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_*?आज का पंचाग __. २८ दिसम्बर २०१७*_
_*”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥”*_
_*।। आज का दिन मंगलमय हो ।।*_
_*?दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)*_
_*गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए । गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है।*_
_*गुरुवार का दिन भगवान श्री हरि, भगवान विष्णु का माना जाता है । गुरुवार को शंख से भगवान विष्णु को स्नान करा के उन्हें पीले चन्दन का तिलक करके वस्त्र, यज्ञोपवीत, केसर और घी मिश्रित खीर का भोग लगाकर पूजा करने से आरोग्य और दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।*_
_*★विक्रम संवत् 2074 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*_
_*★शक संवत – 1939*_
_*★अयन – दक्षिणायण*_
_*★ऋतु – शरद ऋतु*_
_*★मास – पौष माह*_
_*★पक्ष – शुक्ल पक्ष*_
_*? तिथि – दशमी – २४:१६ तक तदुपरांत एकादशी।*_
_*?तिथि का स्वामी – दशमी तिथि के स्वामी यमराज है तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी है।*_
_*दशमी तिथि के देवता यमराज जी हैं। यह दक्षिण दिशा के स्वामी है। इनका निवास स्थान यमलोक है। इस दिन इनकी पूजा करने, इनसे अपने पापो के लिए क्षमा माँगने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं, निश्चित ही सभी रोगों से छुटकारा मिलता है, नरक के दर्शन नहीं होते है अकाल मृत्यु के योग भी समाप्त हो जाते है।*_
_*इस तिथि को धर्मिणी भी कहा गया है। समान्यता यह तिथि धर्म और धन प्रदान करने वाली मानी गयी है । दशमी तिथि में नया वाहन खरीदना शुभ माना गया है। इस तिथि को सरकार से संबंधी कार्यों का आरम्भ किया जा सकता है।*_
_*?नक्षत्र – अश्विनी – २४:३९ तक तदुपरांत भरणी।*_
_*?नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- अश्विनी नक्षत्र के देवता नासत्(दोनों अश्वनी कुमार) है और गृह स्वामी केतु है । तथा भरणी नक्षत्र के देवता यमराज जी है एवं गृह स्वामी शुक्र है।*_
_*?योग(Yog) – शिव – २४:५८ तक तदुपरांत सिद्ध*_
_*?प्रथम करण : – तैतिल – १३:११ तक।*_
_*?द्वितीय करण : – गर – २४ तक।*_
_*?गुलिक काल : – बृहस्पतिवार को शुभ गुलिक दिन ९ से १०:३० तक।*_
_*?दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यदि यात्रा आवश्यक हो तो घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ।*_
_*?राहुकाल -दिन – 1:30 से 3:00 तक।*_
_*?सूर्योदय – प्रातः ७:१३*_
_*?सूर्यास्त – सायं ५:३२*_
_*? विशेष – दशमी को कलम्बी का सेवन नहीं करना चाहिए ।*_
_*?मुहूर्त – ःदशमी तिथि को राज संबंधी कार्य ( सरकारी कार्य ), व्रतबंध, प्रतिष्ठा, विवाह, यात्रा, भूषणादि के लिए शुभ होते हैं।*_
_*दशमी तिथि को यात्रा , शिल्प , चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश शुभ है।*_
_*?”हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण,आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।*_
_*? पौष / पूस माह (पदिसम्बर-जनवरी) में धनिया का सेवन नहीं करना चाहिए*_
_*? इस माह में तिल का सेवन विभिन्न रूपों में अधिक से अधिक करें ।*_
_*आप का आज का दिन*_
_*अत्यंत मंगल दायक हो ।*_
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