*राजभवन देहरादून 05 दिसम्बर, 2022*
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को देहरादून के प्रीतम रोड स्थित डॉ. बलबीर सिंह साहित्य केंद्र में पंजाबी यूनिवर्सिटी द्वारा ‘भाई वीर सिंह जी’ की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने डॉ. बलबीर सिंह साहित्य सदन में रखे सिख साहित्य की जानकारी भी ली। इस दौरान उन्होंने दो पुस्तकों का विमोचन भी किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हम सब को गुरु नानक जी के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए, जिसमें करुणा मानवता के बारे में बताया गया है। राज्यपाल ने कहा कि भाई वीर सिंह जी ने अपने विस्तृत शोध के माध्यम से सिख साहित्य से उल्लिखित मानवता, भाईचारा, करूणा, सेवा जैसे गुणों के महत्व को स्थापित किया है। राज्यपाल ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि वीर सिंह जी के सोच, विचार और धारणा को आगे बढ़ाया जाए।
राज्यपाल ने वहां मौजूद सिख समुदाय से आह्वान करते हुए कहा कि हम सब को मिलजुल कर एकता के भाव से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मौके पर हम सब को संकल्प लेना चाहिए कि इस साहित्य केंद्र को उच्च स्तरीय तकनीक का प्रयोग कर देश और विश्व पटल तक ले जाया जाए। राज्यपाल ने डॉ बलबीर सिंह साहित्य केंद्र के पदाधिकारियों से अपेक्षा की है कि भविष्य में इस केंद्र को सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस के तौर पर विकसित किया जाए। इसके साथ ही इस केंद्र में आईएएस/आईपीएस परीक्षा हेतु कोचिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाए। राज्यपाल ने हेमकुंट साहिब हेतु प्रस्तावित रोपवे के स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सिख समुदाय के पवित्र धाम श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा को सुलभ बनाने के दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है।
गोष्ठी के दौरान वक्ताओं द्वारा बताया गया कि 5 दिसंबर 1872 को अमृतसर में जन्मे भाई वीर सिंह जी को आधुनिक पंजाबी भाषा का जनक कहा जाता है, जिन्होंने अपने उपन्यासों, नाटकों, कविता, पवित्र इतिहास, संपादकीय नोट्स और संपादित कार्यों के माध्यम से लोगों के मन में पंजाबी और सिख साहित्य के लिए प्रेम पैदा किया। ‘भाई वीर सिंह जी’ को उनके साहित्यिक योगदान के कारण ‘पद्म भूषण’ और अनेक सम्मानों से समय-समय पर विभूषित किया गया। देहरादून ‘भाई वीर सिंह जी’ से जुड़ा हुआ है, क्योंकि वे गर्मी के दिनों में अपने घर प्रीतम रोड, डालनवाला में रहते थे और साहित्य की रचना करते थे।
कार्यक्रम में हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बिंद्रा, पंजाबी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अरविंद, डॉ. जसपाल कौर नारंग, संत जोत सिंह, डॉ परमवीर समेत अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।आगेपढें
राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जरनल गुरमीत सिंह (से नि) से सोमवार को राजभवन में उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर ओमप्रकाश नेगी ने शिष्टाचार भेंट की। कुलपति प्रो. नेगी द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा “दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2021” से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति व उनकी पूरी टीम को इस उपलब्धि हेतु बधाई व शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कहा कि यह उत्तराखण्ड के लिए गौरव की बात है कि देश के 890 शैक्षिक संस्थानों व विश्वविद्यालयों में से उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को पुनर्वास पेशेवरों के विकास (विशेष शिक्षकों को तैयार करने) हेतु चुना गया है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से अपेक्षा की है कि भविष्य में दिव्यांगजनों हेतु इस दिशा में और अधिक व्यापक स्तर पर कार्य होंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओमप्रकाश सिंह नेगी द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि यह पुरस्कार विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांगजनों के लिए पुनर्वास पेशेवरों को तैयार किए जाने व विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं को निराकरण हेतु दिया गया है। उन्होंने बताया कि देश में विशेष शिक्षकों की कमी की समस्या दूर करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा बीएड विशेष शिक्षा पाठयक्रम के माध्यम से विशेष शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। इस दौरान विश्वविद्यालय के विशेष शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक व पाठयक्रम समन्वय डॉ. सिद्धार्थ पोखरियाल भी मौजूद रहे।
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राजभवन देहरादून 06 दिसम्बर, 2022
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में मंगलवार को भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौक़े पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको उनके दिखाए गए सामाजिक न्याय और समरसता के मार्ग पर चलना चाहिए। बाबा साहब के महान आदर्श एक श्रेष्ठ समाज और मज़बूत लोकतांत्रिक व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करते हैं।आगेपढें
*राजभवन देहरादून 06 दिसम्बर, 2022*
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) से मंगलवार को राजभवन में उद्यान विभाग के अधिकारियों व मौन पालनों ने मुलाकात कर प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादित शहद एवं पॉलेन (पराग कण) भेंट किया। राज्यपाल के निर्देश पर उद्यान विभाग द्वारा वैली ऑफ फ्लावर्स के आसपास के क्षेत्र गोविंदघाट, घाँघरिया व चोपता के आसपास बसंत उत्सव के समय 10 बॉक्स लगाए गए थे, इन 10 बॉक्स से उच्च गुणवत्ता का 300 किलो शहद उत्पादित किया गया है। जिसमें रानी मधुमक्खी के लिए मधुमक्खियों द्वारा उत्पादित रॉयल जैली शहद भी शामिल है।
राज्यपाल ने कहा कि पॉलेन में अत्यंत औषधीय गुण शामिल होते हैं, और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कम उपलब्धता के कारण डिमांड बहुत अधिक है। राज्यपाल ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में “मनी फ्रॉम हनी” का लक्ष्य लेकर मौन पालन से संबंधित सभी अभियानों को प्रोत्साहन दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादित शहद के जरिए किसानों को सीधा आर्थिक फायदा पहुंचेगा।
प्रभारी उद्यान, राजभवन दीपक पुरोहित ने बताया कि वसंतोत्सव के समय राजभवन में मौन पालन हेतु 10 बॉक्स लगाए गए थे जिससे 110 किलो शहद उत्पादित किया गया। जिसके बाद राज्यपाल द्वारा 10 बॉक्स उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगाने के निर्देश दिए गए थे। उन्हीं 10 बॉक्स से 300 किलो उच्च गुणवत्ता का शहद उत्पादित किया गया।
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*राजभवन देहरादून 06 दिसम्बर, 2022*
राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को नंदा की चौकी स्थित टॉन्स ब्रिज स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने इस दौरान मेजर जनरल जी डी बख्शी (से नि) द्वारा लिखित दो पुस्तक “The quantum book of SOMA” व “ Russia Ukraine war: Lesson Learnt” का भी विमोचन किया।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सेना से अपनी सेवाएं पूर्ण करने के बाद देश, समाज, संस्कृति, सभ्यता और हमारी आने वाली पीढ़ी से कैसे जुड़े रहा जा सकता है, इस बात को हम जनरल बख्शी से सीख सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि जनरल बख्शी के साथ उन्हें तीन बार काम करने का मौका मिला, जिस दौरान उन्होंने बहुत कुछ नया सीखा।
राज्यपाल ने कहा कि हमको पता होना चाहिए कि हमारी जड़ और पहचान क्या है। उन्होंने कहा हम सबको अपनी धरोहर पहचानना ज़रूरी है। राज्यपाल ने कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब नेतृत्व करने वाला बने, इसके लिए हम अपने आप में नेतृत्व की शक्ति को विकसित करें।
राज्यपाल ने “यूक्रेन-रुस युद्ध” पर लिखी पुस्तक के बारे में कहा कि इस पुस्तक में 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध और 2021 से शुरू हुए यूक्रेन-रुस युद्ध के तौर तरीकों की तुलना की है। राज्यपाल ने कहा कि आज के दिन भारत भी दो मोर्चों पर खड़ी चुनौती का जवाब दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा देश चीन-पाकिस्तान को गलवान और बालाकोट में करारा जवाब दे चुका है।
राज्यपाल ने “क्वांटम बुक ऑफ़ सोमा” के बारे में कहा कि सोमा को ऋग्वेद के नौवें मण्डल में वर्णित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने वेद पुराणों के ज्ञान को जानना ज़रूरी है। राज्यपाल ने कहा कि जिस दिन हम अपना इतिहास जानना शुरू कर देंगे उस दिन भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
कार्यक्रम में पूर्व सैन्य अधिकारियों के साथ ही स्कूल के छात्र-छात्राएँ भी उपस्थित रहे।