अधार को लिंक कराने पर आज सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
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सुप्रीम कोर्ट ने भी लगभग उन्ही कारणो से इस पर अन्तरिम रोक लगाई है जिस पर सभी तटस्थ लोगों का एकमत है l
अlधार दरअसल सिर्फ एक यूनिक ID और भारतीय कल्याणकारी भुगतानों को सुदृढ़ बनाने के लिए 2009 में शुभारंभ किया गया था l
और अगस्त 2017, मे शीर्ष अदालत ने कहा कि गोपनीयता मौलिक अधिकार है l
समीक्षक डेटा उल्लंघनों के बारे में चिंतित हैं और बार-बार कहते हैं कि आधार आईडी पर्याप्त किसी व्यक्ति की खर्च करने की आदतों, उनके दोस्तों, उनकी संपत्ति की पूर्ण प्रोफ़ाइल बनाने और अन्य जानकारी का एक जगह पर बनाने के लिए पर्याप्त डेटा लिंक करता है| और सरकार की नीयत पर सबको संदेह है कि वो भ्रस्टाचार , अंतांकवादियो को रोकने , टेक्स चोरी आदि का बहाना और डर दिखा कर सरकार जनता को भ्रमित करके कहीं सभी विरोधियों के ऊपर निगरानी रखना तो उदेश्य नहीं हैं ? और साथ साथ लोगों का ध्यान मूल समस्या बेरोजागारी , महंगाई , खराब आर्थिक स्थिती से हटाने का तो नहीं है ??
सोचियेगा जरूर l
जो दिख रहा है वो बिक रहा है ,पर क्या वो असलियत है ?
इन्तजार करिये सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश आने का।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की
Tue Mar 13 , 2018