टेहरी रियासत की द्वितीय राजधानी कह जाने वाले स्थान लिखवार गावँ भदूरा में स्व लक्ष्मी प्रसाद पैन्यूली स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की स्मृति श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के 7वें दिन समापन का रसपान करते हमारे गावँ
के नाते में बड़े रिश्ते पूज्य चाचाजी अनुसूया प्रसाद पूर्व कानून गो ,महिशर्ण पैन्यूली, जगदीश प्रसाद पैन्यूली, केशवा ननंद पैन्यूली, जनार्दन सेमवाल ,गणेश प्रसाद डॉ हरीश चंद्र रतूड़ी, राजेन्द्र प्रसाद अमोला, ममगाईं जी ,महेश्वर उनियाल बैंक प्रबंधक, एवं गणमान्य श्रद्धालु नागरिक देश के कोने कोने से आये रिश्तदारों का दर्शन करने का अबसर इस नॉमिसारण्य तीर्थ होंने के अबसर पर मिला व्यास पीठ से डॉक्टर दुर्गेश महाराज ने कहा कि आप लोगों ने संम्पन के दिन तक कथा का रसपान किया भगतों से कह कि भागवत में राधा एवं सुदामा नाम नहीं आया।महाराज ने कहा कि आपके घर मे पति बाहर से आते ही अपने चेहरे पर शिकन नहीं लानी चाहिए।श्रीमद्भागवत की दक्षण। आ पको देनी है तभी यह कथा आपके लिये फलदायी होगी ।आपको दक्षिण। में अपनी गलत आदत तम्बाकू, शराब, गाली, क्रोध, अहंकार, आदि एक गुण
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में देना है तभी हम भारत माता के नाम को विश्व में ऊंचा करने में सहायक होंगे।आज के परिवेश में भागवत का चिंतन से हमें हर मुसीबत में भगवान का भजनों का सहारा लेना चाहिए कथा जारी है।