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परमार्थ निकेतन में पाँच दिवसीय क्रिया योग प्रशिक्षण शिविर का समापन दल चार धाम यात्रा के लिये रवाना

Pahado Ki Goonj

परमार्थ निकेतन में पाँच दिवसीय क्रिया योग प्रशिक्षण शिविर  का समापन 
चार धाम यात्रा के लिये रवाना हुआ योगियों का दल
दैनिक जीवन में अपनाएं योग, रहें निरोग- स्वामी चिदानन्द सरस्वती  
क्रिया योग अपनी जीवन ऊर्जा पर महारत पाने का मार्ग

ऋषिकेश, 25 अप्रैल। परमार्थ निकेतन में विश्व के कई देशों से आये योग जिज्ञासुओं ने 21 अप्रैल से 25 अप्रैल तक चलने वाले क्रिया योग प्रशिक्षण कोर्स का आज समापन हुआ। क्रिया योग प्रशिक्षण के पश्चात योगियों के दल ने गंगा स्नान, हवन और ऋषि-मुनियों और परमार्थ ऋषिकुमारों को भन्डारा करा कर चार धाम यात्रा के लिये रवाना हुये।
शिविर में इन्डोनेशिया, थाईलैण्ड, रोमनिया, ब्राजील, अमेरिका, चीन, नार्वे, लंदन, हांगकांग नेपाल सहित विश्व के कई देशों के 25 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभाग किया। देश विदेश से आये प्रतिभागीयों ने योग, प्राणायाम, ध्यान, गंगा स्नान, यज्ञ, संगीत, मंत्र उच्चारण आदि अनेक विधाओं का अभ्यास किया। योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती जी एवं योगाचार्य डाॅ इन्दू शर्मा जी के निदेशन में योगियों ने मानव जीवन के लिए योग को एक महत्व को बताते हुये योग की विधाओें का अभ्यास कराया। योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती जी ने योग निद्रा का अभ्यास कराते हुये योग के महत्व के विषय में जानकारी दी।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता तथा ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि ’योग और प्राणायाम एक ऐसी क्रिया है जिसे  प्रतिदिन दैनिक जीवन में अपनाया जाए तो शरीर हमेशा स्वस्थ, ऊर्जावान बना रह सकता है। योग से निरोग काया और मेधाशक्ति का भी निरंतर विकास किया जा सकता है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि योग के माध्यम से शरीर को रोगमुक्त कर एक शान्त विश्व का निर्माण किया जा सकता है। स्वामी जी ने कहा कि क्रिया योग आंतरिक शुद्धीकरण, ईश्वर-बोध, यथार्थ-ज्ञान एवं आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने की एक प्राचीन वैज्ञानिक प्रणाली है।
ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि योग एक शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने योग को तनाव मुक्ति का बेहतर माध्यम बताया और कहा कि योग अपनाने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है; रोगाणुओं का आक्रमण में कमी आती है; योग के द्वारा शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है तथा प्रत्येक अंग मंे ऊर्जा का संचार होता है।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, बो विगं रेन वाॅग, हो टाई रिकी वाॅन, हो यान ली, ला ई वान, यंुग हो काॅग, किट लिंग हो, पी सान डू, सू फुंग ची युंग, सु यांग वान, बोन्ग गर्म फ्रा, चीनाफाॅव, आरला कोल फ्रिरेमेहा, विक्टर जे जे नारू, लिण्डेन अल्र्डर, लियेना सिल्वर एवं अन्य योगियों ने मिलकर विश्व में सभी को स्वच्छ जल एवं सैनिटेशन की सुविधा उपलब्ध हो इस भावना से ’वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी’ सम्पन्न की। पूज्य स्वामी जी ने शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।

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