संस्कारशाला कि बैठक छ्वि – बात ह्वे सम्पंन्न।
अपणि-बोलि,सरल-व्यवहार-मयाळि-भूमि, उंचा संस्कार।
ऋषिकेश ढालवाला- संस्कारशाला कार्यालय द्वारा आज अपणि बोलि भाषा गढवाळि मा एक बैठक अर छ्वि- बात कु आयोजन करे गई। यां कु प्रसारण फेस बुक लाइव माध्यम सि भि करे गई। बैठक मा मुख्य अतिथि गढ़भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति का अध्यक्ष -आशा राम व्यास जी न बताइ कि हम सणि अपणि बोलि भाषा अर रीति रिवाज सणि बचाण कि कोसिस जारी रखण होलि। ये मां मातृ शक्ति कु सबसि मुख्य भूमिका रै सकदि। हम सणि अपणा घर, चूल्हा-चौका मां अपणि बोलि भाषा बोलीं
छैदि उपाध्यक्ष घनश्याम नौटियाल जी न अपणा द्यो द्यबतौ सणि पुजण अर गौं बटि पलायन पर चिन्ता जाहिर करि। वो न बतै कि कखि भि जावा पर घर गौं मा औंदि जांदि रवा।
संगठन मंत्री सुरेन्द्र भंडारी जी न बतै कि हम सणि गांव घरों मां उजा- पैंछा, की परम्परा
बचौंण कि आवश्यकता छन। देवभूमि उत्तराखण्ड मा कोई भि गरीब नि छन। दुनिया मा केवल यखि उजा पैछा कु रिवाज छन।
आवाज साहित्यिक संस्था का सचिव
डॉ सुनील थपलियाल “कर्मठ”जी न बताई कि गढवाळि भाषा तैं आठवीं अनुसूची मा शामिल कन्ने खातिर हम सणि एक बहुत बडा जन आन्दोलन की आवश्कता छन। वो न बतै कि आवाज साहित्यिक संस्था,गढ़ भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति अर संस्कारशाला का उद्देश्य एक ही छन। कार्यक्रम कु आयोजन अर संचालन संस्कारशाला का आचार्य- सन्तोष व्यास द्वारा करे गई। वो न बताई कि स्कूल का छोटा छोटा बच्चों का माध्यम सि हम अपणि बोलि भाषा अर संस्कारू कु बीजारोपण करि सकदा। वो न बोलि भाषा, रीति- रिवाज अर संस्कृति का खातिर काम कन वाळा सभि लोगु सणि धन्यवाद दीनि। अर बतै कि औखाण अर गढवाळि शब्द सम्पदा पुस्तक पर द्रुतगति का साथ मा काम होणु छन।
अंत मा कार्यक्रम अध्यक्ष अर मुख्य अतिथि
आशाराम व्यास जी न सभि ऑनलाइन लाइव देखण वाळा देव तुल्य दर्शक सणि धन्यवाद दिनि अर कार्यक्रम समापन की घोषणा करि। कार्यक्रम मा समाजसेवी श्रीमती- शकुन्तला व्यास अर आचार्य साधना कुमारी भी सहयोगी रै