शीतकालीन चारधाम तीर्थ दर्शन यात्रा जगद्गुरु पितृ स्वमिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘1008’ जी महाराज के सान्निध्य में विकास के लिए सफल हो रही है
चंडीघाट पर गंगा आरती हुई।
‘परमाराध्य’ परमधर्माधिकारी उत्तराम्नाय ज्योतिषीपीठाधीश्वर अनंतश्रीविभूषित जग्गुरु संत स्वमिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘1008’ जी महाराज के सान्निध्य में यह ऐतिहासिक यात्रा निकलने वाली है।
लगभग 5 शताब्दी के बाद ज्योतिर्मठ के 56 वें राजकुमार इस शीतकालीन चारधाम यात्रा को मूर्तिरूप दे रहे हैं। पहाड़ों की गूंज हिन्दी सा समाचार पत्र ने सरकार से धर्म सम्राट स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ जी महाराज के सान्निध्य में इस ऐतिहासिक यात्रा में राज्य, एवं देश हित में सकारात्मक भूमिका निभाई है, इसके लिए सरकार को आगे बढ़ना चाहिए! सरकार को जो काम करना चाहिए वह पितृ जी एक साल पहले से कर रहे हैं उत्तराखंड को सीरिया जैसे होने से बचने के लिए सरकारी अधिकारियों को जगाने का काम कर रहे हैं लेकिन सरकारी अधिकारियों की जांच करने की इच्छा शक्ति नहीं है यह दुख की बात है देर तक आये, दुरूस्त आये, तैयार हो रहे हैं, अच्छा प्रयास है महाराज श्री की कृपा हो रही है!
आज यह यात्रा यमुना जी की शीतकालीन पूजा स्थली सुखीमठ है जिसे खरसाली और सुखीमठ भी कहते हैं वहां पहुंच कर दर्शन पूजन किया गया अपार जनसमुदाय ने जगह जगह स्वागत सत्कार यात्रियों का किया
*आज प्रातः काल उत्तरकाशी से शीतकालीन भगवान भगवान के दर्शन के लिए उखीमठ की ओर प्रस्थान*
*उत्तरकाशी में भगवान काशी विश्वनाथ जी के मंगलमय प्रभात दर्शन एवं महाआरती में शामिल हुए पूज्यपाद पितृ जी महाराज*
देश के सनातनियों की शीतकालीन चारधाम यात्रा में एक प्रेरणा प्रस्ताव की
*आज मध्याह्न घनसाली में अल्पविश्राम कर ऊखीमठ की ओर प्रस्थान कर रहे हैं* श्री पिता जी और उनके साथ आए विश्राम औ के स्वागत सत्कार के लिए श्री मंदिर धाम के ई ओ रा में श तिवारी जी से सम्पादक जीत मणि पैन्यूली ने रात्रि में और 10 बजे सुबह ई. ओ. तिवारी जी ने कहा कि मैं ओंकारेश्वर मंदिर में श्री जगदगुरु के स्वागत के लिए कार्यालय और ओंकारेश्वर मंदिर में आया था! वहां महाराज एवं अतिथियों का भव्य स्वागत होगा