HTML tutorial

पसली का दर्द छाती का दर्द विभिन्न औषधियों से उपचार

Pahado Ki Goonj

काली हल्दी स्वास्थ्य बर्धक है  निरोग होने के लिए 2 ग्राम गुनगुने पानी सुबह खाली पेट  , दूध, शहद, मट्टा के साथ लीजिये, ज़ब तम्बाकू बीड़ी  शराब  की इच्छा हो तब एक ग्राम मुँह में रख एक मिनट बाद निगल  लीजिये। शरीर  साफ धुल कर काली हल्दी  को  शहद के साथ  आंख,कान,  छोड़कर   लेप करने के 30 मिनट बाद से  स्नान करने के बाद गर्मियों में सुंदरता  बनी रहती है। अपने पास रखने पर सुरक्षा होती है कार्य सिद्धि के लिए टिका लगाए।

Telegram link
https://t.me/prerakkathaye
*पसली का दर्द | Ribs pain & *छाती का दर्द | Chest pain*

*विभिन्न औषधियों से उपचार :*
*फेफड़ों में कफ जम जाने के कारण नसे जकड़ जाती है जिसके कारण रोगी की पसलियों में दर्द होने लगता है। कभी-कभी जब ठंड लग जाती है तो कफ ऊपर की ओर रुक जाता है, बाहर नहीं आ पाता है जो लोग अधिक गैस पैदा करने वाले पदार्थ खाते हैं। उनको भी यह रोग हो जाता है। यह रोग ठड़ा मौसम और ठडी चीजे खाने से उत्पन्न होता है।*

*लक्षण :*

*शरीर में वायु के प्रभाव के कारण दर्द शुरू हो जाता है। सबसे अधिक दर्द छाती में होता है। रोगी के माथे पर पसीना आता रहता है जिससे रोगी की बेचैनी बढ़ जाती है।*

*भोजन तथा परहेज :*

*इस रोग के रोगी को ठंड और ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस रोग में हल्के गर्म तेल की मालिश करें जिससे कि ठंडक दूर होकर रोग में लाभ हो।*

*छाती के दर्द से पीड़ित रोगी को चावल, खुश्क चीजे, तली हुई वस्तुएं आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। रोगी को खट्टी चीजों को सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे छाती की जलन बढ़ती है।*

*ठंड़ा दूध दिन में कई बार सेवन करना चाहिए। हरा धनिया और पोदीने की चटनी खानी चाहिए। भोजन के बाद टहलना भी रोगी के लिए बेहद लाभकारी होता है।*

*विभिन्न औषधियों से उपचार-*

*सरसों : 20 ग्राम अजवाइन और 5 लहसुन की कलियां (पुती) को 250 मिलीलीटर सरसों का तेल में मिला ले, फिर उसके बाद सरसों के तेल को हल्की आग पर गर्म करें। तेल जब आधा रह जाये तो उसे छानकर शीशी (छोटी बोतल) में भर लें। इस तेल को छाती और पसलियों पर मलने से तुरन्त आराम मिलना है।*

*लहसुन : लहसुन का रस और आधा चुटकी श्रृंगभस्म-दोनों को मिलाकर शहद के साथ खाने से पसलियों के दर्द में आराम मिलता है।*

*कपूर : कपूर के तेल से छाती और पसलियों पर करने से पसलियों का दर्द में ठीक हो जाता है।*

*लौंग : लौंग को मुंह में रखकर चूसने से खांसी कम होती है और कफ आराम से निकल जाता है। खांसी, दमा श्वास रोगों में लौंग के सेवन से लाभ पहुंचता है।*

*दूध : दूध में 5 तुलसी के पत्तों और लौंग को डालकर उसे उबालकर बच्चों को पिलाने से बच्चों की छाती मजबूत होती है तथा रोग ठीक होता है।*

*हींग : हींग को पानी में घिसकर उसका लेप करने से पसलियों का दर्द दूर होता है।*

*सौंठ : 30 ग्राम सौठ कूट कर आधा लीटर पानी में उबालकर पीने से पसलियों में किसी भी प्रकार का दर्द ठीक हो जाता है।*

*शहद : सिंदूर की थोड़ी मात्रा शहद में मिलाकर साफ कपड़ें पर लगाकर कपड़े को पसलियों के दर्द वाले जगह पर चिपका दें और पसली की सिकाई करें तो रोग में जल्द आराम मिलता है।*

*पानी : हल्का गर्म पानी करके पीने से रोग ठीक होता है।*

*अजवायन : 1 चम्मच अजवायन 250 मिलीलीटर पानी में उबालें, चौथाई भाग शेष रहने पर काढ़े को छानकर रात को सोते समय गरम करके 2 चम्मच रोजाना रात को पी कर सोने से 2-4 दिन में ही रोग में आराम मिलता है।*

*धतूरा : धतूरा का रस और मकुइया के रस को हींग और बारहसिंगा के सींग को घिसकर उसे पसली पर लेप करने से लाभ मिलता है।*

*नीलाथोथा : 1 ग्राम शुद्ध नीलाथोथा और 10 ग्राम कंजा के बीजों को पीसकर इडोरन के फल के गूदे (फल के बीच का हिस्सा) में मिला लें। इससे लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की गोलियां बनाकर पसलियों पर बांधने से रोग में आराम मिलता है।*

*आक : आक के दूध में थोडे़ से काले तिलों को खूब खरल कर जब पतला सा लेप सा हो जाए तो उसे गरम कर पसली के दर्द वाले स्थान पर लेप कर दें और ऊपर से आक के पत्तों पर तिल का तेल चुपड़कर तवे पर गरम कर उस स्थान पर पट्टी से बांधने पर शीघ्र लाभ होता है।*

*सौंठ : 30 ग्राम सौंठ को 500 लीटर पानी में उबालकर और छानकर यह 4 बार पीने से पसली के दर्द में राहत मिलती है।*

*शहद : सांभर सींग को पानी में घीसकर शहद के साथ मिलाकर पसलियों पर लेप करना चाहिए।*

*नींबू : नींबू का रस 10 मिलीलीटर, जवाखार 3 ग्राम और शहद 6 ग्राम मिलाकर पीने से पसली का दर्द, हृदय (दिल) और पेट का दर्द दूर होता है।*

*करंजवा : करंजवे की गिरी, पीपल, अदरक का रस और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें। यह 1-1 गोली दिन में 2 से 3 बार खाएं। इससे छाती का दर्द समाप्त हो जाता है।*

*मदार : मदार का पत्ता और कालीमिर्च को पीसकर गोली बना लें और यह 1-1 गोली दिन में 2 बार 5 दिनों तक सेवन करें और साथ ही बारहसिंगा का सींग घिसकर छाती पर लेप करें। इससे छाती का दर्द ठीक होता है।*

*नील चूके : सीने के दर्द में नील चूके की लकड़ी 4 ग्राम और मालकंगनी 1 ग्राम को पानी में पीसकर चने के समान गोली बनाकर 1-1 गोली प्रतिदिन खाने से छाती का रोग दूर होता है। इस औषधि का उपयोग करते समय खटाई या मिर्च का सेवन बिल्कुल न करें।*

*अलसी : छाती के दर्द से पीड़ित रोगी को अलसी और इम्पद की चटनी में शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए। इसके प्रतिदिन सेवन से दर्द में आराम मिलता है।*

*बहेड़ा : छाती के दर्द में बहेड़ा जलाकर चाटने से दर्द में आराम मिलता है।*

*गाजर : गाजर को उबालकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करने से छाती का दर्द समाप्त होता है।*

*कपूर : कपूर की धुनी श्वासेच्छास के साथ देने से छाती का रोग ठीक होता है।*

*अरीठा : अरीठे की छाल प्रतिदिन खाने से छाती में जमा कफ पतला होकर निकल जाता है और छाती की जकड़न व दर्द ठीक होता है।*

*अनार :अनार का रस और एक ग्राम सोनामक्खी का चूर्ण मिलाकर छाती दर्द से पीड़ित रोगी को पिलाने से दर्द शान्त होता है। अनार का 10 मिलीलीटर रस और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से हृदय मजबूत होता है और छाती का दर्द दूर होता है।अनार के पत्तों का काढ़ा 10-20 मिलीलीटर की मात्रा में दिन में 2 बार पीने से छाती का घाव व दर्द ठीक होता है।*

*धनिया : गर्मी के कारण, बासी भोजन करने, खट्टी डकारें आने, अम्लपित्त बनने के कारण रोगी की छाती में जलन होती है। जलन के कारण रोगी बड़ी बेचैनी महसूस करता है, अधिक घबराया रहता है और उसे ऐसा महसूस होता है जैसे उसका हृदय बैठा जा रहा है। ऐसी अवस्था में रोगी को 5 ग्राम सूखा धनिया, 2 ग्राम कालानमक, 1 ग्राम हींग और 5 ग्राम अजवायन को मिलाकर चूर्ण बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन करना चाहिए। इससे छाती की जलन दूर होती है।*

*निरोगी रहने हेतु महामन्त्र*

*मन्त्र 1 :-*

*• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें*

*• ‎रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें*

*• ‎विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)*

*• ‎वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)*

*• ‎एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)*

*• ‎मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें*

*• ‎भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें*

*मन्त्र 2 :-*

*• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)*

*• ‎भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)*

*• ‎सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये*

*• ‎ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें*

*• ‎पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये*

*• ‎बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूर्णतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें*

*उस भोजन को ग्रहण कदापि न करें जिसे बनते हुए सूर्य प्रकाश न मिला हो अर्थात (कुकर का, फ्रीज़ का रखा व माइक्रोवेव का बना हो)

*भाई राजीव दीक्षित जी के सपने स्वस्थ समृद्ध स्वदेशी स्वावलंबी स्वाभिमानी भारत के निर्माण में एक पहल आप सब भी अपने जीवन मे भाई राजीव दीक्षित जी को अवश्य सुनें*

*स्वदेशीमय भारत ही हमारा अंतिम लक्ष्य है :- भाई राजीव दीक्षित जी*

मैं भारत को भारतीयता के मान्यता के आधार पर फिर से खड़ा करना चाहती हूँ उस काम मे लगी हुआ हूँ

Next Post

गुड न्यूज़ मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आम जनता से भी अपील की है कि जालसाजों से सचेत रहे जानिए समचार

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आम जनता से भी अपील की है कि जनता इस प्रकार के जालसाजों से सचेत रहे। हे तथा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार से ही संपर्क करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा जन्म -मृत्यु पंजीकरण के फर्जी मामलों की […]

You May Like