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आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की मंजूरी कैबिनेट की बैठक में 20 प्रस्तावों पर लगी मुहर,इलाके बाद से ऊपर उठकर विकास करें

Pahado Ki Goonj

 

आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की मंजूरी
धामी कैबिनेट की बैठक में 20 प्रस्तावों पर लगी मुहर
अनपुरक बजट को मिली मंजूरी


मानसून सत्र में करीब 11,100 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट होगा पेश

कैबिनेट बैठक के मुख्य बिंदु
राजकीय कर्मचारियों की तरह दैनिक वेतन कर्मी महिलाओं को भी मिलेगा मातृत्व अवकाश
संविदा या आउटसोर्स से भर्ती हुए पुरुष और महिला कर्मचारियों को बाल दत्तक ग्रहण अवकाश की मंजूरी
संविदा या आउटसोर्स से भर्ती हुए पुरुष और महिला कर्मचारियों को बाल देखरेख अवकाश देने की मिली मंजूरी
तकनीकी विश्वविद्यालय से होगी लॉ कोर्स की एफिलेशन। सदन में रखा जाएगा प्रस्ताव। मंत्रिमंडल की मिली मंजूरी
जल विद्युत नीति में किया गया संशोधन

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चल रही मंत्रिमंडल की बैठक खत्म हो गई है। मीटिंग में 20 से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इनमें मुख्य रूप से 5 सितंबर से विधानसभा में आयोजित होने जा रहे मानसून सत्र के लिए अनुपूरक बजट पर मंत्रिमंडल ने सहमति जताई है। जिससे मानसून सत्र में करीब 11,100 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।
आउटसोर्स महिला कर्मचारियों को 6 महीने का मिलेगा मातृत्व अवकाशरू शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, प्रेमचंद अग्रवाल और सतपाल महाराज शामिल हुए थे। इसी बीच तमाम विभागों की संशोधित नियमावलियों पर भी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। इसके अलावा संविदा या आउटसोर्स महिला कर्मचारियों को राजकीय कर्मचारियों की तरह अब 6 महीने का मातृत्व अवकाश भी मिलेगा। जिस पर मंत्रिमंडल ने सहमति जताई है।
बैठक में निर्णय लिया गया है। मानसून सत्र में करीब 11,100 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट होगा पेश। राजकीय कर्मचारियों की तरह दैनिक वेतन कर्मी महिलाओं को भी मातृत्व अवकाश मिलेगा। जिसकी मंजूरी पर कैबिनेट से मोहर लगा दी है। संविदा या आउटसोर्स से भर्ती हुए पुरुष और महिला कर्मचारियों को बाल दत्तक ग्रहण अवकाश देने की मंजूरी मिली है। साथ ही  संविदा या आउटसोर्स से भर्ती हुए पुरुष और महिला कर्मचारियों को बाल देखरेख अवकाश देने की मिली मंजूरी पर भी अपनी मोहर लगा दी है। तकनीकी विश्वविद्यालय से होगी लॉ कोर्स का एफिलेशन हो सकेगा इसके लिए सदन में रखा जाएगा प्रस्ताव लाया जाएगा। जिसकों मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है। जल विद्युत नीति में संशोधन किया जाएगा जिसकी मंजूरी पर कैबिनेट ने मोहर लगा दी है।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने पर मंत्रिमंडल की मुहर लग चुकी है। साल 2004 से यह व्यवस्था लागू होगी और विधानसभा सदन के पटल पर इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। नगर पालिका परिषद मुनि की रेती के उच्चीकरण कर ग्रेड 2 से ग्रेड 1 में शामिल किए जाने पर पर भी सहमति जताई गई है।

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विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर हाईपाॅवर कमेटी की बैठक
सचिवालय व पुलिस विभाग के अधिकारी रहे मौजूद
व्यवस्था दुरूस्थ करने के विधानसभा अध्यक्ष ने दिए निर्देश
अग्निशमन दल के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश

देहरादून। 5 सितंबर से शुरू हो रहे पंचम विधानसभा के मानसून सत्र की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उत्तराखंड विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने आज विधान सभा भवन में शासन, पुलिस प्रशासन एवं विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विधानसभा सचिवालय और पुलिस विभाग के अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाकचैबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सत्र के दौरान आवश्यक व्यवस्थाओं को भी जल्द पूरा करने को कहा।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में समय पर ना पहुंचने वाले अधिकारियों को फटकार लगाई और अनुपस्थित अधिकारियों से जवाब तलप करने को कहा। विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सत्र के दौरान आम जनमानस को यातायात से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या ना हो एवं यातायात रूट डायवर्ट के संबंध में पहले से ही मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाए । विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दर्शक दीर्घा हेतु माननीय सदस्यों की संस्तुति पर एक प्रवेश पत्र तथा मंत्रियो की संस्तुति पर दो प्रवेश पत्र ही जारी की जायेंगे। मीडिया को सदन की कार्यवाही के लिए पत्रकार दीर्घा के प्रवेश पत्र सूचना विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे। विधानसभा सत्र की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग एवं वेबकास्टिंग सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा की जाएगी। विधायकों एवं मंत्रियों के वाहन ही परिसर में पार्क किए जाएंगे एवं अन्य सभी वाहन सत्र के दौरान चिन्हित स्थानों पर ही पार्क किए जाएंगे। पुलिस प्रशासन द्वारा वाहन चालकों हेतु पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। सत्र के दौरान अग्निशमन दल के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा विभाग आवश्यक चिकित्सा दल, दवाइयां एवं एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। निर्बाध विद्युत आपूर्ति, स्वच्छ पेयजल एवं सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। गैर सरकारी व्यक्तियों का विधानसभा परिसर में प्रवेश मान्य नहीं होगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि अभी तक विधानसभा के पास सदस्यों के कुल 614 प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं । इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों को सत्र शांतिपूर्वक एवं सुचारु रुप से चलाए जाने के लिए सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवस्थाओं में व्यवधान ना हो इसके लिए अधिकारी चैक चैबंद व्यवस्था बनाकर रखें एवं किसी भी प्रकार की शिकायत का मौका ना दे । विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी को आपसी समन्वय के साथ सत्र को सुचारू रूप से चलाना है जिससे कि सत्र के दौरान जनमानस एवं उत्तराखंड के विकास से संबंधित विषयों पर सदन में चिंतन मंथन हो सके। इस दौरान अधिकारियों ने भी विधानसभा अध्यक्ष को सत्र शांतिपूर्वक चलाए जाने के लिए अपने पूर्ण सहयोग की बात कही।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, रावत,महानिदेशक सूचना बंसीधर तिवारी, आईजी गढ़वाल के एस नगन्याल, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे,स्वास्थ्य सचिव आर राजकुमार,सीएमओ देहरादून डॉ संजय जैन,जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, डीजी हेल्थ विनिता शाह, डीआईजीध्एसएसपी देहरादून दलीप सिंह कुंवर, विधानसभा सचिव एस एम डी दानिश, उप,संयुक्त सचिव विधानसभा सीएम गोस्वामी,उप सचिव विधानसभा नरेंद्र रावत , उपसचिव हेम पंत ,सुरक्षाधिकारी प्रदीप गुणवंत आदि आधिकारी मौजूद थे,

आ चुके 614 से ज्यादा सवाल, ढीले अफसरों को स्पीकर की फटकार
देहरादून। मॉनसून सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और विधानसभा सत्र की तैयारियों को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मॉनसून सत्र के लिए अभीतक 614 से ज्यादा सवाल आ चुके हैं। उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र देहरादून विधासनभा भवन में ही आहूत किया जाएगा। इस बार के सत्र में सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करने जा रही है।वहीं, इस बार माना जा रहा है कि तीन दिनों तक चलने वाला उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है। एक तरफ जहां सरकार मॉनसून सत्र की तैयारियों में जुटी हुई है, तो वहीं विपक्ष भी सरकार पर सवाल दागने के लिए तैयार बैठा है। विपक्ष के पास इस बार कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर वो सरकार को घेरेगा।

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वन विभाग में 309 कर्मचारी फिर बहाल
सरकार ने दी आउटसोर्स कर्मियों को राहत
वापस लिया पुराना फैसला

देहरादून। उत्तराखंड वन विकास निगम में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को राहत देने का निर्णय लिया गया है। दरअसल, 17 दिसंबर 2022 के बाद आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारियों की सेवाओं को 1 सितंबर से समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है। उत्तराखंड में जहां एक तरफ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की शासन के एक पत्र से परेशानियां बड़ी हुई है। आदेश के बाद हटाए गए 309 कर्मचारी बहाल हो गए हैं।
उत्तराखंड वन विकास निगम ने भी अपने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला लेकर उनकी मुसीबत को बढ़ा दिया। हालांकि एक दिन बाद ही निगम के प्रबंध निदेशक के एम राव ने आदेश जारी करते हुए पूर्व में लिए गए फैसले को निरस्त करने का निर्णय ले लिया है। दरअसल, 1 दिन पहले ही आदेश जारी करते हुए 17 दिसंबर 2022 के बाद आउटसोर्स के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों की सेवाओं को 1 सितंबर 2023 से समाप्त किए जाने का आदेश निर्गत किया गया था।
इसके बाद उत्तराखंड वन विकास निगम में हड़कंप की स्थिति बन गई थी और इस स्थिति के बाद रखे गए आउटसोर्सिंग कर्मचारी की भी चिंताएं बढ़ गई थी। हालांकि इसके बाद बीते दिन एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसमें पूर्व में किए गए आदेश को निरस्त करने का फैसला लिया गया है। इस आदेश को निरस्त करने के पीछे वन विकास निगम की तरफ से अपना तर्क भी पेश किया गया है। उत्तराखंड वन विकास निगम की तरफ से बताया गया है कि इस साल बड़ी संख्या में स्थायी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति होना है। जिसके कारण आउटसोर्सिंग कर्मचारी की वन विकास निगम में आवश्यकता होगी। इसके अलावा यदि इन कर्मचारियों को इस तरह हटाया जाता है तो उससे निगम के कार्य पर असर पड़ेगा। लिहाजा अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए इन कर्मचारियों को हटाए जाने के फैसले को वापस लिया गया है।

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एडिशनल एसपी के आंगन में खड़े चंदन के पेड़ काटकर ले गए चोर
चोर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर

श्रीनगर। उत्तराखंड में लगता है कि चोरों के अंदर पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। तभी तो अब चोर पुलिस के घर में भी हाथ डालने से नहीं कतरा रहे हैं। ताजा मामला पौड़ी जिले के श्रीनगर से सामने आया है। यहां चोरों ने पुष्पा फिल्म की स्टाइल में एडिशनल एसपी के आवास में धावा बोला और रात के घुप अंधेरे बड़े-बड़े चंदन के पेड़ों पर आरी चलाकर उन्हें साफ कर दिया। एडिशनल एसपी के घर में धावा बोलने वाले चोर कितने शातिर हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने घर में चोरी करने के लिए वो रास्ता चुना पर जहां पर कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। इसीलिए अभीतक चोरों की पहचान नहीं हो पाई है। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के पास पेट्रोल पंप के निकट उत्तराखंड वन विभाग में रेंजर रहे स्वर्गीय दर्शन लाल का घर है। दर्शन लाल के बेटे प्रकाश चंद आर्य एडिशनल एसपी हैं। बताया जा रहा है कि प्रकाश चंद आर्य के घर में चंदन के पेड़ लगे हुए थे, जिन पर रात में किसी ने आरी चला दी और काटकर अपने साथ ले गए। किराएदारों को इसकी खबर सुबह लगी।एडिशनल एसपी प्रकाश चंद आर्य के किराएदार मनोज कुमार ने बताया कि रात को वो सोए हुए थे। तभी चंदन के पेड़ों को काटा गया। सुबह उठकर उन्होंने देखा तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने फोन पर मामले की जानकारी प्रकाश चंद आर्य को दी। इसके बात उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर वारदात के बारे में जानकारी ली। इस बारे में श्रीनगर कोतवाल रवि सैनी का कहना है कि अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया जाएगा।

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अवैध कटान को लेकर 11 सदस्यीय जांच कमेटी गठित

देहरादून। चकराता में अन्धाधुंध करे गये हरे पेड़ों के अवैध कटान के मामले में प्रमुख वन संरक्षक ने विस्तृत जांच के आदेश दे दिए है। जिसके बाद मुख्य वन संरक्षण गढ़वाल नरेश कुमार की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी एक महीने में अन्दर वन मुख्यालय केा अपनी रिपोर्ट दे देगी। विभाग की ओर से चकराता वन प्रभाग की विभिन्न रेंजों में जल्द तलाशी अभियान भी शुरू करने के निर्देश दिए गये हैं।
जैसा कि आपकों मालूम है कि एक तरफ सरकार देवभूमि में हरियाली के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कर रही है वहीं चकराता में बड़े स्तर पर हरे पेड़ों पर बेदर्दी से आरियां चली हैं। आपको जनकर हैरत होगी कि हेर पेड़ काटने वाली जांच भी उसे दे दी गई जो पहले ही हरे पेड़ों पर आरियां चलवा चुका है। ये हास्यापद नहीं है कि क्षेत्र में पेड़ों को काटे जाने के बाद विभाग की आरे से अवैध कटान मामले में जांच उस वन प्रभाग के अधिकारियों को दी गई थी जिसके वन प्रभाग क्षेत्र में पेड़ काटे गए थे।
इससे विभाग की जांच पर सवाल खड़े हो रहे थे। मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल की अध्यक्षता में गठित जांच समिति में वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त हल्द्वानी, वन संरक्षक शिवालिक वृत्त देहरादून, प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार वन प्रभाग, प्रभागीय वनाधिकारी टिहरी वन प्रभाग, उप प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी वन प्रभाग, वन  क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश, वन क्षेत्राधिकारी मसूरी, वन क्षेत्राधिकारी टिहरी और वन क्षेत्राधिकारी शिवपुरी को शामिल किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि चकराता और टौंस वन प्रभाग के क्षेत्रीय स्टाफ को छोड़कर अन्य क्षेत्रीय स्टाफ को जरूरत के हिसाब जांच में सहयोग के लिए रखना तय करें। मुख्य वन संरक्षण गढ़वाल नरेश कुमार ने उनकी अध्यक्षता में जांच टीम गठित होते ही संबंधित अधिकारियों की चार सितंबर को वन मुख्यालय में बैठक बुलाई है। मुख्य वन संरक्षक ने जारी निर्देश में कहा, मामले की जांच के लिए वन प्रभाग की विभिन्न रेंजों में काॅम्बिंग आॅपरेशन शुरू किया जाएगा। चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज सहित अन्य रेंजों और बीटों में भी पेड़ों के अवैध कटान की संभावना है। बैठक में तलाशी अभियान शुरू करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

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एक देश एक चुनाव विषय पर कमेटी का गठन देश हित मे अच्छा कदमः भट्ट

देहरादून। भाजपा ने केंद्र सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति रामननाथ कोविद की अध्यक्षता में एक देश एक चुनाव विषय पर बनाई कमेटी का स्वागत करते हुए देशहित में एक अच्छा कदम बताया है ।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा पहले से ही देश में एक साथ लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के पक्ष में रही है । क्योंकि पार्टी का मानना है कि अलग अलग चुनाव होने से लगातार अधिसूचना एवम तैयारियों के कारण विकास के कार्य प्रभावित होते हैं। साथ ही इस सारी कयावदों में बड़ी आर्थिक हानि भी होती है और अव्यवस्थता की स्थिति बनी रहती है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार संसद, लालकिले के प्राचीर और अन्य स्थानों पर चर्चा करते रहे हैं। उन्होंने इस विषय पर बनाई कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति और कानूनविद रामनाथ कोविद को मनोनीत करने का स्वागत करते हुए कहा कि देश के सभी पक्षों से बातचीत और कानूनी पहलुओं पर विचार करने के लिए कोविद से बेहतर कोई  नही हो सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक देश एक चुनाव के यथार्थ में उतरने पर आर्थिक नुकसान से बचते हुए देश में विकास की रफ्तार बनाए रखने में कामयाब रहेगा ।
भट्ट ने विरोध करने वाले विपक्षी दलों को जबाब देते हुए कहा कि जो इस प्रक्रिया को संविधान विरोधी बता रहे हैं उन्हे जानना चाहिए कि 1952, 1957, 1962 और1967 तक देश में केंद्र व राज्यों के चुनाव एक साथ होते आए हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया संसद के माध्यम से ही होना निश्चित है ऐसे में संविधान का उल्लघंन कैसे हो सकता है । संसद का कार्य ही देश की बेहतरी के लिए नए कानून बनाने और पुराने कानूनों में संशोधन करना है । इसलिए बजाय राजनैतिक चश्मे से देखते हुए विरोध करने के बजाय विपक्ष को सुझावों के साथ विचार विमर्श के लिए आगे आना चाहिए ।

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खटीमा गोलीकांड की 29वीं बरसी पर सीएम धामी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
बोले- राज्य आंदोलन में अपनों को खोया

खटीमा। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा गोलीकांड की 29वीं बरसी पर कहा कि, श्हम खटीमा गोलीकांड को नहीं भूल सकते। 7 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने हमारे राज्य के निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। खटीमा सीएम धामी का पैतृक आवास भी है। धामी यहां से विधायक भी रह चुके हैं।
इसके साथ ही सीएम धामी ने अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट किया है- खटीमा गोलीकांड की 29वीं बरसी पर पृथक राज्य निर्माण के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले शहीद राज्य आंदोलनकारियों को शत-शत् नमन। राज्य निर्माण के लिए आपके द्वारा दिया गया सर्वोच्च बलिदान अविस्मरणीय है। सीएम धामी ने कहा कि आज कि दिन हमारे लिए कोई खुशी का दिन नहीं है। ये दिन हमें स्मरण कराता है कि किस तरह हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने अपना बलिदान देकर राज्य निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।
1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन अपने चरम पर था। तत्कालीन यूपी के इस पूरे हिस्से में उत्तराखंड आंदोलन का जोर था। लोग आज दो अभी तो उत्तराखंड राज्य दो के नारे लगा रहे थे। इसी दौरान खटीमा में अनहोनी हो गई। राज्य निर्माण की मांग को लेकर 1 सितंबर 1994 को खटीमा की सड़कों पर हजारों आंदोलनकारियों का हुजूम उमड़ा हुआ था। मुलायम सिंह यादव तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। मुलायम उत्तराखंड राज्य आंदोलन पर कठोर थे। खटीमा में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी गई। अनेक लोगों को पुलिस की गोली लग गई। गोली लगने से सात लोग तो शहीद हो गए। बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।
खटीमा गोलीकांड से उपजा आक्रोशरू खटीमा गोलीकांड और 7 लोगों की शहादत ने पूरे पहाड़ और इसके मैदानी इलाकों को सुलगा दिया। अब युवाओं के साथ बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे तक उत्तराखंड आंदोलन के समर्थन में सड़कों पर उतर गए। खटीमा के शहीदों को हर साल 1 सितंबर को याद किया जाता है। राज्य के लोगों के साथ मुख्यमंत्री भी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं।

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मामूली कहासुनी में सो रहे युवक को ईंट से हमला कर किया घायल
इलाज के दौरान मौत, आरोपी की तलाश तेज

लक्सर। ढोल की थाप पर नाचने को लेकर हुए विवाद के बाद बैठक में सो रहे युवक पर ईट से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। युवक का एम्स ऋषिकेश में उपचार चल रहा था। जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। पुलिस आरोपी युवक की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। लक्सर कोतवाली क्षेत्र के मुंडाखेड़ा कला गांव निवासी अभिषेक धीमान के परिवार मे एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान उसका भाई जॉनी उर्फ जनेश्वर ढोल की थाप पर डांस कर रहा था कि गांव के मनोज ने उसे डांस करने से मना किया। जिस पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों द्वारा उन्हें समझा बुझा कर अलग कर दिया। इसी बीच आरोपी ने मनोज ने सो रहे युवक जॉनी के सिर पर सीमेंट की ईंट से ताबड़तोड़ वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था।आसपास के लोगों के मौके पर आ जाने पर हमलावर मौके से भाग निकला था।
उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर किया गया था। घायल युवक को एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा था, जहां घायल युवक ने दम तोड़ दिया। मृतक युवक का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। कोतवाली प्रभारी अमरचंद शर्मा ने बताया कि मामले में हत्या की धारा धाराएं बढ़ाई जा रही हैं। फरार चल रहे आरोपी की तलाश में पुलिस टीम को लगाया गया है। जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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एम्स ऋषिकेश के सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के घर में चोरी
केरल गया हुआ है परिवार

ऋषिकेश। अपने घर केरल गए एम्स ऋषिकेश में तैनात एक सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के किराए के घर पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया है। घर का ताला तोड़कर चोरों ने करीब तीन तोला जवाहरात सहित कई कीमती सामान चोरी किए और चंपत हो गए हैं। नर्सिंग स्टाफ के साथी की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रशांत केएस एम्स ऋषिकेश में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। वह ध्यान मंदिर ट्रस्ट के पास लक्कड़ घाट श्यामपुर में किराए के घर में रहते हैं। 11 अगस्त को वह अपने परिवार के साथ केरल स्थित अपने गांव गए थे। अपने साथी नर्सिंग ऑफिसर अरुण रवि को वह घर की देखरेख की जिम्मेदारी सौंप गए थे। मंगलवार की शाम जब अरुण रवि, दोस्त प्रशांत के घर पहुंचे तो घर का दरवाजा टूटा हुआ था। अंदर जाकर देखा तो सारा सामान बिखरा हुआ मिला। आलमारी टूटी हुई थी। लॉकर में रखा हुआ सामान गायब था। उन्होंने अपने साथी प्रशांत को घटना की जानकारी दी।
घर में हुई चोरी की शिकायत श्यामपुर पुलिस चैकी में करते हुए अरुण रवि ने पुलिस को बताया कि आलमारी के लाकर से सोने की चेन, सोने का कमर बंद, तीन अंगूठी, सोने की चेन-माला, सभी सामान करीब तीन तोला, एक कैमरा और अन्य सामान चोरी हो गया है। उन्होंने बताया कि गृह स्वामी प्रशांत अपने गांव से शनिवार को लौटेंगे।
चैकी प्रभारी श्यामपुर जगत सिंह ने बताया कि शिकायती पत्र के आधार पर पुलिस टीम ने मौके पर जाकर जांच की है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की जा रही है। चोरी का शीघ्र खुलासा कर दिया जाएगा।

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अब टेंपो चालकों को शीशे पर ट्रैफिक इंचार्ज व आपातकालीन नंबर लिखना होगा अनिवार्य

ऋषिकेश। मुनि की रेती थाना क्षेत्र अंतर्गत चलने वाले टेंपो चालकों को अब अपने टेंपो के शीशे पर पुलिस कंट्रोल रूम का आपातकालीन और ट्रैफिक इंचार्ज का मोबाइल नंबर लिखना जरूरी होगा। इस नियम का पालन नहीं करने वाले टेंपो चालकों के खिलाफ पुलिस कानूनी कार्रवाई अमल में लाएगी। टेंपो में बैठने वाली सवारियों के मन में भय मुक्त यात्रा का विचार लाने के उद्देश्य से पुलिस ने यह अहम निर्णय लिया है।बता देंबता दें कि एडिशनल एसपी जेआर जोशी मुनि की रेती थाना क्षेत्र अंतर्गत निरीक्षण के लिए पहुंचे। इस दौरान एएसपी ने ट्रैफिक इंचार्ज की मौजूदगी में टेंपो चालकों से बातचीत की। चालकों को आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय सवारियों के साथ मधुर व्यवहार बनाए रखने के निर्देश दिए गए। इसी के साथ सभी चालकों को अपने वाहनों के शीशे पर पुलिस कंट्रोल का आपातकालीन नंबर 112 और ट्रैफिक इंचार्ज का नंबर लिखने के निर्देश दिए गए। एडिशनल एसपी जेआर जोशी ने बताया कि पुलिस के इस निर्णय से वाहनों में बैठने वाली सवारियों के मन में सुरक्षित यात्रा का विचार बना रहेगा।
जो राज्य की बेहतर छवि के लिए जरूरी है। शीशे पर आपातकालीन और ट्रैफिक इंचार्ज का नंबर होने से सवारी टेंपो चालकों की वजह से होने वाली किसी भी दिक्कत की शिकायत आराम से कर सकेगी। इसी के साथ आपातकालीन अवस्था में पुलिस की मदद भी आसानी से ले सकेगी। मुनि की रेती के इंस्पेक्टर रितेश शाह ने बताया कि एडिशनल एसपी के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कराने के लिए टेंपो चालकों को जागरूक करना शुरू कर दिया गया है।

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वन निगम केअधिकारियों की जिम्मेदारी में हो सकता है बड़ा बदलाव
सीएम के अनुमोदन के बाद सूची हो सकती है जारी

देहरादून। उत्तराखंड में सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक के बाद वन विभाग के अधिकारियों की धड़कनें तेज है। दरअसल, प्रदेश में कुछ आईएफएस अधिकारियों की जिम्मेदारियां में बदलाव होना है। खासतौर पर वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद के लिए नाम पर चर्चा हो चुकी है। उधर चकराता की डीएफओ कल्याणी को भी इधर उधर किया जा सकता है। उत्तराखंड वन विभाग में आईएफएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां देने से जुड़ी सूची तैयार हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह सूची अब शासन जारी कर देगा। इससे पहले अधिकारियों की जिम्मेदारियां में बदलाव को लेकर पहले ही चिंतन हो चुका है। बताया जा रहा है कि राज्य में कई आईएफएस अधिकारियों की जिम्मेदारियां में बदलाव को लेकर सूची तैयार की गई थी, लेकिन इनमें कुछ संशोधन भी बाद में किया गया। उत्तराखंड वन विकास निगम में प्रबंध निदेशक रहे के एम राव के सेवानिवृत होने के चलते इस पद पर भी नए अफसर को जिम्मेदारी दी जाएगी। वैसे तो इस पद के लिए दो नाम लगातार चर्चाओं में बने हुए थे, जिसमें पर्यावरण विभाग में जलवायु की जिम्मेदारी देख रहे एसपी सुबुद्धि और वन मुख्यालय में प्रशासन की जिम्मेदारी देख रहे बीपी गुप्ता हैं।
चकराता में डीएफओ की जिम्मेदारी संभाल रही कल्याणी को इधर-उधर किया जा सकता है। चकराता वन प्रभाग क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले को लेकर डीएफओ कल्याणी निशाने पर हैं।हालांकि पेड़ों के अवैध कटान मामले पर डीएफओ स्तर से जांच की जा चुकी है। वहीं इसी आधार पर कई विभाग के कर्मचारियों को निलंबित भी किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि वन मुख्यालय में ही उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है। फील्ड में कुछ दूसरे अफसर भी तबादला सूची से प्रभावित होंगे और कुछ अफसर की जिम्मेदारी में बदलाव होने की चर्चा है। हालांकि यह सूची पहले ही फाइनल कर दी गई है। लेकिन इसमें अभी विभागीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री का अनुमोदन लिया जाना बाकी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मुख्यमंत्री की अनुमोदन के बाद सूची जारी होगी।

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सड़क हादसाः गाड़ी से  दो को कुचलने वालों पर लगाई गई धारा 304
देहरादून। चार दिन पहले हाथीबडकला क्षेत्र में रात्रि में तेज गति स्कार्पियों डिनर कर लौट रहे एक युवती व युवक को कुचल कर पलट गयी थी। जिसमें सवार एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी। पुलिस ने इस प्रकरण में चालक को गिरफ्तार कर मामले में धारा 304 की बढोतरी कर दी गयी है।
उल्लेखनीय है कि 27 अगस्त क रात्रि में सवा ग्यारह बजे एक तेज गति से पौने बारह बजे एक स्कार्पियों संख्या यूके 07 एके 1690 जिसमें चार व्यक्ति सवार थे। चालक द्वारा तेजी व लापरवाही से कार को चलाकर सर्वे गेट के पास हाथी बडकला में एक पैदल चलती लड़की रोशनी बक्शी व उसके साथी आकाश को टक्कर मार दी। वाहन मौके पर कूडे के डिब्बे से टकराकर पलट गयी जिसमें स्कार्पियों चालक सहित चारों सवार व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो गये। लडकी रोशनी की हालत गम्भीर बनी हुई थी। पुलिस ने सभी को प्राथमिक उपचार के लिए दून चिकित्सालय पहुंचाया। युवती के साथी आकाश को उसके पति किसी प्राईवेट अस्पताल में ले गये। जिसके बाद स्कार्पियों में सवार हर्ष गुप्ता पुत्र परमहंस निवासी एमडीडीए कालोनी डालनवाला, चालक अनुराग यादव निवासी रायपुर, अक्षय सिंह पुत्र बालक राम निवासी चंद्ररोड व अभिषेक राजपूत का उपचार केरोनेशन अस्पताल में चला तथा चालक को दून चिकित्यालय रैफर कर दिया गया। उपचार के दौरान स्कार्पियों में सवार अभिषेक राजपूप पुत्र राकेश बाबूू निवासी एमडीडीए कालोनी डालनवाला को मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने आकाश के भाई की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। आज सम्पर्क करने पर जांच अधिकारी संजय मल्होत्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में चालक अनुराग यादव को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा मामले में धारा 304 बढा दी गयी है।

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पालतू कुत्ते ने अपनी जान देकर रक्षाबंधन पर बहन( मालिक की बच्ची) की जान बचाई
देहरादून। कुत्ते की वफादारी के किस्से तो आम है। घर में पाला हुआ कुत्ता अपने परिवार का सही मायनों में रक्षक होता है। ऐसा कई बार देखने को मिलता है। डोईवाला कस्बे की ग्राम पंचायत मारखम ग्रांट के बुल्लावाला में रक्षाबंधन के दिन 11 साल की बच्ची को गुलदार से बचाते हुए कुत्ते की मौत हो गई। बच्ची अपने पालतू कुत्ते को भाई की तरह से प्यार करती थी और रक्षाबंधन पर उसने अपने कुत्ते को राखी बांधी थी। शाम को एक भाई का फर्ज निभाते हुए कुत्ते ने बच्ची पर गुलदार के हमले के दौरान उससे सघर्ष करते हुए अपनी जांन दे दी।
मिली  जानकारी के अनुसार इंसानों से अधिक कई मायनों में फालतू जानवर अधिक वफादारी निभाते है। इसके बहुत सारे किस्से सामने आते है। इसी कड़ी में रक्षाबंधन के दिन बच्ची ने अपने घरेलू कुत्ते को राखी बांधी थी। जिसका फर्ज निभाते हुए शाम के समय 7.30 बजे के करीब कुत्ते संग आंगन में खेल रही बच्ची पर गुलदार के झपटने से पहले ही कुत्ते ने गुलदार पर हमला बोल दिया। जिस पर कुत्ता गुलदार से भिड गया। लंबे संघर्ष के बाद गुलदार ने कुत्ते को मार दिया लेकिन बच्ची की जान बच गई।
वहीं आबादी क्षेत्र में राजा जी टाइगर रिजर्व से लगातार गुलदार के धमकने से ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग इस मामले में निष्क्रिय बना हुआ है और कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे कभी भी कोई बड़ी जनहानि हो सकती है।

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जोशीमठ भू-धंसाव मामला
सरकार ने गंभीरता से नहीं लिए हाईकोर्ट के आदेश
खंडपीठ ने मुख्य सचिव को किया तलब
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जोशीमठ में हो रहे लगातार भू-धंसाव को लेकर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी की जनहित याचिका में दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस मामले की जांच के लिए सरकार इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट सदस्यों की कमेटी गठित करेगी, जिसमें पीयूष रौतेला और एमपीएस बिष्ठ भी होंगे।
साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह कमेटी दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में कोर्ट में पेश करेगी। वहीं, जोशीमठ में निर्माण पर लगी रोक के आदेश को प्रभावी रूप से लागू करने को कहा है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार व एनटीपीसी की तरफ से कहा गया कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। यहां पर सभी निर्माण कार्य रोक दिए हैं और प्रभावितों को हर संभव मदद दी जा रही है। भू धंसाव को लेकर सरकार वाडिया इंस्टिट्यूट के एक्सपर्ट लोगों की मदद ले रही है।
प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि जोशीमठ में लगातार भू-धंसाव हो रहा है। घरों व भवनों में दरारें आ रही हैं, जिससे यहां के लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं। प्रदेश सरकार की ओर से जनता की समस्या को नजरंदाज किया जा रहा है और उनके पुनर्वास के लिये रणनीति तैयार नहीं की गयी है। किसी भी समय जोशीमठ का यह इलाका तबाह हो सकता है।
प्रार्थना पत्र के जरिए कोर्ट को बताया गया कि प्रशासन ने करीब ऐसे 600 भवनों को चिन्हित किया है, जिनमें दरारें आयी हैं, ये दरारें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया है कि 1976 में मिश्रा कमेटी ने जोशीमठ को लेकर विस्तृत रिपोर्ट सरकार को दी थी, जिसमें कहा गया था कि जोशीमठ शहर मिट्टी व रेत कंकरों से बना है। यहां कोई मजबूत चट्टान नहीं है, कभी भी भू-धंसाव हो सकता है। निर्माण कार्य करने से पहले इसकी जांच की जानी आवश्यक।
इसके रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि जोशीमठ के लोगों को जंगल पर निर्भर नहीं होना चाहिए। उन्हें वैकल्पिक ऊर्जा के साधनों की व्यवस्था भी करनी चाहिए। 25 नवंबर 2010 को पीयूष रौतेला व एमपीएस बिष्ठ ने एक शोध जारी कर कहा था कि सेलंग के पास एनटीपीसी टनल का निर्माण कर रही है, जो अति संवेदनशील क्षेत्र है।

2010 में ही मिल गए थे तबाही के संकेत
उन्होंने अपनी रिपोर्ट ने कहा था कि टनल बनाते वक्त एनटीपीसी की टीबीएम फंस गयी, जिसकी वजह से पानी का मार्ग अवरुद्ध हो गया और सात सौ से आठ सौ लीटर प्रति सेकेंड के हिसाब से पानी ऊपर बहने लगा था। यह पानी इतना अधिक बह रहा है कि इससे प्रतिदिन 2 से 3 लाख लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है। पानी की सतह पर बहने के कारण निचली भूमि खाली हो जाएगी और भू-धंसाव होगा। इसलिए इस क्षेत्र में भारी निर्माण कार्य बिना सर्वे के न किये जाए।

2021 में जनहित याचिका दायर हुई थी
मामले के अनुसार अल्मोड़ा निवासी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी व चिपको आंदोलन के सदस्य पीसी तिवारी ने 2021 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के पास आपदा से निपटने की सभी तैयारियां अधूरी हैं और सरकार के पास अब तक कोई ऐसा सिस्टम नहीं है जो आपदा आने से पहले उसकी सूचना दे।

सरकार की लापरवाही
उत्तराखंड में 5600 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाले यंत्र नहीं लगे हैं और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रिमोट सेंसिंग इंस्टीट्यूट अभी तक काम नहीं कर रहे हैं, जिस वजह से बादल फटने जैसी घटनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती।याचिका में कहा गया था कि हाइड्रो प्रोजेक्ट टीम के कर्मचारियों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। कर्मचारियों को केवल सुरक्षा के नाम पर हेलमेट दिए हैं और कर्मचारियों को आपदा से लड़ने के लिए कोई ट्रेनिंग तक नहीं दी गई और ना ही कर्मचारियों के पास कोई उपकरण मौजूद हैं।

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परिवहन का रुख बदलना होगा

नक्शे पे पहली बार हिमाचल ने जख्म भर लिए, धरती के दर्द ने कुछ नए रास्ते चुन लिए। कीरतपुर-मनाली फोरलेन से गुजरने की सजा भुगतते पंडोह बांध के करीब का कैंची मोड़, इस सफर की कवायद को अस्थिर बना देता है। कभी लगा कि कीरतपुर से मनाली के बीच उभरा यह फॉल्ट, सदियों के दोष को माथे मढ़ गया, लेकिन फिर विकास का ख्वाब जिंदा निकला। वहीं जहां सडक के आंसू निकले थे, एक नई आशा का पहाड़ खड़ा हो गया। एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव की मानें, तो कुल्लू दशहरा के मेहमान इसी रास्ते से पहुंचेंगे। अक्तूबर तक फोरलेन पुनरू खुद के घाव भर लेगी, लेकिन आपदा के मुआयने ने सडक निर्माण की विधा को कई हिदायतें और कई विकल्प तराशने की जरूरत बता दी। जाहिर है फोरलेन निर्माण की गति और पहाड़ पर सडक बनाने की मति में कुछ तो सुधार आएगा, ताकि आइंदा बारिशों से घाव की सतह हमारे विकास की कलह न बने। बेशक एनएचएआई ने अपनी प्राथमिकताओं में शुरू की गई तमाम परियोजनाओं की सुध लेते हुए इन्हें वक्त रहते सुधारने की गुंजाइश को पूरा करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। इसी के साथ प्रदेश के लिए आपदा के बाद विकास की अगली सदी को संबोधित करने की हिदायतें बदली हैं।
इन्हीं के प्रारूप में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय एजेंसी को अपना प्रारूप बदलने की गुजारिश की है। हिमाचल ने परिवहन का रुख बदलने के लिए तीन ऐसी सुरंगें चुनी हैं, जिनके मार्फत सफर का नक्शा बदलेगा। भुभु जोत, चंबा-चुवाड़ी और भावा से पिन घाटी को जोडने वाली सुरंगों का निर्माण अगर प्राथमिक आधार पर होता है, तो हिमाचल आज जहां खड़ा है, वहां से कहीं आगे सुरक्षित, सदाबहार और नए तरानों के साथ अपनी पेशकश कर सकता है। चंबा से चुवाड़ी और घटासनी से भुभुजोत सुरंगों के दायरे में दूरियां घटेंगी और साथ ही पर्यटन का एहसास भी बदलेगा। जाहिर है ये दो सुरंगें कहीं न कहीं कांगड़ा के केंद्र में अन्य जिलों से हाथ मिला सकती हैं। भुभुजोत अगर कांगड़ा-मनाली के बीच 55 किलोमीटर सफर घटा रही है, तो चंबा-चुवाड़ी सुरंग से पूरा भूगोल बदल सकता है। सुरंग रास्तों के कई और प्रस्ताव भी सामने आते रहे हैं, लेकिन न योजनाएं बनीं और न ही राज्य की प्राथमिकताएं तय हुईं।
दरअसल हिमाचल के विकास की दृष्टि से चार संसदीय क्षेत्रों में राजनीतिक हसरतें परवान चढ़ती गईं, नतीजतन औद्योगिक विकास के सारे मुहावरे परवाणू के बाद बीबीएन में सिमट गए। फोरलेन की पैमाइश परवाणू-शिमला व कीरतपुर-मनाली तक होती रही, जबकि आठ जिलों की जनता को ढोने वाले मटौर-शिमला ऐसी किसी प्राथमिकता में बहुत देरी से आ रहा है। इसी तरह ऊना रेल की परिधि में अगर मंदिर पर्यटन का खाका बनता तो अब तक अंब-अंदौरा से चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, कांगड़ा, चामुंडा, दियोटसिद्ध तथा नयनादेवी तक पटरियों का विस्तार हो जाता। अंब-अंदौरा से मात्र पचास किलोमीटर का सफर ज्वालाजी को हिमाचल में रेल विस्तार का प्रमुख केंद्र बना सकता है। इसी तरह अगर सरकार जल परिवहन पर गंभीरता से विचार करें तो कौल डैम के मार्फत तत्तापानी, गोविंदसागर के मार्फत बिलासपुर से पंजाब तथा पौंग बांध के मार्फत कांगड़ा-हमीरपुर के बीच पर्यटन के कई टापू खड़े कर सकते हैं। दरअसल हिमाचल की महत्त्वाकांक्षा अलग-अलग प्रदेश सरकारों तथा केंद्र सरकारों के बीच बिखरती रही है। ढंग से माल ढुलाई पर ही गौर करते, तो अब तक सेब की ढुलाई के लिए रज्जु मार्गों की एक श्रृंखला बन चुकी होती। हिमाचल को आगे बढ़ाने के लिए स्थायी नीतियों, राजनीतिक सौहार्द, फिजूलखर्ची पर रोक तथा क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर समूचे प्रदेश के नक्शे पर क्रांतिकारी उद्घोष को जिंदा रखना होगा।

फोरलेन निर्माण की गति और पहाड़ पर सडक बनाने की मति में कुछ तो सुधार आएगा, ताकि आइंदा बारिशों से घाव की सतह हमारे विकास की कलह न बने। बेशक एनएचएआई ने अपनी प्राथमिकताओं में शुरू की गई तमाम परियोजनाओं की सुध लेते हुए इन्हें वक्त रहते सुधारने की गुंजाइश को पूरा करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। इसी के साथ प्रदेश के लिए आपदा के बाद विकास की अगली सदी को संबोधित करने की हिदायतें बदली हैं।

इन्हीं के प्रारूप में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय एजेंसी को अपना प्रारूप बदलने की गुजारिश की है। हिमाचल ने परिवहन का रुख बदलने के लिए तीन ऐसी सुरंगें चुनी हैं, जिनके मार्फत सफर का नक्शा बदलेगा। भुभु जोत, चंबा-चुवाड़ी और भावा से पिन घाटी को जोडने वाली सुरंगों का निर्माण अगर प्राथमिक आधार पर होता है, तो हिमाचल आज जहां खड़ा है, वहां से कहीं आगे सुरक्षित, सदाबहार और नए तरानों के साथ अपनी पेशकश कर सकता है। चंबा से चुवाड़ी और घटासनी से भुभुजोत सुरंगों के दायरे में दूरियां घटेंगी और साथ ही पर्यटन का एहसास भी बदलेगा। जाहिर है ये दो सुरंगें कहीं न कहीं कांगड़ा के केंद्र में अन्य जिलों से हाथ मिला सकती हैं। भुभुजोत अगर कांगड़ा-मनाली के बीच 55 किलोमीटर सफर घटा रही है, तो चंबा-चुवाड़ी सुरंग से पूरा भूगोल बदल सकता है। सुरंग रास्तों के कई और प्रस्ताव भी सामने आते रहे हैं, लेकिन न योजनाएं बनीं और न ही राज्य की प्राथमिकताएं तय हुईं।

दरअसल हिमाचल के विकास की दृष्टि से चार संसदीय क्षेत्रों में राजनीतिक हसरतें परवान चढ़ती गईं, नतीजतन औद्योगिक विकास के सारे मुहावरे परवाणू के बाद बीबीएन में सिमट गए। फोरलेन की पैमाइश परवाणू-शिमला व कीरतपुर-मनाली तक होती रही, जबकि आठ जिलों की जनता को ढोने वाले मटौर-शिमला ऐसी किसी प्राथमिकता में बहुत देरी से आ रहा है। इसी तरह ऊना रेल की परिधि में अगर मंदिर पर्यटन का खाका बनता तो अब तक अंब-अंदौरा से चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, कांगड़ा, चामुंडा, दियोटसिद्ध तथा नयनादेवी तक पटरियों का विस्तार हो जाता। अंब-अंदौरा से मात्र पचास किलोमीटर का सफर ज्वालाजी को हिमाचल में रेल विस्तार का प्रमुख केंद्र बना सकता है। इसी तरह अगर सरकार जल परिवहन पर गंभीरता से विचार करें तो कौल डैम के मार्फत तत्तापानी, गोविंदसागर के मार्फत बिलासपुर से पंजाब तथा पौंग बांध के मार्फत कांगड़ा-हमीरपुर के बीच पर्यटन के कई टापू खड़े कर सकते हैं। दरअसल हिमाचल की महत्त्वाकांक्षा अलग-अलग प्रदेश सरकारों तथा केंद्र सरकारों के बीच बिखरती रही है। ढंग से माल ढुलाई पर ही गौर करते, तो अब तक सेब की ढुलाई के लिए रज्जु मार्गों की एक श्रृंखला बन चुकी होती। हिमाचल को आगे बढ़ाने के लिए स्थायी नीतियों, राजनीतिक सौहार्द, फिजूलखर्ची पर रोक तथा क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर समूचे प्रदेश के नक्शे पर क्रांतिकारी उद्घोष को जिंदा रखना होगा।

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प्रेस विज्ञप्ति 1 सितम्बर 2023

फाइनल जीता गोरखा बिरगेड एफ सी ने – टेक्निकल एडवाइजर /चीफ रेफरी विरेन्द्र सिंह रावत

डौडूपलिंग फुटबाल क्लब देहरादून द्वारा आयोजित स्वर्गीय गुंघथंग टुसूलट्रिम 45वॉ एनिवर्सरी जिला स्तरीय फुटबाल टूर्नामेंट 2023 का फाइनल मैच हुवा
हाई वोल्टेज फाइनल मैच जो ढाई घंटे चला खचा खच भरे फुटबाल ग्राउंड मे, कई वर्षो के बाद दर्शकों से भरा हुजूम देखने को मिला, फाइनल मैच हुवा गोरखा बिरगेड एफ सी का ठकुरी एफ सी के बीच चीफ नेशनल रेफरी विरेन्द्र सिंह रावत ने किक ऑफ़ की सिटी बजाई गोरखा बिरगेड के नेशनल खिलाड़ियों से सुसज्जित टीम ने आक्रमक रूप दिखाया 9 मिनट मे तेज तरार फॉरवर्ड मानव रावत ने बेहतरीन गोल मारकर दर्शकों की वाही वाही लूटी पहले हाफ के समाप्त होते ही गोरखा बिरगेड 1-0 की बढ़त बनाई हुए थी सेकंड हाफ सुरु होते ही ठकुरी एफ सी ने शानदार वापसी की और गोरखा टीम पर बाल से कई प्रहार किये लेकिन बेहतरीन डिफेंनडर और गोल कीपर ने कई बेहतरीन बचाव किये मैच इंजरी टाइम तक गया और इंजरी टाइम के अंतिम समय मे गोरखा बिरगेड के डिफेंडर ने बड़ी गलती कर दी पेनल्टी एरिया के अंदर हेंड बोल कर दिया और चीफ नेशनल रेफरी ने तुरंत पेनल्टी दे डाली ठकुरी को मौका मिला वापस आने का, पेनल्टी मारी ठकुरी के राकेश ने 90+5 मिनट मे गोल कर दिया,90 मिनट और इंजरी टाइम के बाद एक्स्ट्रा टाइम मैच खिलाया गया उसमे भी कोई रिजल्ट नही निकला दोनों टीम 1-1 की बराबरी पर रही फिर पेनल्टी किक का सहारा लिया गया जिसमे गोरखा बिरगेड की तरफ से भूपेश, सलमान, यश, मोनू, ऋषि सभी ने गोल मारा
ठकुरी की तरफ से राकेश, अमन, तुषार, मयूर ने गोल मारा और रोहित ने गोल बहार मार दी
जिसके कारण गोरखा बिरगेड 6-5 से विजयी हुई
बेस्ट गोल कीपर ऑफ़ द टूर्नामेंट गोरखा बिरगेड के विवेक को दिया गया,बेस्ट प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट उस्मान को, बेस्ट गोल स्कोरर ऑफ़ द टूर्नामेंट मानव रावत को दिया गया
विजेता टीम को 50,000 का नगद पुरस्कार के साथ ट्रॉफी से और उपविजेता टीम को 30,000 का नगद पुरुस्कार और ट्रॉफी से तिब्बत्तन परिवार के अधिकारीयों के द्वारा नवाजा गया
बेहतरीन मैच खिलाने पर तिब्बतन परिवार के अधिकारीयों ने चीफ रेफरी विरेन्द्र सिंह रावत को सम्मानित किया और जून माह मे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला मे इंटरनेशनल फुटबाल खिलाने पर भी सम्मानित किया, और बधाई दी की विरेन्द्र सिंह रावत ने रेफरी और कोच की भूमिका निभा कर 25 साल कम्प्लीट किये जिसमे उन्होंने अभी तक रेफरी होते हुवे 25 सालों मे 8000 से ऊपर जिला, स्टेट, स्कूल, नेशनल और इंटरनेशनल स्तर के मैच खिलाये है और फुटबाल कोचिंग से 25 सालों मे 27000 से ऊपर खिलाडी, कोच और रेफरी का उज्जवल भविष्य बनाया है

देहरादून के क्लेमनटाउन के टी एन एम एफ स्कूल ग्राउंड मे आयोजित किया गया था जिसमे जिले की बेहतरीन 12 टीम प्रतिभाग कर रही है
ग्रुप ए मे रायपुर इलेवन, डेकलिंग एफ सी, डी एस ए
ग्रुप बी मे दून वेली एफ सी, प्रेरणा एफ सी, आई पी एफ एफ सी, ग्रुप सी मे हिमालयन एफ सी, गोरखा ब्रिगेड एफ सी, पोंटा एफ सी, ग्रुप डी मे डी एफ सी, ठकुरी एफ सी, नई बस्ती एफ सी
टूर्नामेंट के टेक्निकल एडवाइजर / चीफ रेफरी डॉक्टर विरेन्द्र सिंह रावत, नेशनल रेफरी सुरेन्द्र रावत, राजेंद्र पहाड़ी, राजेश खत्री, हर्षित, मैच कमीशनर तेजेंद्र गुरुंग, चीफ कोर्डिनेटर देवाशीष,, मैच इंस्पेक्टर संजय गुसाई, पूर्व इंटरनेशनल खिलाडी तामदिन और समस्त तिबतन परिवार मौजूद रहा, महत्वपूर्ण सहयोग उत्तराखंड फुटबाल रेफरी एसोसिएशन का है
प्रतियोगिता 23 अगस्त से 31 अगस्त तक आयोजित की गयी थी

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उपनल कर्मचारियों के लिए उनकों सम्मान के साथ  उनकों  मांगों पर विचार किया जाय,आज साधारण ढंग से महंगाई के चलते  30000 तीस हज़ार रुपये मे  घर का  खर्चा उठाने की क्षमता  कर्मचारियों की  मेहनत का  मिलना चाहिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार को निजी स्कूल में पढ़ने के लिए  निशुल्क शिक्षा देने का आदेश  देना चाहिए, रिटायर होने पर 15 लाख रुपये  सम्मान राशि देने के लिये  कोष  800 करोड़ रुपये का  बनाने की  आवश्यकता है , जनता का कहना है कि  उप नल  कर्मचारियों ने  कम मानदेय पाकर  अरबों रुपये  सरकार की  बचत की है, स्मार्ट सीटी के धन की  बर्बादी  पाल टन  बजार मे जनता की कर रहीं हैं  उतने धन का  कोष  बनाकर  इनके साथ  अच्छा व्यवहार किया जा सकता है ।

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मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल खटीमा में शहीद राज्य आंदोलनकारियों की मूर्तियों का किया अनावरण। शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित।*

*मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल खटीमा में शहीद राज्य आंदोलनकारियों की मूर्तियों का किया अनावरण। शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित।* *शहीदों तथा राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य का चहुमुखी विकास हमारा लक्ष्य-मुख्यमंत्री* देहरादून /खटीमा । पहाड़ो कि गूंज 1 सितंबर।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राज्य स्थापना […]

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