श्रीगणेश जी के जन्मदिवस पर खास प्रस्तुति
गणेश चतुर्थी को भगवान गणपति जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का पूजन किया जाता है
। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी और संकट से मुक्ति दिलाने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से सभी विघ्न बाधाएं दूर होती हैं। बृहस्पतिवार, 3 मई को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत का दिवस है।
भगवान गणपति जी जो ज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च हैं, सभी तरह के विघ्न हरने के लिए पूजे जाते हैं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन से सभी तरह के विघ्नों से मुक्ति मिलती है।
“सिद्ध-बुद्धि सहित महागणपति जी आपको नमस्कार है”,
इस वाक्य के साथ बप्पा की पूजा करने के बाद गणेश मंत्र ‘श्री गणेशाय नम:’ अथवा ‘ॐ गं गणपतये नमः’
गणेश मंत्र का जाप उत्तम है।
‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जाप समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त ?