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गुड न्यूज़,नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ने हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का किया अनुरोध जानिए समाचार

Pahado Ki Goonj

नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ने हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का किया अनुरोध

*-ऊर्जा की कमी को पूरा करने हेतु राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने का किया अनुरोध

*-लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का किया अनुरोध

पी.एम कृषि सिंचाई योजना’ की गाईडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रतिभाग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में उत्तराखण्ड भी निरंतर कार्य कर रहा है। उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है, इस बार के केन्द्रीय बजट में इसको दृष्टिगत रखते हुए विशेष वित्तीय प्राविधान किये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक को उत्तराखण्ड में पारित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दिया है, इस समस्या के समाधान के के लिए भू जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया है, जो जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकि सहयोग का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिसके लिए कलस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण साबित होंगे। उत्तराखण्ड में पायलट प्रोजक्ट के रूप में दो रूरल इंक्यूबेशन सेंटर तथा 110 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये गये हैं। उन्होंने इंक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से तकनीकि और वित्तीय सहयोग के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का अनुरोध किया। ‘पी.एम कृषि सिंचाई योजना’ की गाईडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाईमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत उत्तराखण्ड सरकार ईकोलॉजी और ईकॉनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की शुरूआत की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी विकसित राष्ट्र में उनके शहरी क्षेत्र ग्रोथ इंजन के रूप में विशेष योगदान देते हैं। रोजगार सृजन बड़े शहरों में अधिक होता है, जिस कारण इन शहरों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण मूलभूत सुविधाएं देना कठिन हो जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच ‘काउंटर मैग्नेट एरियाज’ विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना शोध विकास एवं नवाचार के लिए ए.आई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गये थे, उन प्रस्तावों पर हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष में विशिष्ट नीतियां बनाने का उन्होंने अनुरोध किया।

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मुख्यमंत्री ने भिलंगना विकासखंड टिहरी के बाल गंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव एवं राहत कार्य संचालित करने के अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकासखंड के बाल गंगा एवं बूढ़ा केदार में हुई भारी बारिश और भूस्खलन से हुई क्षति पर गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे एवं जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित को राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाए जाने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने घटना के प्रति दुख व्यक्त करते हुए टिहरी के प्रभारी मंत्री  प्रेमचंद अग्रवाल को घटना स्थल पर जाकर राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने टिहरी जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्र के संवेदनशील गाँवों को तत्काल चिन्हित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि स्थानीय निवासियों के साथ ही मवेशियों एवं अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि राहत कैंप में बिजली, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाए तथा पीड़ितों को अनुमन्य राहत राशि भी तुरंत प्रदान की जाए।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकास खण्ड के बालगंगा क्षेत्र में रात को भारी बारिश और भूस्खलन से तोली गांव में एक मकान में मलवे से दो महिलाएं दबने की सूचना प्राप्त हुई थी। एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य विभाग की टीमें तत्काल मौके के लिए रवाना हुई तथा खोज एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। मकान के उपर सीसी मार्ग का मलवा आने से क्षतिग्रस्त हुआ। एक अति संवेदनशील श्रीमती पूर्णिमा देवी के घर के समान को शिफ्ट किया गया है।

उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम ने मलवे से सरिता देवी पत्नी वीरेंद्र सिंह तथा अंकिता पुत्री वीरेंद्र सिंह के शवों को निकाला गया है जबकि एक घायल वीरेंद्र सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद पीएचसी बेलेश्वर में भर्ती किया गया है। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख के राहत राशि के चेक दिये गये है। तथा आवास क्षति का 01 लाख 35 हजार रुपए का चेक तत्काल उपलब्ध कराया गया। इसके साथ 2 पशु हानि की जांचोपरांत मुआवजा राहत राशि के चेक वितरित किए गए। इसके अतारिक्त थाती बुढ़ाकेदार नाथ में पूल के पास एक घर बहा है । धाम के गेट के नीचे बाजार में नदी के जलस्तर से खोखली हो रही सड़क के पास स्थित घर और दुकानों को खाली कराया जा चुका है। वह भी कटाव में बह गये है उसका विडिओ सोशियल वायरल होरहा है। तोली गांव भिलांगना में मलबा आगया  ज्यादा मकान जमजोद होगये।

 

भिगुन का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मलबा आने से छतिग्रस्त होगया है जिससे विद्यालय की सम्पूर्ण सामग्री के साथ साथ बच्चों के रिकार्ड नष्ट होने की अशंका बनिहुई है 

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