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आज देहरादून में देश की बेटियों के उत्पीड़न के खिलाफ युवा उक्रांद के द्वारा 6.30 बजे कैंडल मार्च

Pahado Ki Goonj

देहरादून।देश की बेटियों के उत्पीड़न के खिलाफ
युवा उक्रांद के द्वारा कैंडल मार्च
आइये मिलकर अन्याय के विरुद्ध आवाज उठायें
हमें हमारी बेटिओं के लिए न्याय चाहिए
स्थान गाँधी पार्क देहरादून
समय दिनांक 15 अप्रैल शाम 6.30 बजे युवा उक्रांद महानगर देहरादून केंद्रीय महिला प्रकोष्ट
जिला कार्यकारणी देहरादून

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य में इस नारे की धज्जियां उड़ाई जा रही है।उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में 7 वर्षों से कार्यरत कुमारी शीला रावत को बगैर कारण बताएं मनमाने तरीके से विभाग के निदेशक महोदय द्वारा सेवा मुक्त कर दिया गया है। निदेशक द्वारा यह फैसला मनमानी भरा है। हैरानी की बात यह है कि यह विभाग माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार के अधीन है।
उल्लेखनीय है कि बी एस एन सर्विसेज नामक आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा आठ कार्मिकों की सेवाएं पिछले कई वर्षों से अंतरिक्ष उपयोग केंद्र वसंत विहार को दी जा रही है। जिसमें से 7 पुरुष एवं एक महिला कर्मचारी है। उक्त कंपनी का अनुबंध 30 अप्रैल तक होने के बावजूद अचानक 28 फरवरी को विभाग मे नवनियुक्त निदेशक श्री एम पी एस बिष्ट द्वारा केवल एक महिला कर्मचारी जो कि मानव शक्ति लिपिक के पद पर कार्यरत थी की सेवाएं बगैर किसी पूर्व सूचना के समाप्त की गई है।जबकि 2013 को जारी शासनादेश के मुताबिक वर्षों से कार्यरत किसी भी कर्मचारी को अचानक बगैर कारण बताए निकाले जाने का प्रावधान नहीं है। किंतु उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में अधिकारियों की मनमानी का आलम यह है कि मुख्यमंत्री द्वारा जारी शासनादेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जब सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा विभागीय निदेशक से कुमारी शीला रावत की सेवाएं समाप्त करने का कारण पूछा गया तो विभागीय अधिकारियों द्वारा उक्त कंपनी के साथ ही अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। कुमारी शीला रावत द्वारा विभागीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जो कि विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली को देखते हुए प्रथमदृष्टया सही प्रतीत होते हैं। आज की पत्रकार वार्ता के माध्यम से उत्तराखंड क्रांति दल अवगत कराना चाहता है कि उत्तराखंड की बेटी शीला रावत का उक्रांद द्वारा पूर्ण समर्थन एवं सहयोग किया जाएगा। दल यह स्पष्ट करना चाहता है कि उक्त मामले में प्राकृतिक न्याय के नियम पूरे नहीं किए गए तथा निदेशक महोदय द्वारा अधिकार से बाहर जाकर निर्णय लिए गए। कुमारी शीला रावत को ना ही तो कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया बल्कि विभाग द्वारा समय-समय पर शीला रावत हो संतोषजनक कार्य के प्रशस्ति पत्र विभाग द्वारा प्रदान किए गए हैं। पूरा प्रकरण महिला कर्मचारी के उत्पीड़न का साबित होता है।अध्यक्ष,महानगर उत्तराखंड क्रांति दल देहरादून

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