँट चुके 70 हजार फूड पैकेट
-चंद्र प्रकाश बुड़ाकोटी
देहरादून।उन्नीस सौ इकानब्वे उत्तरकाशी की आपदा हो या फिर दो हजार बीस कोरोना महामारी गरीबो की सेवा आपदा राहत कार्यो में सबसे आगे रहना उनकी जैसे आदत में सुमार हो गया है जी हां हम बात कर रहे है ।
महावीर इंटरनेशनल दिल्ली स्वयं सेवी संस्थान के वित्त प्रमुख बीएन शर्मा की जो उत्तराखंड के दूर दराज पर्वतीय छेत्र हो या फिर देश की राजधानी दिल्ली हर जगह गरीबो व आर्थिक रूप से विपन्न झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीबो के लिए किसी देवदूत से कम नही।
कोरोना महामारी में भी कोई भूखा न रहे इसी संकल्प को मन मे लिए शर्मा दिल्ली में लॉक डाउन के बाद से लेकर अब तक 70 हजार गरीबो को खाने के पैकेट बांट चुके है। बीमारी के प्रति जागरूकता के साथ ही मास्क,सेनिटाइजर का वितरण भी कर रहे है, यही खूबी है जो उंन्हे औरो से अलग किये हुए है।
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पहाड़ प्रेम खीच लाता देवभूमि
1998 में आये उत्तरकाशी में भूकंप से आने वाली बर्बादी में राहत सामग्री लेकर पीड़ितों को बांटकर मानव धर्म का पालन करते हुए। हर दुख की घड़ी में सबसे पहले राहत कार्यो को अंजाम देने वाले शर्मा यू तो दिल्ली में रहते है लेकिन उनका पहाड़ प्रेम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1998 में चमोली ,रुद्रप्रयाग ,उखीमठ में हुए भूस्खलन हो या फिर 2013 की केदार आपदा। उनका योगदान भुलाया नही जा सकता है।
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जब तीन करोड़ की धनराशि का किया इंतजाम
बताते चले कि उत्तरायणी के अध्यक्ष के रूप में बीएन शर्मा ने आपदा पुनर्वास के लिए इंडियन ऑयल से सहयोग लेकर तीन करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई। जिसमे 1करोड़ से अधिक की राशि से सिर्फ पहाड़ के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उत्तरायणी एवम जिला प्रसासन की पहल पर अभिनव कौशल विकास केंद्र “ज्ञान गंगा” का निर्माण किया गया।
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हजारो आंखों की लौटा चुके रोशनी
उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में इन तीन दसको में सैकड़ों चिकित्सा शिविरों के मध्यम से हजारो लोगो को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवा रहे है।यही नही इन सालो में हजारो नेत्र रोगियों के लिए भी नेत्र शिविर लगा कर नेत्र प्रत्यारोपित कर पूण्य कार्य कर रहे है।
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