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बड़ी खबर :- पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री ।

Pahado Ki Goonj

बड़ी खबर :- पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री ।

 

देहरादून :- उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने दो बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। वहीं वह युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है। विधानमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। वह सबसे कम उम्र के सीएम बने हैं। शुक्रवार देर रात तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उपचुनाव को लेकर संवैधानिक पेंच फंसा था और इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। धामी युवा नेता हैं और युवाओं में उनकी अच्छी पकड़ है। इतिहास गवाह रहा है कि जिस पार्टी को युवाओं को समर्थन मिला है वह सत्ता पर काबिज हुई है। इसके अलावा राज्य को कभी एक सीएम नहीं मिला है। भाजपा का फैसला जनता के लिए एक इशारा है कि वह अब इस तरह की नीति अपना कर विकास का रोडमैप तैयार करेंगे।

पुष्कर सिंह धामी का जन्म जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडीहाट में हुआ है। वह एक साधारण परिवार से आते हैं। उनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा हासिल की। धामी पोस्ट ग्रेजुएट हैं। व्यावसायिक शिक्षा में उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध के मास्टर डिग्री ली है। सैनिक पुत्र होने के नाते राष्ट्रीयता, सेवा भाव एवं देशभक्ति को ही धर्म के रूप में अपनाया। तीन बहनों के पश्चात अकेला पुत्र होने के नाते परिवार के प्रति जिम्मेदारियां हमेशा बनी रही।

उन्होंने 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में कार्य किया। कुशल नेतृत्व क्षमता, संधर्षशीलता एवं अदम्य सहास के कारण वह दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2002 से 2008 तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगार को संगठित कर उन्होंने कई विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किये।

परिणाम स्वरूप तत्कालीन प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को राज्य के उद्योगों में 70 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसी क्रम में उन्हाेंने दिनांक 11 जनवरी 2005 को प्रदेश के 90 युवाओं के साथ विधानसभा का घेराव करने के लिए ऐतिहासिक रैली आयोजित की गई। जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है।

भाजपा सरकार में 2010 से 2012 तक शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यशील रहते हुए उन्होंने क्षेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान किया। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। वर्तमान में वह खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं।

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