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तड़के 2 बजे और 4 बजे इंदिरा गांधी की आमसभा और जनता का डटे रहना

Pahado Ki Goonj

तड़के 2 बजे और 4 बजे इंदिरा गांधी की आमसभा और जनता का डटे रहना

  ये किस्सा तब का है,जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री नहीं थीं। चौधरी चरण सिंह की सरकार गिर चुकी थी और आम चुनाव की घोषणा हो चुकी थी। मतदान 3 से 6 जनवरी 1980 तक होना था।
15 साल पहले मैनें भिलाई के दो बार विधायक रहे फूलचंद बाफना (अब दिवंगत) का एक लंबा इंटरव्यू आडियो कैसेट रिकार्डर पर लिया था। आज उसी रिकार्डिंग को दोबारा सुन रहा था, जिसमें स्व. बाफना ने जो बताया था, सब कुछ उन्हीं के शब्दों में-
”अचानक रात 2 बजे वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल का टेलीफोन आया। उन्होंने कहा-इंदिरा जी छत्तीसगढ़ में आम चुनाव के लिए प्रचार करेंगी तो भिलाई स्टील प्लांट की एम्पाला कार के लिए बात कर लो। मैनें सुबह बीएसपी के मैनेजिंग डायरेक्टर शिवराज जैन को फोन लगाया तो वो थोड़ा हिचकिचाए। मैनें उनकी उलझन को दूर करते हुए कहा कि आप कांग्रेस पार्टी को कार मत दीजिए बल्कि हमारी इंटक यूनियन के नाम पर दीजिए। हम उसका पूरा किराया भुगतान करेंगे। इस तरह रास्ता निकला और बीएसपी के मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन इंटक के नाम पर एम्पाला कार इंदिरा जी के लिए बुक कराई गई।
इंदिरा जी रायगढ़-बिलासपुर होते हुए भिलाई आ रही थीं। इसलिए यहां 32 बंगला के ठीक सामने सेक्टर-8 में खाली मैदान में अपार जनसमूह उमड़ा था। सभा शाम 6 बजे होनी थी लेकिन इंदिरा जी के आगमन में लगातार विलम्ब होता गया। यहां तक कि रात के 10 बज गए लेकिन इंदिरा जी नहीं पहुंची। लेकिन जनता वहां से टस से मस नहीं हुई। लोग डटे हुए थे। लोगों का इंतजार बढ़ता रहा और आखिरकार रात 2 बजे इंदिरा जी भिलाई पहुंची। उनके पहुंचते ही रात 2 बजे भी जनता जिंदाबाद के नारे लगा रही थी। इंदिरा जी मंच पर पहुंची और सबसे पहले उन्होंने देरी के लिए माफी मांगी। उन्होंने सभा को संबोधित किया।
इसके बाद यहां से वो राजनांदगांव के लिए रवाना हुई। इंदिरा जी अपने साथ एक मिनी ट्यूबलाइट रखती थी। सुबह के 3 बजे रहे थे और रास्ते में अंजोरा, टेढ़ेसरा और सोमनी में जगह-जगह अपार जनसमूह इंदिरा जी का इंतजार कर रहा था। इंदिरा जी कार से उतर कर मिनी ट्यूबलाइट और कार की हेडलाइट की रोशनी में सबका अभिवादन करते हुए बढऩे लगी। इस बीच रास्ते में बीएसपी की एम्पाला पंक्चर हो गई थी, जिसे उतनी ही रात में बनवाया गया। तब तक के लिए इंदिरा जी विद्याचरण शुक्ल की कार में बैठी। सुबह करीब 4 बजे इंदिरा जी राजनांदगांव पहु्ंची तो वहां भी दूर-दूर से हजारों की तादाद में ग्रामीण जनता आकर मैदान में डटी हुई थी।
वहां उन्होंने सभा को संबोधित किया और इसके बाद रायपुर रवाना हुई। जहां सर्किट हाउस में फ्रेश होने के बाद कुछ देर ध्यान किया। इसके बाद नाश्ता किया और फिर गुजरात के लिए विशेष विमान से रवाना हो गई। मैनें चंदूलाल चंद्राकर जी से पूछा कि-इंदिरा जी तो पूरी रात सभाएं लेते रहीं तो सोएंगी कब? तब चंदूलाल जी ने बताया कि विमान में डेढ़ घंटे में वो अपनी नींद पूरी कर लेंगी। ”
ये पूरे उद्गार स्व. बाफना जी के थे। आज इस रिकार्डिंग को सुनते हुए मन में आ रहा था कि आज क्या कोई इंदिरा गांधी के कद का नेता है, जिसके लिए जनता रात भर जागे..? यह फोटो 1971 में 1 से 10 मार्च के बीच हुए आमचुनाव के दौरान इंदिरा गांधी के चुनाव प्रचार की भिलाई की है। फोटो खींचते नजर आ रहे सज्जन तब के नवभारत के पत्रकार और आज के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा हैं। अवनीश कुमार मिश्रा

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