आंगनवाड़ी कार्यकर्ती/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया
पहाड़ों की गूँज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ती/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन उत्तराखंड* के समर्थन में भारी महंगाई को देखते हुए 25000 मानदेय देने की मांग करने के लिए बैनर लगा के रखें है
*आंगनवाड़ी कार्यकर्ती/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन उत्तराखंड* की प्रदेश स्तरीय बैठक में पूरे प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं व उन समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर माननीय विभागीय मंत्री जी और विभागीय अधिकारियों को अनेकों बार अवगत कराया गया है, परन्तु आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों की समस्याओं के निदान पर कोई भी ठोस प्रगति दृष्टिगोचर नहीं हुई है।
जिस कारण मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया गया इसमें पूरे प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सैकड़ो की संख्या में भाग लेकर रैली के माध्यम से हाथी बड़काला होते हुए मुख्य मंत्री आवास को प्रस्थान किया इस कारण प्रशासन द्वारा हाथी बड़काला में बेरि के ट लगाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रोक दिया गया। बहुत ही भारी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच बहुत बार वेरी कटिंग तोड़ने पर लोग ताकत लगाई, कई बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने वेरीगैटिग को गिरा दिया पुलिस प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री जी के कोऑर्डिनेटर इंद्रजीत प्रतिनिधि के तौर में बुलाया गया,जिन्होंने की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का ज्ञापन लेते हुए यह आश्वासन दिया कि जैसे ही सीएम साहब आते हैं उनकी वार्ता कराई जाएगी और निम्न मांगों पर समय रहते ही कार्रवाई करने का अधिकारी किया जाएगा केंद्र सरकार की मांगों को लेकर उन्होंने केंद्र को प्रस्ताव भेजने की बात भी कहीं, जिसकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कहा कि जब तक कम से मुलाकात नहीं होती है तब तक कोई भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती ना कुक्ड फूड बनाएगी और ना ही पोषण ट्रैक्टर पर काम करेगी इसलिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीएम की मुलाकात के बाद ही अपने कार्य को सुचारू रूप से करने का ऐलान किया है
जिसमें सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने मानगढ़ पत्र को प्रेषित करते हुए इंद्रजीत कढाकोटी को अपना मांग कर सोपतें हुए उनके आश्वासन पर धरना स्थगित करते हुए आगे की रणनीति के लिए तैयार है
हम आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों ने अपनी समस्याओं के निदान नहीं हो पाने पर संगठन द्वारा आपसे मिलने हेतु भी अनेकों बार निवेदन – प्रतिवेदन प्रेषित किए हैँ परन्तु हमें समुचित समय तक भी प्रदान नहीं किया गया है कि हम कम से कम शीर्ष स्तर पर अपनी आवाज को पहुंचा सकें।
प्रदेश के मुख्यमंत्री से भेंटवार्ता हेतु कई महीनों से समय मांग के उपरांत भी
आज तक कोई भी समय न मिलने के कारण आज संगठन परेशान व आक्रोषित होकर रैली के माध्यम से आपको अपनी समस्याओं से अवगत कराने जा रहा है। हम पूरी आशा व विश्वास के साथ आपसे उम्मीद करते हैँ कि आप संगठन द्वारा उठाये गए बिंदुओं पर आवश्यक कार्रवाई एवं कदम उठाएंगे।
काली हल्दी सुखाई जा रहीं हैं
महोदय, संगठन का कहना है कि निदेशालय द्वारा प्राप्त कुक्ड फ़ूड (Cooked Food) यानी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्म के संबध में जो आदेश प्राप्त हुआ, उसमे प्रति बच्चा ₹8 /= तय था, वह घटाकर ₹7/= कर दिया गया है,और ₹3/= पिसाई जबकि उतराखंड की भोगोलिक स्थित को देखते हुए आपको ज्ञात ही होगा कि ग्रामीण क्षेत्र में पिसाई ₹4/= है और पिसाई के बाद चक्की वाला आटे मे कटौती करके देता है जिससे विभाग द्वारा दिया गया गेहूं भी आगनबाडी कार्यकत्री को पूरा नहीं मिलेगा और वह उचित मात्रा मे कुक्ड फूड नहीं बना पायेगी। इतनी महंगाई के चलते इस धनराशि में तय मात्रा और तय आहार बनाना संभव नहीं, कई जगह ईंधन की व्यवस्था तक भी नहीं है।
*आगनबाडी केन्द्र का मीनू फाइव स्टार होटल जैसा बनाया गया है जैसे कि मटर, झगोरा, दाल, सब्जियां आदि की आसमान छूती कीमत देखते हुए* कोई भी आगनबाडी कार्यकत्री इतनी सक्षम नहीं है कि वह इस व्यवस्था को निरंतर एवं निर्बाधित रुप में चला पाये।
*महोदय*, इस कुक्ड फूड (Cooked Food) व्यवस्था के अंतर्गत पैदा हो आई सभी समस्याओं का हल निकालने हेतु इस मीनू मे बदलाव करने की नितांत आवश्यकता है, कृपा करके इसमें सुधार करने का कष्ट करें।
*महोदय* , प्रत्येक ब्लॉक से लिखित पत्र जो हमारे संगठन को प्राप्त हुए हैँ उनमें सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा शासनादेश का पुरजोर विरोध करने का अनुरोध संगठन से किया गया है। हम आपको आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों के आक्रोश से अवगत कराते हुए कथन करते हैँ कि शासनादेश में 3 से 6 वर्ष के शाला पूर्व शिक्षा वाले बच्चो का ₹10 प्रति लाभार्थी किया जाए, केंद्रों में गैस सिलेंडर की व्यवस्था दी जाए ,
टीएचआर (Take Home Ration) में जो राशन गेहूं, चावल दिया जा रहा है उसे केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था बनाई जाए। ऐसे ही विभाग द्वारा दिए गए अंडे, चिप्स, खजूर व अन्य वितरण सामग्री को भी आंगनवाड़ी केन्द्र तक पहुंचाने की व्यवस्था निर्मित की जाएं।
यदि विभाग किसी कारणवश टीएचआर (Take Home Ration) एवं अन्य वितरण खाद्य सामग्री जैसे की अंडा, चिप्स खजूर इत्यादि को आंगनवाड़ी केंद्र तक पहुंचाने में अक्षम है तो उस दिशा में वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ती को भार ढुलान व्यय देने की व्यवस्था को निर्मित करे।
*1–आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय न्यूनतम मजदूरी के तहत ₹18000/= किया जाय तथा प्रत्येक वर्ष सीनियरटी के आधार पर मानदेय बढ़ोतरी और सीनीयरटी के आधार पर ही सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति करने की व्यवस्था निर्मित की जाए।*;
*2- साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ती पदोन्नति के क्रम में, उसी केंद्र की सहायका को प्रथम वरीयता प्रदान की जाए*!
*3-विभागीय आदेश के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्रों को नजदीकी स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है लेकिन जहां पर प्राथमिक स्कूल दूर हो वहां पर आंगनबाड़ी केंद्रों को किस जगह संचालित किया जायेगा?*
*विभाग द्वारा सालों तक किराया न मिलने कारण कोई भी मकान मालिक अपना भवन किराए पर नहीं देता है जिस कारण मजबूरी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती हो अपनी निजी घर पर ही केंद्र को रखना पड़ता है। विभाग द्वारा आदेश हुआ है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने घर पर केंद्र ना रखे वरना कार्रवाई की जायेगी तो विभाग प्रत्येक माह आंगनबाड़ी का किराया भवन स्वामी के खाते में डाला जाए जिससे वह भवन किराए पर ले सके।;*
*4- यह स्पष्ट आदेश निर्गत किए जाएं कि 06 मूल सेवाओं के अलावा आगनवाड़ी कार्यकर्ती कोई और काम नहीं करेगी। अगर किसी नई योजना का सरकार द्वारा शुभारंभ किया जाता है तो उस योजना के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को उसका मानदेय भी दिया जाने के प्राविधान भी निर्मित किए जाने चाहिए। मात्र वंदना के फ़ार्म या अन्य फार्म कार्यकर्ती द्वारा कम्प्यूटर एवं मोबाइल पर न भराये जाएं।;*
*5- मिनी केदो का उच्चीकरण शीघ्र किया जाय और उनका समान कार्य के लिए समान मानदेय दिए जाने का प्राविधान बनाया जाए।;*
*6- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति होने में बहुत विलंब हो चुका है। हमारी कुछ आंगनवाड़ी बहने तो सेवानिवृत भी हो चुकी है। इसलिए विभाग बिना और समय गंवाये आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सुपरवाइजर में शीघ्र पदोन्नति करे।*
*7आंगनबाड़ी कार्यकत्री से बी, एल, ओ, डूयूटी हटा दी जाय*
*8-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग द्वारा दिये जा रहे सामान (खाद्य पूर्ति) एवं मीटिंग में आने जाने का यात्रा पता दिया जाए*,
*9-आगनबाडी कार्यकर्ताओं को नया फोन अच्छी क्वालिटी का दिलाया जाए जिसमें कि उसकी अच्छी रैम होने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उससे अच्छे से कार्य कर पाये*
*10-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अच्छी ड्रेस मुहया में कराई जाए*
*सुझाव*
*सुझाव के तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यह चाहते हैं कि उनको साडी के जगह पर एक एप्रैन टाइप का कोट दिया जाए जिससे कि वह केवल कार्य के वक्त पहन कर अपना काम कार्य करें*,
*श्रीमती रेखा नेगी*
*प्रदेश अध्यक्षा*
*आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन*
*उत्तराखंड*
श्रीमती सुमति सुमति थपलियाल, केंद्रीय प्रभारी
श्रीमती मीनाक्षी रावत, प्रदेश संगठन मंत्री पौडी, श्रीमती रंजीता अरोड़ा, प्रदेश महामंत्री उधम सिंह नगर, श्रीमती विमला पनेरु, प्रदेश उपाध्यक्ष चंपावत श्रीमती मीना रावत, प्रदेश कोषाध्यक्ष टेहरी, श्रीमती सुनीता भट्ट, प्रदेश मीडिया प्रभारी रुद्रप्रयाग, श्रीमती बसंती रावत, प्रदेश सदस्य, श्रीमती उर्मिला, प्रदेश सदस्य, श्रीमती कस्तूरबा, प्रदेश सदस्य।
श्रीमती पूनम कैंतोरा, जिला अध्यक्ष – पौड़ी।
श्रीमती विजयलक्ष्मी नौटियाल, जिला अध्यक्ष – उत्तरकाशी।
श्रीमती ममता रतूड़ी, जिला अध्यक्ष – टिहरी।
श्रीमती पिंकी सिंह, जिला अध्यक्ष – देहरादून।
श्रीमती सुनीता नौटियाल, जिलाध्यक्ष – रुद्रप्रयाग।
श्रीमती हेमा मालिनी, जिला अध्यक्ष – नैनीताल।
श्रीमती मीना बोरा, जिला अध्यक्ष – चंपावत।
श्रीमती भगवती जोशी, जिला अध्यक्ष – बागेश्वर।
श्रीमती अभिलाषा, जिला अध्यक्ष – चमोली।
श्रीमती रितेश चौहान, श्रीमती लता, श्रीमती वंदना, श्रीमती अर्चना रमोला, श्रीमती उषा, श्रीमती सुषमा, श्रीमती विमला पोखरियाल, श्रीमती आशा भट्ट, श्रीमती मीना रावत, श्रीमती अर्चना शर्मा, श्रीमती मंजू मौर्य, नीलम खत्री, उर्मिला तोमर, श्रीमती पुष्पा सजवान, रेखा।