भारत में एक राजनेता का काम क्या है?*
*हो ची मिन्ह (Ho Chi Minh) वियतनाम के राष्ट्रपति के रूप में भारत आए और सभी पार्टी के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में उनसे मिलने आए*।
*हो ची मिन्ह ने सभी नेताओं से पूछा, *”आपका काम क्या है?*”
*”राजनीति”* *सभी नेताओं ने यही उत्तर दिया*।
*”आप मुख्य रूप से क्या कर रहे हैं?*” *हो ची मिन्ह फिर से पूछा*।
*”राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हैं।”*
*जब नेताओं ने ऐसा जवाब दिया, तो वियतनामी नेता ने फिर से पूछा, *”नहीं, मैं आपसे पूछता हूं कि आप अपनी आजीविका के लिए क्या करते हैं?”*
*इस सवाल पर, नेताओं ने शर्म में अपने सिर झुका दिये*।
*फिर हो ची मिन्ह ने कहा*:
*”मुख्य रूप से मैं एक किसान हूं। सुबह मैं अपने खेत में जाता हूं। जमीन पर काम करने में कुछ घंटे बिताता हूं। फिर मैं केवल राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों को करने के लिए कार्यालय जाता हूं।”*
*क्या भारत में कभी ऐसे राजनेता होंगे?*
*सालों पहले, टाटा रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए एक शोध से पता चला कि छह लाख लोगों के पास हमारे देश में मुख्य आजीविका के रूप में “राजनीति” है।*
*(अब कल्पना करें कि यह कितना गुणा हो गया है*)।
*भारत में, ग्राम पंचायत के 2,920,000 सदस्य हैं। पंचायत वार्ड में 10 लोगों की अवधारणा पर 3 मिलियन या उससे और अधिक लोगों की “राजनीति” आजीविका के रूप में है।)*
*टैक्सपेयर के रूप में अब हम क्या कर सकते हैं? इसके बारे में सोचें।*
*हम कम से कम एक राजनेता को तो जानते ही हैं। उन्हें इस संदेश को पास करें। पता नहीं वे इससे शर्मिंदा होंगे या नहीं?*परन्तु कुछ सोचने को मजबूर हो जायेंगे!!*
*ऐसा नहीं है कि उन्हें कोई मजदूरी का काम करना चाहिए!! हां इतना ज़रूर कि उन्हें कुछ काम तो करना ही चाहिए और अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व जीवन यापन हेतु कुछ तो आय अर्जित करें*।
*ये करदाता के पैसे से कबतक ऐश करते रहेंगे?*
*सोचिए…. !! और जवाब अवश्य ही दीजिए*!!
*ये एक वैचारिक पहल है!!*