मानवी स्वास्थ्यके दुश्मन कौन है -सुभाष पालेकर
प्राकृति का एक कानून है की कोई भी सजीव का शरीर ( मानव, प्राणी,कीट,जंतू,पंछी) बाहर की कोईभी अप्राकृतिक वस्तु अपने शरीर मे प्रवेश करना स्वीकार करता नही, उसे तुरंत अपने शरीर मे से बाहर निकालनेका प्रतिक्रियात्मक प्रयास करता है । उदाहरणके रुप मे हमारे नाक मे अगर धूल कण प्रवेश करते है तब तुरंत आ~छी करके बाहर निकालने की कोशिश करता है। हम हमारे दैनंदिन जीवनमे मानवनिर्मित जीन जीन बाह्य वस्तू,दवा,खाद्य का उपयोग करते है, उनको शरीर स्विकार नही करता, परिणाम स्वरुप शरीरमे विकृती निर्माण होती है, शरीरकी प्राकृतिक व्यवस्था अपना पाचन, प्रतीरोध शक्ती निर्माण करना, शरीरमे ईकट्ठा निरुपयोगी कचरा शरीरके बाहर निकालना, शारिरीक विकास आदि कार्य बंद करती है, शरीरमे होनेवाला कोईभी नुकसान दुरुस्त करनेकी शारिरीक व्यवस्था अपना काम बंद करती है , परीणाम स्वरुप हम कॅन्सर, मधूमेह, दिल की बिमारी, क्षय, आदि जानलेवी बिमारियोंके और डाॅक्टर और वैद ईनके चक्रव्यूहमे ऐसे फंस जाते है की हमारी जेब और बॅन्क बॅलंस खाली हो जाता है, साहुकार और बॅन्क से कर्ज लेकर बोझ खडा हो जाता है, सारे रिश्तेदारोंके जेबतकभी हमारे हाथ पहूॅचते है, परिणाम नही मिलता, अंतमे हमारी दयनीय हालत मुक्तीदाता यमराजको सहन नही होती तब वह हमे अंतमे साक्षात मृत्यूके जबडेमे ढकेलकर मृत्यूदान देते है और हमे मोक्षप्राप्ती मील जाती है, मानवी जीवनका अंतिम उद्दिष्ट् मोक्ष प्राप्तीही है ना ? …………………हमे मृत्यूके तरफ ले जानेवाली मानवी स्वास्थ्यके दुश्मनके रुपमे कौन कौनसी वस्तुएॅ है, जिनका दैनंदिन उपयोग हमे तुरंत बंद करना है ?अगर स्वस्थ जीवन जीकर जिंदा रहना है तो……,.,………,!
वे वस्तुएॅ है, जीनको त्यागना है……….रासायनिक कृषी और उससेभी खतरनाक जैविक खेतीसे पैदा अनाज,दाल,फल,सब्जियाॅ
और खानेका तेल, ( सिर्फ झिरो बजेट प्राकतीक खेतीसे पैदा जहरमुक्त,पौष्टीक और औषधी खाद्यही खाना है ) , खानेका रिफाईंड तेल, सफेद चीनी माने शक्कर ( यह बहोत नुकसानकारक सफेद जहर है ), …………रासायनिक यां जैविक खेतीसे पैदा गन्नेसे निर्मित गूड, जिसके निर्मितीके समय हैड्रस पावडर जैसा रसायनका उपयोग किया गया हो,…..ऐसे गूडका त्याग………..मैदा,…रवा……चाय…….काफी……जर्सी होलस्टीन जैसे विदेशी गायका नुकसानकारक दूध,….कृत्रीम वनस्पती घी और उसका उपयोग करके निर्मित सभी प्रकारके खाद्य पदार्थ,….. सभी प्रकारकी सफेद चीनीसे ,विदेशी गायके दूधसे और वनस्पती घीसे निर्मित सभी प्रकारकी मिठाईयाॅ,श्रीखंड, बासुंदी, रबडी, गुलाबजाम,और अन्य मीठे पदार्थ,……..खट्टा दही…..बहोत ज्यादा खट्टे फल……..सभी प्रकारके कृत्रीम पेय जैसे कोका कोला माने सभी बेव्हरेज………लिंबू रस मिलाया गन्नेका रस………बासा दिनका निर्मित खाना शामको नही खाना है……..उमरके पचास सालके बाद रोटी या पके चावलके साथ दाल नही खाना है और दाल चावलसे बनी खिचडी नही खाना है……..तले हुए पदार्थ नही खाना है………बिस्कीट, गोली, केक, डबल रोटी,और अन्य कृत्रीम मिठे खारे पदार्थ नही खाना है…………अंडी और मांसाहार बंद करना है……….ब्रश और टुथपेस्ट,…. साबू, …सेव्हींग लोशन और ब्रश, सौंदर्य प्रसाधन,…..कृत्रीम पाॅलीएस्टर के कपडे……मच्छर भगानेके लिए उपयोगमे लाये साधन…..और अशुद्ध पानी…विदेशी दवाएॅ और आयुर्वेदिक भस्म, रसायन,और अन्य ऐसी सभी मानव निर्मित बाह्य वस्तुएॅ जिनकी शरीरको वास्तवमे आवश्यकताही नही है उन सभीका त्याग…..! मै ईन सभीका त्याग किया है और चमत्कारिक स्वास्थ्यलाभ ले रहा हूॅ….,,,,
……सुभाष पालेकर, अमरावती, विदर्भ प्रदेश
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